महिलाएं बीते कुछ समय से चिकित्सा से जुड़े मामले में सलाह लेने के लिए ऑनलाइन परामर्श का सहारा ले रही हैं। हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में इसे लेकर खुलासा हुआ है, जो यह बता रही है कि महिलाएं सेहत से जुड़ी किसी भी जानकारी और सुझाव के लिए सीधे तौर पर अध्ययन चिकित्सकों से चर्चा कर रही हैं। बता दें कि Lybrate ( लाइब्रेट) की एक रिपोर्ट में ऑनलाइन चिकित्सा सलाह को लेकर महिलाओं की भागीदारी पर अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि मेट्रो शहरों में ऑनलाइन परामर्श में 75 प्रतिशत की बढ़त मिली है, वहीं जयपुर, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे शहरों में ऑनलाइन परामर्श लेने की गिनती 87 प्रतिशत अधिक हुई है। खासतौर पर महिलाओं के मामले में साल 2021 की तुलना में 2022 में सेहत से जुड़े परामर्श लेने के लिए ऑनलाइन नियुक्तियों में 65 प्रतिशत का इजाफा देखा जा सकता है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि सबसे अधिक परामर्श जिन बीमारियों को लेकर लिया गया है,उसे भी लेकर एक आंकड़ा सामने आया है। इसके अनुसार मनोरोग और बाल चिकित्सा में 110 प्रतिशत की बढ़त मिली है। वहीं साल 2022 में स्त्री रोग परामर्श में 100 प्रतिशत की उछाल दिखाई दी है। वहीं यह भी देखा गया है कि गर्भावस्था, पीसीओएस और यौन संबंध से जुड़े मामले में भी ऑनलाइन परामर्श लिए गए है। गौरतलब है कि 25 साल से लेकर 45 साल की उम्र वाले लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह ले रहे हैं और 45 साल से अधिक उम्र के लोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप के साथ कोविड-19 पर भी ऑनलाइन सलाह मांग चुके हैं। दूसरी तरफ महिलाओं के बीच सबसे अधिक पीसीओएस, प्रेगनेंसी के साथ अनियमित पीरियड्स को लेकर सबसे अधिक ऑनलाइन जानकारी हासिल की गई है। ज्ञात हो कि इस अध्ययन से जुड़ी सारी जानकारी जुटाने के लिए 111 मिलियन डॉक्टरों और ऑनलाइन यूजर्स के बीच बातचीत हुई है। देखा जाए तो, यह पूरा अध्ययन इस बात की गवाही दे रहा है कि भारत में सेहत को लेकर जागरूकता बीते कुछ सालों में बड़ी है। साथ ही महिलाएं भी खुद के स्वास्थ्य को गंभीरता से ले रही हैं।