22 वर्ष अमेरिका में रहने के बाद भारत लौटी वाणी कोला बिजनेस वर्ल्ड की एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनसे लोग प्रेरणा लेते हैं। देश के प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्मों में से एक कलारी कैपिटल को शुरू करने का श्रेय इन्हीं को जाता है। आइए जानते हैं इनसे जुड़ी खास बातें।
नई कंपनियों को शुरू कर जुटाया आत्मविश्वास
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वर्ष 1964 में हैदराबाद, जो अब तेलंगाना है, में जन्मीं वाणी कोला ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। गौरतलब है कि उस दौरान 400 इंजीनियरिंग छात्रों में सिर्फ 6 लड़कियां थीं, जिनमें से वाणी कोला भी एक थीं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद वे अमेरिका चली गईं और यहां उन्होंने अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उसके बाद वर्ष 1996 में वाणी ने राईटवर्क्स नामक ई-प्रोक्योरमेंट कंपनी शुरू की और पांच साल बाद उसे आईसीजी (ICG) 657 मिलियन डॉलर यानी 5480 रुपये में बेच दी। उसके बाद उन्होंने वर्ष 2001 में सर्टस सॉफ्टवेयर नाम की एक और कंपनी की शुरुआत की और कुछ समय बाद उसे भी बेच दिया।
कलारी कैपिटल को दी अपनी पहचान
22 साल सिलिकॉन वैली में रहकर बिजनेस को एक नया आयाम देती वाणी कोला वर्ष 2006 में भारत लौटीं और एक नया वेंचर कैपिटल फर्म शुरू किया। इंडो-यूएस वेंचर पार्टनर्स फंड लॉन्च करते हुए उन्होंने विनोद धाम और कुआर शिर्लागी के साथ मिलकर एक वेंचर कैपिटल फर्म शुरू किया, जिसे अब कलारी कैपिटल के नाम से जाना जाता है। गौरतलब है कि यह फर्म शुरुआती स्टार्टअप्स में इंवेस्ट करती है और नए वेंचर्स को एक नया आकार देती है। पिछले 12 वर्षों में कलारी कैपिटल लगभग 850 मिलियन डॉलर की फर्म बन चुकी है। ई-कॉमर्स, मोबाइल सर्विसेस, एजुकेशन एंड हेल्थ सर्विसेस में इंवेस्ट कर उन्होंने भारत के कई घरेलू विकास में अपना सहयोग दिया है। उनके कुछ उल्लेखनीय प्रयासों में ड्रीम 11, अर्बन लैडर, स्नैपडील और मिंत्रा शामिल है।
मोस्ट पावरफुल वूमन बनकर जीते कई अवार्ड
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उनकी बिजनेस एबिलिटी को देखते हुए वर्ष 2014 में फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें इंडियन बिजनेस वूमन के तौर पर शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था। वर्ष 2015 में जहां उन्हें द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा एक्सलेंट इंवेस्टर के लिए मिडास टच अवार्ड से सम्मानित किया गया था, वहीं वर्ष 2018 में उन्हें दिल्ली-एनसीआर के 5वें वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप समिट कॉन्फ्रेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्होंने लीडरशिप एक्सलेंस इन बिजनेस एंड एंटरप्रेन्योरशिप के लिए एनडीटीवी वीमेन ऑफ वर्थ अवार्ड भी जीता है। वर्ष 2016 में उन्हें जहां लिंक्डइन टॉप वॉयस में से एक के रूप में पहचान मिली, वहीं वर्ष 2018 और 2019 में उन्होंने फॉर्च्यून इंडिया की मोस्ट पावरफुल वीमेन इन बिजनेस में अपनी जगह बनाई। बिजनेस वर्ल्ड का जाना माना चेहरा बन चुकी वाणी कोला आज उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं, जो कुछ कर गुजरने का हौंसला रखती हैं।
दुनिया जीतने से पहले खुद को जीता
बिजनेस में खास रूचि रखनेवाली वाणी कोला को पढ़ने-लिखने का भी बेहद शौक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वे अक्सर अपने विचार साझा करती रहती हैं। इसके अलावा उन्हें माउंटेन क्लाइम्बिंग का भी बेहद शौक है, और कभी वे बहुत अच्छी रनर हुआ करती थीं। अपने इस शौक के चलते उन्होंने न सिर्फ कई मैराथन में पार्ट लिया है, बल्कि वर्ष 2000 में माउंट किलिमंजारो की चोटी पर चढ़ाई भी की है। सिर्फ यही नहीं वाणी कोला को बागवानी का भी बेहद शौक है। वे अपने आपको एक बहुत अच्छी माली मानती हैं और इसी के मद्देनजर अपने पति श्रीनिवास कोला के साथ मिलकर उन्होंने कैलिफोर्निया में अपने सपनों के घर के आस-पास लगभग 42 पेड़ लगाए हैं। खुद को दो बेटियों की यंग मां कहती वाणी कोला, फिलहाल इन दिनों अष्टांग योग से जुड़ी हुई हैं। उनका मानना है कि किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल करने से पहले जरूरी है, हम अपने शरीर और मन पर जीत हासिल करें।
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