छत्तीसगढ़ के ऐसे कई गांव हैं, जो लगातार लोगों के लिए प्रेरणा बन रही हैं, कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि कुछ महिलाओं ने मिल कर, जंगल को बचाने का काम किया था और अब फिर से प्रेरणा से भरी एक नयी खबर सामने आई है कि कबीरधाम जिले के ग्राम लखनपुर पंचायत के बासिंझोरी की महिलाएं रात भर पहरा दे रही हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि ये महिलाएं कोई पुलिसकर्मी नहीं हैं, बल्कि एक स्पेशल महिला कमांडो हैं और उन्हें ऐसा करने के लिए किसी भी तरह से बाध्य नहीं किया गया है और ये बिल्कुल नि:स्वार्थ भाव से कर रही हैं। वे ये सब कुछ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझ कर कर रही हैं। उनका मानना है कि उनकी इस पहल से गांव में शांति का माहौल रहेगा, साथ ही जो शराबी हैं और बदतमीजी करते हैं, वे भी सतर्क रहेंगे। गौरतलब है कि महिलाओं ने इस काम की शुरुआत बालोद जिले से की थी और फिर इसके बाद, उनका यह काम कबीरधाम सहित प्रदेश के 15 जिले दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, रायपुर, जांजगीर, मुंगेली , कोरबा, बलौदा बाजार, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, बिलासपुर के सैकड़ों गांवों तक विस्तार कर चुका है।
हैरत करने वाली बात है कि इस काम में लगभग 65 हजार कमांडो दिनभर अपने कामों को पूरा करती हैं और रात में पहरा देने का काम करती हैं। सिर्फ अकेले बालोद जिले के 502 गांवों में 12 हजार 500 महिला कमांडो पहरा देने का काम कर रही हैं और यही नहीं, ये महिलाएं नशाबंदी, स्वच्छता से लेकर जनजागरूकता अभियान का भी संचालन कर रही हैं।
उल्लेखनीय बात यह भी है कि उनका यह प्रयास सफल हो रहा है और गांवों में काफी बदलाव आ रहे हैं। कोरोना के दौरान भी इन महिलाओं ने शानदार काम किया था, इन्होंने प्रवासी मजदूरों की देखभाल नि:शुल्क किया था। इसके साथ ही साथ, यहां के कई ब्लॉक में अनाज बैंक की स्थापना भी की गई है।