साल 2023 महिलाओं के लिए काफी शानदार रहा है, क्योंकि महिलाओं से जुड़ीं ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो महिलाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण रहे हैं, आइए एक नजर में देखें कौन सी हैं वे घटनाएं।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
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गौरतलब है कि महिलाओं के लिए इस साल नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने कमाल किया है, यह एक बड़ी उपलब्धि रही है, जी हां, केंद्र सरकार ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन एक बड़ी सोच के साथ शुरू किया कि उन्होंने राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को तवज्जो दी। वर्ष 19 सितंबर 2023 को महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने के उद्देश्य से 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' लोकसभा में पेश किया गया और खास बात यह रही कि न सिर्फ यह विधेयक दोनों सदनों में पेश हुआ, बल्कि दोनों ही सदनों में सर्वसम्मति से पास भी हुआ। यही नहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी और फिर इस कानून में सुधार हुआ। एक बार और गौरतलब है कि इस बात को जानना भी जरूरी है कि महिला आरक्षण, कानून को लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया होगी।
तीन तलाक
सुप्रीम कोर्ट के बारे में आपको एक जरूरी जानकारी यह होनी ही चाहिए कि महिलाओं से जुड़े एक गंभीर विषय तीन तलाक पर एक खास और अहम फैसला किया गया है और अपने महत्वपूर्णफैसले में शीर्ष कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक के लिए छह महीने के अनिवार्य वेटिंग पीरियड को खत्म कर दिया था। गौरतलब है कि संविधान पीठ ने अपने फैसले में इस बारे में जोर देते हुए कहा था कि अगर पति-पत्नी के बीच सुलह की कोई गुंजाइश न बची हो तो ऐसे में अदालत संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए तलाक को तत्काल मंजूरी दे सकता है।
लाड़ली बहन योजना
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महिलाओं के लिए और खासतौर से लड़कियों के लिए लाड़ली बहन योजना से अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता था, क्योंकि इस साल लाड़ली बहना योजना के बारे में विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में शुरू की गई इस योजना की चर्चा देशभर में हुई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि परिवार, समाज, प्रदेश और देश में महिलाओं की भागीदारी को सशक्त किया जा सके। अच्छी बात यह है कि इस योजना में एक हजार रुपये की राशि से लेकर 3000 रुपये तक ले जाने की बात कही गयी।
भारतीय सेना में नारी शक्ति की नयी शुरुआत
(Picture courtesy: DIPR/Mizoram)
एक खास बात यह गौरतलब करने वाली थी कि इस साल के शुरुआत में भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी, दरअसल, जनवरी के महीने में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में महिलाओं को शामिल करने का ऐलान कर एक नयी बिगुल बजा दी थी। गौरतलब है कि कैप्टन शिवा चौहान सेना की पहली महिला अधिकारी बनीं। एक और बड़ी बात यह भी हुई कि देश की सुरक्षा के लिए सेना में नए नियमों के तहत चुने जाने वाले अग्निवीरों का पहला बैच भी इसी साल सामने आया। इससे स्पष्ट है कि आने वाले सालों में भी भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ेगी ही। गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के 2015 बैच की आईएएफ अधिकारी मनीषा पाढ़ी को भारतीय सशस्त्र बल में भारत की पहली महिला सहायक-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में चुना गया है और उन्होंने भी नया इतिहास रचा।
तकनीकी में कमाल
Image source: Wikibio
गौर करें तो तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं ने कमाल किया है। गौर करें, तो चंद्रयान-3 की सफलता में वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ रितु करिधाल श्रीवास्तव को चंद्रयान-3 की लीडिंग की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने यह भूमिका बखूबी निभायी। साथ ही भारत के रेलवे बोर्ड द्वारा पहली महिला अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा को चुना गया। यह एक नया इतिहास रहा।