अमूमन जब बात बच्चों की होती है, तो मां लोगों की भी यही शिकायत होती है कि बच्चे खिलौनों के बारे में ही अधिक सोचते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ के कुछ बच्चों ने अपने जीवन को एक नया रूप दिया है। उन्होंने एक अद्भुत ही काम कर डाला है। जी हां, लखनऊ के ऐसे कुछ बच्चे हैं, जिन्हें खिलौने में नहीं, परिवार के साथ किसी छुट्टियों पर जाने में नहीं, बल्कि कुछ अनोखा और नया करने में दिलचस्पी रहती है। साथ ही वह इस बात का भी पूरा ख्याल रखते हैं कि वह सस्टेंबिलिटी को भी पूरी तरह से अपनाएं, साथ ही भारत को जो पूरी तरह से स्वच्छ और ग्रीन रखना है, यानी हरियाली रखनी है, उसे भी रखें। यह काम लखनऊ के स्कूल जाने वाले चार लड़कों के समूह ने कर दिखाया है। उन्होंने मिल कर तीन पर्यावरण का ध्यान रखते हुए, उन्हें नुकसान न पहुंचाने वाले कार डिजाइन किये हैं, जो कि न तो वायु प्रदूषण फैलाते हैं और न ही ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि यह हवा को पूरी तरह से स्वच्छ रखने में मदद करते हैं। इसके फीचर्स की बात की जाए, तो इन कारों में 1,000 वॉट, 1200 वॉट और 1400 वॉट की ब्रशलेस डायरेक्ट करंट मोटर है। वे डीएफएस या डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम नामक एक विशेष सुविधा के साथ आते हैं, जो कार के लिए वायु शोधक की तरह काम करता है। दिलचस्प बात यह है कि यह आसपास से छह फीट तक धूल भरी हवा को साफ करता है।
इन चार बच्चों का कहना है कि इस काम को करने के लिए उन्हें प्रेरणा इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली ऑटोमोटिव कंपनी टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क से मिली। इन बच्चों का मानना है कि भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी महंगी मिलती है, तो इन लोगों की कोशिश यही है कि कम बजट में एक अच्छी कार बनाई जाए।
एक दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2020 में, जब बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण कई शहरों में स्कूल बंद होने लगे, तो इन बच्चों ने भारत को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नेट जीरो इमिशन (शुद्ध शून्य उत्सर्जन) वाहन बनाने का विचार किया। और जल्द ही, वे डिजाइन और प्रक्रियाओं के साथ आए, और लगभग 250 दिनों की कड़ी मेहनत और कई असफलताओं के बाद, उन्होंने तीन अलग-अलग ईवी का निर्माण कर भी लिया। इसे बनाने के लिए बच्चों ने स्कूल के बाद के समय का और अपनी छुट्टियों का सदुपयोग किया। खास बात यह है कि उन्होंने इसे बनाने के लिए अपने मेंटोर और परिवार के सदस्यों से आर्थिक सहयोग लिया। इन चार बच्चों का नाम है, विराज अमित मेहरोत्रा , आर्यव, गर्वित और श्रेयांस। बच्चों के इस काम को गो यूपी के चीफ सेक्रेटरी डीएस मिश्रा से भी सराहना मिली है।
Image credit : D S mishra, chief secretary, GoUP