राज्य महिला आयोग के पास महिला संबंधित अपराधों के लिए कई तरह के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला आयोग में पहुंचा, जहां शादी की तैयारी हो जाने के बावजूद और प्री वेडिंग शूट्स हो जाने के बाद भी शादी टूट गयी। ऐसे में छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि अगर शादी सफल नहीं होती है और तलाक में समाप्त होती है तो प्री-वेडिंग शूट महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 9 मई को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 172वीं जन सुनवाई हुई। इस जनसुनवाई में कुल 25 मामले सुनवाई के लिए निर्धारित किए गए थे और इनमें से ज्यादातर मामले शादी के बाद जोड़ों के बीच के झगड़ों से जुड़े थे। ऐसे ही एक मामले में खुलासा हुआ कि तारीख तय होने के बावजूद शादी नहीं हो सकी। इसके लिए आवेदक ने आयोग में शिकायत की थी। इस सुनवाई के दौरान, आवेदक ने अपना मामला वापस लेने के लिए आवेदन किया। आवेदक ने बताया कि दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंच गए हैं और दूसरे पक्ष ने शादी की तैयारियों पर खर्च किए गए पैसे वापस कर दिए हैं और प्री-वेडिंग शूट के फोटो और वीडियो को हटा दिया है। आवेदक ने कहा कि विरोधी पक्ष को यह समझा दिया गया था कि यदि भविष्य में आवेदक की किसी भी तस्वीर या वीडियो को उसकी सहमति के बिना सोशल मीडिया पर प्रसारित या साझा किया जाता है, तो आवेदक विरोधी पक्ष के खिलाफ साइबर अपराध के लिए रिपोर्ट दर्ज कर सकता है। सुनवाई के दौरान किरणमयी नायक ने कहा कि आजकल लोग पश्चिमी संस्कृति से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जिसका असर हमारी भारतीय संस्कृति पर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं माता-पिता से आग्रह करती हूं कि उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के लिए प्री-वेडिंग शूट से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनकी बेटियों के लिए हानिकारक हो सकता है।