महिला फीफा विश्व कप 2023 में इस बार स्पेन की महिला खिलाड़ियों ने जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम किया है। इंग्लैंड और स्पेन की टीमों के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी है। स्पेन की महिला खिलाड़ियों ने 1-0 से जीत हासिल कर फीफा विश्व कप जीतने वाली पांचवीं टीम बन गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की उन चुनिंदा महिला खिलाड़ी के बारे में जो कि फुटबॉल के साथ अन्य कई खेलों के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर चुकी हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनीं शांति मलिक
देखा जाए तो बीते 10 सालों से फुटबॉल के क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी करते हुए महिला फुटबॉलर लगातार आगे बढ़ रही हैं। इसकी शुरुआत हुई है शांति मलिक के साथ, जो कि कई महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं। उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है। साल 1983 में उन्हें बतौर फुटबॉल खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार मिला और तभी से महिलाओं में क्रिकेट के साथ फुटबॉल खेलने को लेकर भी ख्वाहिश जन्म लेने लगीं। शांति मलिक कई महिलाओं के लिए रास्ता बनीं। शांति मलिक ने 1980 में कोझिकोड एशियन फुटबॉल एडिशन में टॉप स्कोरर रही थीं। इसके साथ उन्होंने बतौर कप्तान रहते हुए 10 अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच जरूर खेले हैं। इसी वजह से वे अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला फुटबॉलर हैं।
महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने हासिल की जीत
फुटबॉल के क्षेत्र में शांति मलिक के बाद मणिपुर की ओइनम बेमबेम देवी ने अपने प्रदर्शन के बलबूते साल 2017 में अर्जुन पुरस्कार जीता। उनके परफॉर्मेंस के कारण उन्हें भारतीय फुटबॉलर टीम की दुर्गा कहा जाता था। इसके अलावा, बाला देवी ने भी अपने नाम की ज्योति फुटबॉल के क्षेत्र में जगाई है। साल 2019 में बाला देवी ने भारतीय महिला फुटबॉल में डेब्यू किया था। वे अभी तक भारतीय महिला टीम के लिए 58 मुकाबले खेलते हुए 52 गोल्ड जीत चुकी हैं। अदिति चौहान और आशालता देवी भी हैं, जो कि फुटबॉलर के तौर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।
लोकप्रिय युवा महिला खिलाड़ियों ने जीता गोल्ड
महिला खिलाड़ी के तौर पर भारत के पास लंबी कतारें हैं, दिलचस्प यह है कि यह सभी महिला खिलाड़ी इतिहास रच चुकी हैं। इसकी शुरुआत युवा खिलाड़ियों से करते हैं, जो कि विश्व स्तर पर अपनी सफलता का परचम लहरा चुके हैं। भारत की युवा महिला कुश्ती खिलाड़ी अंतिम पंघाल ने कुश्ती में अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। उल्लेखनीय है कि वे इसी श्रेणी में 2 बार गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं।
भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने भी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 50 किग्रा लाइट फ्लाईवेट फाइनल में गोल्ड जीता। महाराष्ट्र के सांगली की 16 साल की काजोल सरगर खेलों इंडिया युवा खेलों की पहली गोल्ड मेडल विजेता हैं। उन्होंने 113 किग्रा वजन उठाया है। इसके साथ वह युवा राष्ट्रीय खेलों में कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। दूसरी तरफ एक और युवा खिलाड़ी का नाम असम की उमा छेत्री हैं। वे एक प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। साथ ही भारतीय महिला टीम में चयनित होने वाली असम की पहली क्रिकेटर भी हैं।
महिला हॉकी टीम की शान रानी रामपाल
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। बता दें कि रानी रामपाल ने साल 2009 के साथ लगभग 250 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उनकी सफलता का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रेलवे के आधुनिक कोट फैक्ट्री स्टेडियम का नाम बदलकर रानी की गर्ल्स हॉकी टर्फ कर दिया गया।
इन महिला खिलाड़ियों ने विदेश में बढ़ाई भारत की शान
भारतीय महिला क्रिकेट की लोकप्रिय खिलाड़ी मिताली राज सबसे अधिक रन बनाने वाली महिला बल्लेबाज हैं। उन्होंने लगभग 232 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। केवल 16 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करते हुए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी की लिस्ट में शामिल हैं। ठीक इसी तरह भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु साल 2016 में रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता। दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली वह एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं। लंबी कूद में विश्व चैंपियनशिप में भारतीय खिलाड़ी अंजू बार्बी जॉर्ज ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। तसनीम मीर ने भी विश्व में बैडमिंटन में पहला स्थान पाया है। अंडर 19 में सिंगल्स में उन्हें पहली बैडमिंटन खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त हुआ है। मुक्केबाज जमुना बोरो विश्व रैंक में टॉप 5 में शामिल हैं। उन्होंने कांस्य पदक भी जीता है। भारत की उड़न परी हिमा दास भारत की पहली एथलीट हैं, जो कि पांच गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।