महिला और पुरुष के बीच समानता पर कई सालों से बातचीत होती आ रही है। सलाहकार फर्म विलिस टावर्स वाटसन (डब्ल्यूटीडब्ल्यू) द्वारा हाल ही में 2022 की ग्लोबल जेंडर वेल्थ इक्विटी रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के रिटायरमेंट और उनकी संपत्ति में भी कई बदलाव आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों द्वारा जमा की गई 74 फीसदी संपत्ति के साथ महिलाएं रिटायरमेन्ट तक पहुंचती हैं। अध्ययन में आगे पता चला है कि यह लैंगिक धन अंतर केवल वरिष्ठ लोगों को ध्यान में रख कर किया गया है। जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, वरिष्ठ और लीडरशिप की भूमिकाओं वाली महिलाओं के पास रिटायरमेन्ट के समय अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में केवल 62 प्रतिशत संपत्ति होती है। जब मध्य स्तर और तकनीकी भूमिकाओं की बात आई, तो यह अंतर 69 प्रतिशत था। फ्रंटलाइन भूमिकाओं के लिए अंतर 89 प्रतिशत पर रहा, फिर भी पुरुषों की तुलना में यह एक बड़ा अंतर था।
एशिया पैसिफिक (एपीएसी) क्षेत्र ने लिंग संपत्ति इक्विटी के आधार पर 76 प्रतिशत पर औसतन कम धन अंतराल दिखाया। हालांकि, भारत ने एपीएसी क्षेत्र में 64 प्रतिशत पर सबसे बड़ा लैंगिक धन अंतर पाया है। अध्ययन से पता चला है कि इस अंतर में योगदान देने में जेंडर पे गैप ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है। कई पदों पर महिलाओं के लिए अवसर भी सीमित ही होते हैं क्योंकि कार्यबल में केवल 3 प्रतिशत वरिष्ठ पदों पर महिलाओं को रखा गया है।
रिपोर्ट के बारे में एक बयान के अनुसार, मंजीत बसी, वरिष्ठ निदेशक, एकीकृत और वैश्विक समाधान, डब्ल्यूटीडब्ल्यू (Integrated & Global Solutions, WTW) ने कहा, “हमारे वैश्विक विश्लेषण के परिणाम चौंकाने वाले हैं। यह दर्शाता है कि जिन 39 देशों का हमने अध्ययन किया उनमें लगातार लैंगिक संपत्ति का अंतर है। जेंडर पे गैप्स, असमानता में योगदान देने वाले प्राथमिक चालकों में से एक हैं। इसके अतिरिक्त, वर्किंग स्पेस के बाहर कम फाइनेंशियल शिक्षा और परिवार की देखभाल की जिम्मेदारियों के बीच महिलाओं का रोजगार प्रभावित करता है और इसलिए धन बनाने और उसे इन्वेस्ट करने की उनकी क्षमता भी प्रभावित करता है।