उम्र चाहे कोई भी हो, महिलाएं अपना हुनर और जज्बा दिखाने में कभी-भी पीछे नहीं हटती है। ठीक इसी तरह का कमाल कर दिखाया है, 71 साल की राधामणि ने। केरल निवासी राधामणि अम्मा इस सोच को अपनी काबिलियत से तोड़ती हैं कि एक उम्र के बाद महिलाएं अपनी सीमा बांध लेती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि राधामणि अम्मा को ड्राइविंग करना बहुत पसंद है। उन्होंने 11 अलग-अलग श्रेणियों में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
पहली बार 30 साल की उम्र में ड्राइविंग
ड्राइविंग करने का शोक राधामणि अम्मा को बचपन से रहा है। राधामणि ने पहली बार ड्राइविंग 30 साल की उम्र में शुरू की। ऐसा कौन सा वाहन है, जिस पर राधामणि ने अपने हाथों का जादू नहीं चलाया होगा। लॉरी, बस, जेसीबी क्रेन, ट्रेलर, रोड रोलर और दोपहिया वाहन के साथ रिक्शा तक चलाने का लाइसेंस अपने नाम करवाया है। देखा जाए, तो जिस उम्र में ज्यादातर लोग सेवानिवृत्ति( रिटायरमेंट) के बारे में सोचते हैं, राधामणि ने 1970 के दशक में केरल के कोच्चि में अपने पति द्वारा शुरू किए गए ड्राइविंग स्कूल को चलाने में अपने बच्चों की मदद कर रही हैं। उन्होंने साल 2004 में स्कूल की देखभाल शुरू की जब एक दुर्घटना में उनके पति का निधन हो गया।
परिवार से मिली हिम्मत
राधामणि अम्मा के अनुसार, केरल में भारी गाड़ियों का लाइसेंस मिलना आसान बात नहीं थी, ऐसे वक्त में उन्होंने कई व्यक्तियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया। साथ ही उन व्यक्ति की सहायता लाइसेंस प्राप्त करने में भी की। इसके बाद ही अम्मा ने अपने पति के साथ मिलकर ड्राइविंग स्कूल की स्थापना की। फिलहाल अम्मा लंबे समय से अपना डाइविंग स्कूल चलाती हैं। पहले जहां उनका एक ड्राइविंग स्कूल हुआ करता था, वहीं अम्मा की दिन-रात की मेहनत के बाद उनका स्कूल फिलहाल इंस्टीट्यूट में बदल गया है।
खुद बनीं खुद की प्रेरणा
साल 2004 में पति के निधन के बाद राधामणि ने काम करने का और स्कूल को संभालने का अपना जज्बा कायम रखा और पूरी मेहनत से ड्राइविंग स्कूल और ट्रेनिंग के काम में जुट गयीं। उनका एक ही सपना था कि किसी भी हालात में उन्हें ड्राइविंग स्कूल को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाना था। उन्होंने इस सपने को साकार कर दिखाया है। दिलचस्प है कि उन्होंने अपने ड्राइविंग स्कूल को एक संस्थान में बदलने का काम किया। वर्तमान में पुरुषों के साथ यह ड्राइविंग स्कूल महिलाओं को भी सशक्त बना रहा है, जो यह बताता है कि भारी वाहनों को संभालने के लिए न केवल पुरुष, बल्कि महिलाएं भी सक्षम हैं। अपने भविष्य की योजना बनाते हुए राधामणि अम्मा मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी कर रही हैं।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से मिली मान्यता
अपने उल्लेखनीय कार्य और कौशल के लिए राधामणि अम्मा को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से उन्हें मान्यता दी गई है। इसके अलावा साल 2022 में उन्हें प्रेरणादायक व्यक्ति का पुरस्कार भी मिला है। लगातार सोशल मीडिया पर भी मौजूद रहकर अपने ड्राइविंग के अनुभव को साझा करती रहती हैं। आप राधामणि के इंस्टाग्राम हैंडल पर 10 के से अधिक फॉलोअर्स के साथ उन्हें क्रेन, जेसीबी और टैंकर के साथ कई तरह के अन्य वाहनों को चलाते हुए देखा जा सकता है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि राधामणि अम्मा जुनून और अडिग संकल्प की शक्ति का प्रमाण हैं। वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक का मार्गदर्शन करने वाली प्रेरणादायक महिला हैं, उनका संपूर्ण जीवन कई महिलाओं के लिए सीख और प्रेरणा है।