जंगी जहाज की कमान संभालने वालीं प्रेरणा देवस्थली ने महिलाओं के लिए मिसाल कायम की है। ज्ञात हो कि लेफ्टिनेंट कमांडर देवस्थली को टोही विमान पी8आई पर सेवा के बाद समुद्री टोही विमान टुपोलेव टीयू-12 को संभालने वालीं पहली महिला होने का गौरव भी मिला है। मुंबई निवासी प्रेरणा ने अपने बुलंद हौसले से यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी अपने सपनों के पंखों को उड़ान दे सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं प्रेरणा देवस्थली के बारे में।
कौन हैं प्रेरणा देवस्थली
मुंबई निवासी प्रेरणा देवस्थली ने अपने जीवन में हमेशा पढ़ाई को अहमियत दी है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई है। उन्होंने इसके पास मनोविज्ञान में अपना एमए पूरा किया है। उल्लेखनीय है कि प्रेरणा देवस्थली का परिवार भी नौसेना से ताल्लुक रखता है, यही वजह है कि उन्हें सतत नौसेना से जुड़ने की प्रेरणा मिली है। प्रेरणा देवस्थली के भाई भी नौसेना में लंबे समय से कार्यरत रहे हैं। यह भी जान लें कि प्रेरणा की शादी भी नौसेना के एक अधिकारी से हुई है और उनकी तीन साल की बेटी भी है। उन्होंने हमेशा अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में संतुलन बनाकर रखा है। वह बीते कुछ समय से युद्धपोत आईएनएस चेन्नई की प्रथम लेफ्टिनेंट के तौर पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही उन्हें भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में वॉटरजेट एफएसी आईएनएस ट्रिंकेट के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर चुना गया।
प्रेरणा देवस्थली के चयन से महिलाओं का बड़ा कद
जाहिर-सी बात है कि प्रेरणा देवस्थली के चयन से कहीं न कहीं यह साबित हुआ है कि महिलाओं ने लैंगिक सोच की दीवार को अपने जज्बे से तोड़ दिया है। उन्होंने यह भी जाहिर किया है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में उचित सम्मान देने की जरूरत है। प्रेरणा देवस्थली का चयन यह बताता है कि महिलाओं के कद को बढ़ाता हुआ यह एक ऐतिहासिक क्षण हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा देवस्थली अपने नाम सो सार्थक करते हुए असल मायने में प्रेरणा बनी हैं।
परिवार बना प्रेरणा देवस्थली का हौसला
परिवार हमेशा से प्रेरणा देवस्थली के लिए हौसला बना है। उनका यह मानना है कि पारिवारिक जिम्मेदारी कभी भी उनके काम के आगे नहीं आयी है। परिवार के हौसले और खुद पर यकीन ने उन्हें भारतीय नौसेना में शामिल होने और सपने जीने के लिए सतत प्रोत्साहित किया है। प्रेरणा अपने जीवन का मूल मंत्र इसे मानती हैं कि खुद पर विश्वास ही एकमात्र आवश्यक गुण है, जो कि हमारे लिए अवसरों का महासागर खोल देती है।
अपने काम को मानती हैं प्रेरणा
प्रेरणा इसे स्वीकार करती हैं कि समुद्र जीवन आकर्षक है। यहां पर हर दिन किसी न किसी तरह की चुनौतियां रहती हैं। कई बार मित्र मिशन राष्ट्र की सहायता करते हैं, तो कई बार अपने देश की रक्षा करते हैं। प्रकृति को समझने और उसके साथ रहकर उसे महसूस करने का सुखद अहसास भी मिलता है। प्रेरणा इस बात पर यकीन रखती हैं कि उन्होंने जो कुछ भी किया है और जो कर रही हैं, उसमें सबसे अच्छा बनना और अपने कर्तव्य को अच्छे से निभाने की ख्वाहिश भी रखती हैं।
जानें इन महिलाओं ने भी भरी उड़ान
प्रेरणा देवस्थली से पहले शालिजा धामी फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनी हैं। ठीक इसी तरह दीपिका मिश्रा भी भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं। उन्होंने साल 2021 में मध्य प्रदेश में बाढ़ के दौरान 47 लोगों के जीवन को सुरक्षित किया था। शिवा चौहान का नाम भी प्रेरणादायी महिलाओं की फेहरिस्त में शामिल है। शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं।