ऐसे दौर में जहां महिला सशक्तिकरण की जम कर बातचीत होती रहती है, लेकिन एक जो मूल जरूरत है, वह अब तक पूरी नहीं हो सकी है और इसकी रिपोर्ट सामने आई है, जो कि काफी अधिक चौंकाने वाली है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के थाने और पुलिस चौकियों में अब भी महिला पुलिसकर्मियों के लिए साफ शौचालय की सुविधा नहीं है, साथ ही साथ आपको जान कर हैरानी होगी कि कई ऐसी महिला पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें यौन उत्पीड़न होने पर शिकायत करना भी नहीं आता है। एक और बात सामने आई है कि ज्यादातर महिला पुलिसकर्मियों ने कार्यस्थल में साफ शौचालय नहीं होने की शिकायत की। इसके अलावा, कई महिला पुलिसकर्मियों ने यौन उत्पीड़न की भी जानकारी दी है, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष किस तरह वे अपनी बात रख सकती हैं। उन्होंने इस बारे में भी बात रखी है कि पुरुष सहकर्मी उनका मजाक भी उड़ाते हैं। इस अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक 67.05 प्रतिशत महिलाओं ने कहा, थाने-चौकियों या ट्रैफिक पोस्ट के पास साफ-सुथरा शौचालय उपलब्ध नहीं है। 6.47 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने रेस्ट रूम की कमी के बारे में बताया। 78.82 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें ड्यूटी के दौरान यातायात की सुविधा के लिए परेशानी होती है। 48.23 प्रतिशत ने पुलिस क्वार्टर नहीं मिलने की समस्या बतायी। यह अफसोसजनक है कि काम के दौरान उन्हें कम आंका जाता है। लगभग 56 प्रतिशत ने माना की पुलिस विभाग की नौकरी अच्छी है, लेकिन 22.87 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी ऐसा नहीं मानती। 10.59 महिला पुलिसकर्मियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। इनमें से 73 प्रतिशत यह नहीं जानती कि शिकायत किस तरह करें। इनमें भी अधिकांश को आंतरिक शिकायत समिति के बारे में जानकारी नहीं है।
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