गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज फॉर वीमेन, वारंगल की छात्राओं ने राज्य के 490 इंजीनियरिंग, डिग्री और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 11,823 छात्रों की प्रतियोगिता को पछाड़ते हुए टी-हब में आयोजित एक इनोवेशन शोकेस में प्रथम पुरस्कार जीता।
छात्राओं को उनके विचार 'रायथन्ना किट' के लिए प्रथम पुरस्कार मिला। यह एक जिप्ड कवर जिसका उपयोग अनाज को सुखाने और नमी और बारिश से बचाने के लिए किया जाता है। दूसरा पुरस्कार बीवीआरआईटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वीमेन, हैदराबाद को 'बाइट सिस्टम्स: सुरक्षा' के लिए दिया गया, यह एक सुरक्षा उपकरण है, जो भूमिगत खान श्रमिकों के लिए सुरक्षा सुविधाओं के साथ एक संचार चैनल के रूप में कार्य करेगा।
तीसरा पुरस्कार टीएसडब्ल्यूआरडीएस (TSWRDS) वारंगल ईस्ट को उनके विचार 'कृमि हारिनी' के लिए मिला, जो अनाज की की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है। ‘पोर्सिनी पार्सल’ के विचार के लिए सेंट एन्स कॉलेज फॉर वीमेन को विशेष सराहना दी गई, एक मशरूम प्रोडक्ट, जिसकी पैकेजिंग थर्मोकोल, स्टायरोफोम और बबल रैप की जगह लेगी।
प्रतियोगिता का आयोजन यूथ फॉर सोशल इम्पैक्ट (वाईएफएसआई) द्वारा किया गया था, जो तेलंगाना स्टेट इनोवेशन सेल (टीएसआईसी), तेलंगाना के उच्च शिक्षा विभाग, यूनिसेफ इंडिया, इंक्वी-लैब फाउंडेशन, वाई-हब और युवा द्वारा सामूहिक प्रयास से किया गया था।
कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 490 से अधिक कॉलेजों के 540 शिक्षकों के साथ 11,823 छात्रों को डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन पर ट्रेनिंग दी गई। छात्र टीमों के 824 नए आईडियाज और उनके प्रस्तावों में से टॉप 10 आईडियाज को अंतिम प्रदर्शन के लिए चुना गया।
पूर्व मुख्य सचिव एस.के. जोशी ने कहा कि यह कार्यक्रम इस बात का सच्चा उदाहरण है कि कैसे रचनात्मकता और नए आईडियाज के माध्यम से रोजगार को दिशा दी जा सकती है। तेलंगाना के चीफ इनोवेशन ऑफिसर शांता थुटम ने कहा कि इनोवेशन को विशिष्ट जनसांख्यिकी और भूगोल के छात्रों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है, इसे और आगे बढ़ाना है। यूनिसेफ इंडिया में बाल संरक्षण अधिकारी मुरली कृष्णा और इंक्वी-लैब फाउंडेशन के संस्थापक विवेक और युवा टीम से रवितेजा भी उपस्थित थे।
Photo Credit: NAGARA GOPAL