बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर लगातार जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में अब इसे लेकर और भी अधिक विस्तार दिया जा रहा है। जी हां, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने गैर-पारंपरिक आजीविका (Non-Traditional Livelihood) विकल्पों में लड़कियों के कौशल को शामिल करने, माध्यमिक शिक्षा में उनके नामांकन को बढ़ाने, पीरियड्स से जुड़ी स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बाल विवाह को खत्म करने के लिए अपने स्लोगन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना में बहुत कुछ शामिल किया है।
गैर-पारंपरिक आजीविका में लड़कियों के कौशल पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि’ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को बढ़ावा देने के लिए, एनटीएल (Non-Traditional Livelihood) में स्किल्स का भी एक हिस्सा होना चाहिए। इस पहल के माध्यम से लड़कियों को गैर-पारंपरिक व्यवसायों में उनके स्किल के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे महिलाओं के नेतृत्व वाले आत्मानिर्भर भारत के पथ प्रदर्शक बनेंगे।
महिला एवं बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे ने कहा कि लड़कियों को आजीविका के विविध अवसरों का पीछा करने से रोकने वाली बाधाओं को दूर करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ (बीबीबीपी) योजना को संशोधित किया गया है, और यह एक नया और ताज़ा रूप है। इस योजना के लिए हमारे कुछ नए उद्देश्यों में माध्यमिक स्तर पर नामांकन में एक प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित करना और लड़कियों और महिलाओं के कौशल को शामिल करना शामिल है। हर साल, सुरक्षितपीरियड्स से जुड़ी स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बाल विवाह को समाप्त करना भी अब इस स्लोगन का हिस्सा होगा। ये बीबीबीपी में शामिल किए जा रहे नए तत्व हैं।
महिला एवं बाल विकास सचिव इंदेवर पांडे ने इस कार्यक्रम में जिलों में योजना को लागू करने के लिए एक ऑपरेशनल मैनुअल भी लॉन्च किया और कहा, "इसमें एक बीबीबीपी गतिविधि कैलेंडर है जिसे पूरे साल तरीके से योजना को लागू करने में जिलों की सहायता के लिए सुव्यवस्थित किया गया है। हम उन बाधाओं को दूर करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे जो लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने से रोकते हैं। हम यह भी प्रयास करेंगे एक ऐसी प्रणाली बनाएं जो लड़कियों को वह बनने में सक्षम बनाए जो वे भविष्य में बनना चाहती हैं।"
यह समिति वर्ष में कम से कम एक बार, तकरीबन अप्रैल के महीने में बैठक करेगी और इस योजना की गतिविधियों की प्रगति और उद्देश्यों की उपलब्धि की स्थिति की निगरानी करेगी। राज्य स्तर पर’ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का जिम्मा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मिशन शक्ति के लिए बनी कमेटी पर होगा। समिति में महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी होंगे।
यह मंत्रालयों और विभागों के बीच बॉन्डिंग पर जोर देगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बेटियां अपनी शिक्षा पूरी करें, अपने कौशल का निर्माण करें और विज्ञान, इंजीनियरिंग और गणित सहित कई क्षेत्रों में कार्यबल बनें।