जिनोव के सहयोग से नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 18 प्रतिशत स्टार्टअप का नेतृत्व कम से कम एक महिला संस्थापक या सह-संस्थापक करती हैं । इनमें से यूनिकॉर्न और संभावित यूनिकॉर्न की संख्या 2022 में करीब 36 तक पहुंच जाती है।
भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महिलाओं के नेतृत्व की तरफ संकेत देते हुए रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि वर्ष 2019 और वर्ष 2022 के बीच, भारत में 17 प्रतिशत निवेश स्टार्टअप द्वारा महिलाओं के नेतृत्व में किये गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, विकास के सभी चरणों में महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप्स का अच्छा खासा हिस्सा पारिस्थितिकी तंत्र( ईको-सिस्टम) में उनकी भागीदारी के अनुरूप है - जो उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में सफलता की समान बाधाओं को दर्शाता है। और इस तरह से महिलाएं देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उभरते स्थानों में स्थापित स्टार्टअप्स का प्रतिशत 2021 में 34 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 39 प्रतिशत हो गया। वहीं, दूसरे स्थान पर चीन के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि वर्ष 2022 में कर्मचारियों को बर्खास्त करने या संचालन को बंद करने के बजाय भारत में स्टार्टअप्स ने परिचालन दक्षता को दोगुना कर दिया। पिछले साल, भारत ने लगभग 1,300 नए स्टार्टअप्स को जोड़ा और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी संख्या में यूनिकॉर्न्स देखे। यह वर्ष 2021 की तुलना में, लाभ अर्जित करने वाले स्टार्टअप्स में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
बताते चलें कि भारत सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए एक वर्ष तक के लिए 20,000 रुपये का मासिक भत्ता भी पेश किया है।