यह भारत के लिए बेहद गर्व की बात है कि यहां की महिलाएं लगातार खुद को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं, ऐसे में बिहार और उत्तर प्रदेश की महिलाएं भी वर्दी पहन कर, राष्ट्र की रक्षा करने के लिए हमेशा ही तैयार हैं। बता दें कि बिहार और उत्तर प्रदेश की 30,041 महिलाओं ने वर्ष 2019 में CAPFs में S-I भर्ती के लिए आवेदन किया था और खुशी की बात है कि वर्ष 2022 की भर्ती में यह संख्या बढ़ कर 34,329 हो गयी है। यह रिकॉर्ड कर्मचारी चयन आयोग ( स्टाफ सेलेक्शन कमीशंस के रिकॉर्ड) ने दर्शाये हैं।
खास बात यह है कि इन राज्यों के ग्रामीण इलाकों की लड़कियां इस क्षेत्र में आगे आने की कोशिश कर रही हैं। उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश सीमा पर एक छोटे से गांव से आने वाली महिला कांस्टेबल एलीट रैपिड एक्शन फोर्स की सदस्य हैं, गौरतलब है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक विशेष शाखा, जो दंगा और कठिन भीड़ नियंत्रण स्थितियों से निपटने के लिए जनादेश पर खास तौर से काम करती हैं।
यह उल्लेखनीय है कि अपने इस काम में महिलाएं कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं, वह लंबे और अनियमित काम के घंटे, शारीरिक सहनशक्ति और एक कठिन मानसिक स्थिति में भी खुद को ढालते हुए अपने इस जज्बे से भरे काम को अंजाम दे रही हैं।
इनमें ऐसी महिला भी शामिल हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं, पति शहर से दूर हैं, लेकिन महिला वर्दी पहन कर अपनी ड्यूटी पूरी करने से पीछे नहीं हट रही हैं।
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के प्रयागराज स्थित केंद्रीय क्षेत्र मुख्यालय, जो उत्तर प्रदेश और बिहार के इलाके के बारे में रिकॉर्ड रखते हैं, उनके रिकॉर्ड बताते हैं कि इन राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में शामिल होने वाली लड़कियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, चाहे वे कम आयु की क्यों न हो। वे इंस्पेक्टर या कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) स्तर पर शामिल होने में भागीदारी बढ़ा रही हैं।
बता दें कि सीएपीएफ में सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल शामिल हैं।
एक अहम बात जो सामने आई है कि उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में महिलाएं सीआरपीएफ और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में शामिल हो रही हैं। एक आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में प्रयागराज में 101 आरएएफ बटालियन के साथ 86 महिलाएं काम कर रही हैं। इनमें से 70% से अधिक उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं।
वहीं एसएससी के रिकॉर्ड बताते हैं कि जहां इन दोनों राज्यों की 30,041 लड़कियों ने 2019 में सीएपीएफ में सब-इंस्पेक्टर भर्ती के लिए आवेदन किया था, वहीं 2022 की भर्ती में यह संख्या बढ़कर 34,329 हो गई। एसएससी मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी है कि इसमें अधिकतम वृद्धि कॉन्स्टेबल (सामान्य ड्यूटी) भर्ती में हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार की लड़कियों की संख्या, वर्ष 2018 में 2.35 लाख की तुलना में वर्ष 2021 में दोगुनी से अधिक बढ़कर 4.81 लाख हो गई है।
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