भारत में महिलाएं सबसे अधिक तनाव का शिकार हो रही हैं। हाल ही में एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। एक प्रतिष्ठित कंपनी ने एक रिपोर्ट जारी कर महिलाओं की मानसिक स्थिति पर अध्ययन किया है। इसके अनुसार भारतीय महिलाएं अन्य देशों की महिलाओं की तुलना में सबसे अधिक तनाव का सामना करती हैं। खासतौर पर कोरोना महामारी के बाद महिलाओं में मानसिक परेशानी की समस्या अधिक बढ़ती हुई दिखाई दी है। एक प्रतिष्ठित कंपनी ने 10 अन्य देशों की महिलाओं पर भी इसी तरह का एक सर्वे किया है। इसके बाद यह रिपोर्ट जारी किया है कि साल 2022 की तुलना में भारतीय कामकाजी महिलाओं में तनाव के मामले साल 2023 में अधिक बढ़े हैं। ज्यादातर कामकाजी महिलाओं में काम के बढ़ते दबाव और ऑफिस की अन्य परेशानियों के कारण सबसे अधिक तनाव की स्थिति का सामना करना पड़ा है, जिसकी वजह से महिलाओं के स्वभाव में पहले से अधिक बदलाव आया है। चिड़चिड़ापन, गुस्से के साथ वह अकेलेपन का शिकार अधिक हो रही है। दूसरी तरफ काम करने वाली महिलाओं को भी आर्थिक और सामाजिक कारणों से भी तनाव के ग्राफ में बढ़त दिखाई दी हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि घरेलू महिलाओं की तुलना में कामकाजी महिलाएं डिप्रेशन की समस्या से सबसे अधिक जूझ रही हैं। इसकी वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। गौरतलब है कि भारतीय महिलाओं में बढ़ते हुए तनाव के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। ऐसे में महिलाओं को खुद को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति और अधिक जागरूक होने की जरूरत है।
*Image used is only representation of the story