राजस्थान में महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाने का काम खूब कर रही हैं, ऐसे में जोधपुर इलाके की महिलाएं काफी कुछ कर रही हैं, खासतौर से यह खबर सामने आई है कि वहां की महिलाओं ने मिल कर बैंक बना लिया है, जिसमें 600 सदस्य हैं और दो सालों में ही 90 लाख रुपये तक का लेन-देन हुआ है। इसकी शुरुआत 21 सदस्यों के साथ हुई थी, बाद में यह सबसे बड़ा बैंकिंग समूह बन गया। इस सहकारी बैंक से 600 सदस्य पांच सौ से एक हजार रुपये तक की मासिक बचत से जमा पर 90 लाख तक लेन-देन करते हैं। गौरतलब है कि किरण कंवर रावलोत ने दो साल पहले महिलाओं को सम्मान से लोन दिलवाने और स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनाने की पहल की थी और शुरुआत में केवल 21 महिलाओं का ही साथ मिला, बाद में जब उन्हें इसका फायदा नजर आना शुरू हुआ, तब इसके काम में और अधिक विस्तार किया गया। अच्छी बात यह हो रही है कि मासिक बैठक में जरूरत के मुताबिक महिलाओं को लघु उद्योग की शुरुआत के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए ऋण दिए जाते हैं, इससे बचत करके समिति से जुड़ीं महिलाएं इस बचत से परिवार के लिए संकट या पारिवारिक जरूरत के समय सहारा बनती हैं। साथ ही मकान बनाने के लिए और शादी के लिए भी धन की समुचित व्यवस्था कर लेती हैं। इस बैंक की अच्छी बात यह है कि इस ऋण आसानी ने दो साथी महिलाओं की गारंटी से दे दिया जाता है। यहां बचत पर वार्षिक 10 प्रतिशत ब्याज देते हैं। ऋण पर ब्याज 15 से 18 प्रतिशत लिया जाता है। अच्छी बात यह भी है कि समूह के सदस्य प्रतिभाशाली बच्चे के उच्च शिक्षा के लिए फीस भरने और महिला के पति की मृत्यु हो जाने पर ऋण माफ कर दिया जाता है। अच्छी बात यह है कि महिलाओं ने इस बैंक की मदद से बुटीक, ब्यूटी पार्लर, टिफिन सर्विस, डेयरी, सिलाई और ऐसे काम शुरू कर दिए हैं।
*Image used is only for representation of the story