कहते हैं आप अगर शिद्दत से किसी चीज को पाना चाहते हैं तो आपको जरूर वो चीज मिल ही जाती है। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की तीन बहनों ने भी कुछ ऐसी ही शिद्दत दिखायी और घर की तंगहाली की हालत में भी अपनी पढ़ाई का सिलसिला जारी रखा और तीनों बहनों ने ही दारोगा बन कर दिखाया। बदायूं के उघैती कस्बे की तीन बहनों ने दारोगा बन कर कमाल किया। दरअसल, दो बहनें पहले से ही पुलिस विभाग में सिपाही हैं। इनमें से एक बहन रेलवे में खल्लासी का काम कर रही थीं, लेकिन उन्होंने अपने करियर का रुख बदला है। इन तीन बहनों की कहानी एक मिसाल इसलिए भी है, क्योंकि इन्होंने मुफलिसी को झेलते हुए अपने लिए रास्ते खोजे हैं, इन बहनों को उनके मुकाम तक पहुंचाने में माता-पिता की अहम भूमिका रही है। उनके पिता दुकान चलाते हैं, वहीं मां ने सिलाई कढ़ाई का काम करती हैं। तीन बहनों में से सबसे बड़ी बेटी शिल्पी गुप्ता ने वर्ष 2020 में महिला कांस्टेबल के पद पर मनोनीत हुई। इनकी छोटी बहन शैली गुप्ता ने कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई। वहीं मंझली बहन ने 2018 में खल्लासी के पद पर नौकरी मिली, अब उन्होंने त्याग पत्र देकर दारोगा की ट्रेनिंग शुरू की है।
बता दें कि तीनों बहनों ने अपने माता-पिता की स्थिति को समझते हुए अपनी पढ़ाई पर पूरा फोकस किया और अब जाकर उनकी मेहनत रंग लाई है कि तीनों अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं और अब उनका भाई भी बीटेक कर रहा है।
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