रक्षाबंधन के मौके पर उन रियल लाइफ बहनों का जिक्र जरूर होना चाहिए, जिन्होंने एक दूसरे का साथ देकर कई लोगों के लिए प्रेरणा बनी हैं। रक्षाबंधन के मौके पर बहनों की ये जोड़ी यह साबित कर रही है कि सफलता को पाने के लिए किसी सहारे नहीं, बल्कि एक दूसरे पर यकीन और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। देश में कई ऐसी बहनों की जोड़ियां हैं, जो कि आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन बन रही हैं। आइए जानते हैं विस्तार से उन बहनों की जोड़ी के बारे में, जो कि समाज में अपनी पहचान स्थापित कर चुकी हैं।
दो बहनें एक साथ बनेंगी डॉक्टर
राजस्थान के जयपुर जिले की जमवारामगढ़ तहसील के गांव नांगल तुलसीदास की दो बहनों ने अपनी प्रतिभा का नायाब परिचय दिया है। मिली जानकारी के अनुसार हनुमान सहाय की बेटी रितु यादव और नन्छु राम की बेटी करीना यादव ने घर की खराब आर्थिक स्थिति के बाद भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा-2023 ( NEET- UG Result) में अच्छे नंबरों से पास हो गई हैं। नीट (NEET)में रितु ने 654 अंक और करीना ने 680 अंक प्राप्त किए हैं। दोनों बहनें एक साथ डॉक्टर बनने की तैयारी शुरू करेंगी। जल्द ही अपने परिवार के साथ गावं का नाम भी रोशन करेंगी। ठीक इसी तरह श्रीनगर नौशेरा की तीन सगी बहनों ने भी नीट (NEET) की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली है। अर्बिश, रुतबा और तुबा चचेरी बहनें हैं। तीनों ने बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखा था, जो कि पूरा होने जा रहा है।
बहनों को मिली यूपीएससी सिविल सर्विस में सफलता
शिक्षा हमेशा से महिलाओं का बड़ा गहना रही हैं। ऐसे में कई सारी ऐसी बहनें रही हैं, जो कि यूपीएससी सिविल सर्विस में एक साथ टॉप पर रही हैं। दिल्ली की बहनों की जोड़ी अंकिता और वैशाली ने साल 2020 में परिवार के नाम को आसमान तक पहुंचाया। राजस्थान के सिकराय के खेड़ारीमला गांव की बहने अनामिका और अंजली मीना साल 2019 में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा में सफलता हासिल कर लोकप्रियता हासिल की। उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में रहने वालीं बहनें सृष्टि और सिमरन ने भी यूपीएससी क्लियर करके चर्चा हासिल की है।
स्विमिंग करने वाली भाई-बहन की जोड़ी
राजस्थान के कोटा के डीसीएम के भाई-बहन की जोड़ी ने भी अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते सफलता की नई कहानी लिखी है। भाई कुशाल सिंह और उनकी बहन भावना हाड़ा साल 2019 से स्विमिंग कर रहे हैं। दोनों ने ही अपने जिले और स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। दोनों ने साथ मिलकर ब्रांच से लेकर सिल्वर और गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। इतना ही नहीं भाई-बहन की ये जोड़ी साथ में मिलकर स्विमिंग की ट्रेनिंग भी लेते हैं। अपने इसी प्रतिभा के कारण भाई-बहन की जोड़ी स्विमिंग के लिए पूरे जिले की प्रेरणा बन गए हैं।
बहनों ने साथ मिलकर स्थापित किया करोड़ों का बिजनेस
केवल शिक्षा में नहीं, बल्कि बिजनेस के क्षेत्र में भी बहनों की जोड़ी ने अपनी सफलता का झंडा लहराया है। बेंगलुरु की दो बहनों सुहासिनी और अनिंदिता संपत ने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। इसकी खोज भी दोनों ने काफी दिलचस्प तरीके से की है। अनिंदिता संपत और सुहासिनी संपत साल 2012 में न्यूयॉर्क में रहती थीं। वहां पर दोनों अच्छी जगह पर नौकरी कर रही थीं साथ ही योग की क्लासेस भी लेती थीं। योग करने के दौरान दोनों ने प्रोटीन बार ली और यही से दोनों को योगा बार का आइडिया आया। इसके बाद, साल 2018 में उन्होंने काफी रिसर्च के बाद योगा बार लांच किया। नतीजा यह है कि बेंगलुरु में 5 हजार से अधिक दुकानों के साथ योग स्टूडियो में उनके योग बार की मांग है। उनके बिजनेस का करोड़ों का रेवेन्यू भी है।
छत्तीसगढ़ की बहनों ने भी कायम की मिसाल
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की दो बहनों ने भी अपनी मेहनत से चर्चा में आ गई हैं। दुर्ग के डुमरडीह की बहनें युक्ति चक्रधारी और यमुना चक्रधारी ईट बनाने के साथ-साथ पढ़ाई में भी सफलता हासिल की है। एक बहन ने यूनिवर्सिटी टॉपर और दूसरी ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की है। ये दोनों बहनें पूरे दिन में 8 से 10 घंटे तक ईट बनाने का काम करती थीं। इसके बाद घर का काम खत्म करके अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थीं। दोनों की यह मेहनत कई लड़कियों के लिए मिसाल बन गई हैं । बिना मोबाइल और लैपटॉप की सुविधा के इन दोनों बहनों ने केवल नोट्स और किताबों से पढ़ाई पूरी कर यह बता दिया है कि जीत हासिल करने के लिए तकनीकी से अधिक कड़ी मेहनत की जरूरत होती है।
तीनों बहनें बनीं पुलिस कांस्टेबल
महाराष्ट्र के बीड जिले में परली के पास सेलु टांडा में गन्ना मजदूर मारुति जाधव की तीन बेटियों ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय लाजवाब तरीके से दिया है। तीनों ने गरीबी में रहकर महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी को हासिल किया है। मारुति जाधव की पांच बेटियां हैं। इनमें से सोनाली ने कोरोना महामारी के दौरान कांस्टेबल का पदभार संभाला। छोटी बहन लक्ष्मी और शक्ति का हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस में चयन हुआ है। इसके लिए तीनों बहनों का गांव की पंचायत में सम्मान भी किया गया।
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