ग्रामीण महिलाएं बदलते वक्त के साथ खुद को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के हर मौके पर सफलता से आगे बढ़ रही हैं। खेती के साथ भिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं के जरिए ग्राम पंचायत की मदद से उत्तर प्रदेश और बिहार की महिलाएं खुद के लिए सशक्त मार्ग बना रही हैं, वहीं अब जल के जरिए ग्रामीण महिलाओं ने अपनी आय का नया रास्ता बना लिया है। महिलाओं अपनी आजीविका के लिए पंप ऑपरेटर बनकर जल से जुड़ी अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
पंप ऑपरेटर बनने से जुड़ी ट्रेनिंग
जल ही जीवन मिशन के तहत लंबे समय से महिलाएं कार्य कर रही हैं, जहां पर विभिन्न तरीकों से पानी के बचाव की योजना पर काम किया जाता है। इसी तरफ आगे बढ़ते हुए जल ही जीवन मिशन के तहत नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग प्रदेश में सैकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही है। महिलाओं के इस प्रशिक्षण के जरिए पंप आपरेटर बनने की तैयारी और उससे जुड़े सारे काम सिखाया जा रहे हैं। कई सारी महिलाओं ने तेजी से पंप ऑपरेटर बनने से जुड़ी ट्रेनिंग हासिल करते हुए काम की तलाश भी की है। कई महिलाएं ऐसी हैं, जो कि विभिन्न जिलों में पानी की सप्लाई का भी मोर्चा संभाल रही हैं।
जल ही जीवन के मिशन
उल्लेखनीय है कि कि जल ही जीवन के मिशन के तहत लगभग 1 लाख से अधिक महिलाओं को पंप ऑपरेटर बनने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन सभी महिलाओं ने पंप ऑपरेटर बनने के अपने काम को बखूबी संभालने को लेकर तारीफ भी बटोर रही हैं। इस योजना के तहत यह भी सोच शामिल की गई है कि कैसे अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी को जल ही जीवन मिशन के तहत बढ़ाया जाए। दूसरे जिले में जाकर महिलाओं के काम करने और उनकी सुरक्षा को देखते हुए यह भी तय किया जा रहा है कि कैसे महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद उनके ही जिले में पंप ऑपरेटर का काम दिया जाए।
ग्राम पंचायत में हो रहा है जल मिशन का काम
महिलाएं पंप आपरेटर बनकर हर महीने अच्छी कमाई भी कर रही हैं। पंप आपरेटर के प्रशिक्षण में महिलाओं को यह सिखाया जा रहा है कि कैसे गांवों में पानी की सप्लाई पर अधिक ध्यान देना है। मोटर पंप के रखरखाव से लेकर फिल्टर, वोल्ट मीटर और फिल्टर को कैसे संभाला जाता है, इसे सिखाया जा रहा है। जल ही जीवन है मिशन के तहत हर ग्राम पंचायत में 2 से 3 लोगों को पंप ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को नि:शुल्क पंप आपरेटर किट भी दिया जा रहा है। जिसमें पाइप, वायर कट और टेस्टर के साथ पंप को ठीक करने के लिए कई जरूरी सामान हैं।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में भी महिलाओं पर बड़ी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश के शिवपुरी में भी महिलाओं पर पानी के बचाव की जिम्मेदारी है। शिवपुरी जिले में नल योजना कार्यरत है। शिवपुरी जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं नल योजना के कार्य को संभाल रही हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को नल से जुड़े कार्य सिखाए जा रहे हैं, जहां पर पानी की सप्लाई से लेकर उसकी गुणवत्ता के परीक्षण का काम महिलाओं को देखना होगा। एक विशेषज्ञ टीम महिलाओं को पानी के परीक्षण की जानकारी देगी। इसके लिए महिलाओं को एक खास किट भी दिया जाएगा, जिससे वह यह जांच करेंगी कि नल में मौजूद पानी स्वच्छ है या नहीं, फिर इसे लेकर रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी, ताकि गांव के जीवन में शुद्ध जल पहुंचे और ग्रामीण नल जल योजना के तहत गांव के हर घर में साफ पानी पहुंचे।
महिलाओं पर पानी शुद्ध पहुंचाने की जिम्मेदारी
ज्ञात हो कि सिर्फ पानी की सफाई से जुड़े काम के जरिए महिलाएं खुद को आर्थिक तौर पर बल नहीं प्रदान कर रही हैं, बल्कि कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जो कि तालाबों की सफाई का भी जिम्मा बखूबी उठा रही हैं। छत्तीसगढ़ में भी महिलाएं कुछ इसी तरह का कार्य काफी वक्त से करते हुए चली आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में महिला कमांडों जमुना देवी जल संरक्षण के लिए लंबे समय से काम कर रही हैं। इसके लिए वह विभिन्न स्थानों पर जाकर तालाब की साफ-सफाई करने के साथ जल की स्वच्छता से जुड़े कई जरूरी काम करती हैं। वाकई, ग्रामीण इलाकों के साथ छोटे शहर की महिलाएं जिस तरह से पानी की स्वच्छता को लेकर अपनी भूमिका पेश कर रही हैं, उसकी सराहना की जानी चाहिए।
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