राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक बार फिर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण से लेकर चंद्रयान को देश का भविष्य बताया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया, जहां उन्होंने महिला विकास से जुड़े कई जरूरी मुद्दों को भी शामिल किया। उन्होंने इसकी शुरुआत इस तरह से की कि आजादी का दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि हम एक जन समुदाय हैं, जो अपनी तरह का एक बड़ा और जीवंत समुदाय है। आइए विस्तार से जानते हैं उनके इस भाषण में उल्लेख की गयी जरूरी बातें।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाएं वर्तमान में हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ाते हुए बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। कुछ साल पहले तक हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते थे, वहीं अब देश में महिला सशक्तिकरण पर अधिक जोर दिया रहा है। महिलाओं का विकास देश से जुड़ा है और यह बहुत ही अच्छी बात है।
बेटियां साहस के साथ आगे आएं
मुर्मू ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैं सभी देशवासियों से यह आग्रह करती हूं कि हम सभी को महिला सशक्तिकरण को अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं यह चाहती हूं कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ आगे आएं और हर किस्म की चुनौतियों का सामना भी करें साथ ही वे सभी जीवन में आगे बढ़ें।
महिला विभूतियों का योगदान
राष्ट्रपति मुर्मू ने महिला विभूतियों के योगदान को याद करके कहा कि महात्मा गांधी और अनेक दूरदर्शी विभूतियों में हमारा राष्ट्रीय आंदोलन आदर्शों से प्रेरित था। अपनी बात में महिला विभूतियों को स्मरण करते हुए उन्होंने आगे कहा कि सरोजिनी नायडु, मातंगिनी हजारा, कनकलता बरुआ, अम्मू स्वामीनाथन, अरुणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी के सात कई महिला विभूतियों का योगदान भी है। वह आगे कहती हैं कि महिला विभूतियों ने भावी महिला पीढ़ियों के लिए आत्मविश्वास के साथ राष्ट्र और समाज की सेवा करने का भी प्रेरण आदर्श प्रस्तुत किया है। अपनी बात को अंत करते हुए कहा कि देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए खास तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग
राष्ट्रपति ने जलवायु के महत्व पर बल देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि वैज्ञानिकों को इस पर अधिक तत्परता से ध्यान देने की आवश्यकता है। वह आगे कहती हैं कि देश के कुछ भागों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां पर देश सूखे की मार झेल रहा है। इन सभी का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है। वे कहती हैं कि हम सभी को पर्यावरण के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय तथा विश्व स्तर पर प्रयास करने की अधिक जरूरत है।
युवा पीढ़ी से मिलती है ताकत
राष्ट्रपति ने युवा पीढ़ी को देश की ताकत बताया है। उन्होंने कहा कि आने वाले साल में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव होंगे। इसके फलस्वरूप देश में बड़ा बदलाव दिखाई देगा। देश की प्रगति देशवासियों और खासतौर पर युवा पीढ़ी के सपनों से जुटी हुई शक्ति से मिलती है। आने वाले दिनों में विकास की कई सारी संभावनाएं देशवासियों की प्रतीक्षा कर रही हैं। स्टार्टअप से लेकर खेलकूद के साथ हमारे युवाओं ने नए आसमानों में अपनी उड़ान भरी है।
आर्थिक प्रगति पर भारत पर टिकी निगाहें
उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति पर कहा कि विश्व आर्थिक विकास के लिए दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं। भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आने वाले समय में विश्व पटल पर अर्थव्यवस्था के लिहाज से भारत तीसरा सबसे बड़ा देश बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। वे कहती हैं कि लगातार हो रही आर्थिक प्रगति के दो प्रमुख वजह हें। एक तरफ व्यवसाय करना और रोजगार के अवसर पैदा करके उद्योग की संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने आदिवासी भाई-बहनों से भी अपील की है कि सभी अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं।
* Lead Image courtsey : Draupadi Murmu facebook page