विश्व मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के मौके पर हर साल महिलाओं की स्वच्छता और सेहत को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। हर साल 28 मई को विश्व मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे पीरियड को लेकर स्वच्छता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2014 में जर्मन स्थित एनजीओ वॉश यूनाइटेड ने शुरू किया था। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के मौके पर देश में कई तरह के अभियान के जरिए, किस तरह से पीरियड के दौरान महिलाओं की सेहत को सर्वोपरि रखा गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने बनाया लॅान्च पैड
मेंस्ट्रुअल स्वच्छता दिवस के मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज के युवाओं ने इस बारे में जागरूकता को बढ़ाने के लिए सेमिनार और सैनिटरी नैपकिन वितरण अभियान शुरू किया है। गौरतलब है कि पीरियड को लेकर फरवरी में एक सोसयटी की स्थापना की है। इसके जरिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए पीरियड से जुड़े स्वच्छता उत्पादों के पर्यावरण के लिए अनुकूल तरीकों पर जोर दिया जा रहा है। इसे दिखाने के लिए 90 सेंकड के वीडियो शूट के साथ कठपुतली शो भी आयोजन किया गया है, जिसमें बताया गया है कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसमें खुद को किसी भी तरह से दोषी या भी गंदा महसूस नहीं करना चाहिए। साथ ही यह भी बताया गया है कि कई ऐसी युवा लड़कियां हैं, जिन्हें उनके परिवार द्वारा महीने के उन दिनों के दौरान बहिष्कृत किया जाता है। दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज के युवाओं का फोकस कुल मिलाकर पीरियड्स के विषय को समाज की सोच में सामान्य बनाने का है।
12 प्रतिशत युवा लड़कियों का मानना मासिक धर्म अभिशाप या बीमारी है: अध्ययन
एक अन्य और बड़ी जानकारी यह भी सामने आई है कि एनजीओ चाइल्ड राइट्स एंड यू द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 12 प्रतिशत के करीब युवा लड़कियों को पीरियड्स का सही कारण नहीं पता है, उनका मानना है कि यह एक अभिशाप है या फिर किसी बीमारी का कारण है। देश के 38 जिलों से 10 से 17 साल की करीब लड़कियों ने 2 महीने तक जारी इस सर्वे में भाग लिया था। याद दिला दें कि यह अध्ययन केंद्र सरकार द्वारा साल 2014 में शुरू किए गए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पीरियड संबंधी स्वास्थ्य योजना की स्थिति की समझ को विकसित करने के लिए किया गया था।
लद्दाख के कॉलेज में मनाया गया विश्व मेंस्ट्रुअल दिवस
लद्दाख के जांस्कर के गर्वमेंट मॅाडल डिग्री कॉलेज में विश्व मेंस्ट्रुअल स्वच्छता दिवस मनाया गया। इस दौरान कॉलेज की तरफ से महिला शौचालय में एक सेनेटरी वेंडिंग मशीन और एक इंसीनरेटर स्थापित किया गया। इसके जरिए छात्रों को मुफ्त में सेनेटरी पैड मुहैया कराई जाएगी, जिससे पर्यावरण और कॉलेज परिसर प्रदूषण मुक्त रहेगा।
आंगवबाड़ी केंद्रों ने किया जागरूक
बिहार के बेगूसराय में आंगनबाड़ी केंद्रों पर विश्व मेंस्ट्रुअल स्वच्छता दिवस मनाया गया। इस दौरान गांव और शहरों में रहने वाली कई सारी महिलाओं को इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि कैसे पीरियड के दौरान थोड़ी सी लापरवाही सर्वाइकल कैंसर,वजाइनल इंफेक्शन जैसी गंभीर बीमरियों को जन्म देती है। साथ ही यह भी बताया गया कि यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिस पर समाज को खुलकर बात करनी चाहिए।
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