भारत का सौर मिशन आदित्य-एल 1 (Aditya-L1 Solar Mission) चंद्रयान-3 के बाद भारत ने एक और कामयाबी हासिल की है, विज्ञान के क्षेत्र में। इसके बाद, इसरो ने 02 सितंबर को आदित्य एल1 को लॉन्च कर दिया। अब इसरो का सारा ध्यान महिला रोबोट को स्पेस में पहुंचाने की तैयारी में होगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इस वक्त अपना पूरा ध्यान 'गगनयान' मिशन के ट्रायल पर भी दे रहा है, जिसके तहत एक स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस टेस्टिंग का सबसे प्रमुख हिस्सा महिला रोबोट 'व्योममित्र' है, जिसे अंतरिक्ष में भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। इसरो की यह महिला रोबोट बेहद ही खास है। इसे लेकर इसरो ने कई तरह की योजनाएं तैयार की हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।
अंतरिक्ष में इंसान भेजने से पहले की तैयारी
यह जानना दिलचस्प है कि 'गगनयान' मिशन के जरिए एक मानवरहित विमान को रॉकेट की सहायता से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस 'गगनयान' द्वारा इसरो अंतरिक्ष में अपने सिस्टम और तैयारियों को भी परखेगा। यह माना जा रहा है कि अगले साल इस मिशन के दूसरे पड़ाव के तहत व्योम मित्र रोबोट को स्पेस में भेजा जा सकता है। इस महिला रोबोट को स्पेस में भेजने से इसरो स्पेस में किसी अंतरिक्ष यात्री को भेजने के सारे सवालों का जवाब जुटाने की तैयारी में है। इसके साथ ही अंतरिक्ष में अगर किसी इंसान को भेजा जाए, तो वहां पर उस पर कैसे असर होगा, उसे भी इसके जरिए इसरो समझने की कोशिश करेगा। ज्ञात हो कि इसरो ने मिशन गगनयान के लिए 24 जनवरी 2020 को ही रोबोट सबके सामने लाया था।
अंतरिक्ष में इस तरह काम करेगा महिला रोबोट
गौरतलब है कि अंतरिक्ष में 'गगनयान' के जरिए महिला रोबोट को भेजने से पहले उसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि वह पूरी तरह से एक इंसान के तौर पर कार्य करेगी। अंतरिक्ष में जाने के बाद कैसे एक इंसान वहां पर रहेगा, इसे लेकर अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए महिला रोबोट को पूरी तर से तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही महिला रोबोट गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी। साथ ही इसरो से मिलने वाले सभी जरूरी निर्देशों को समझेगी। महिला रोबोट ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से संपर्क करके बात भी करेगी।
क्या है व्योममित्र की खूबी
उल्लेखनीय है कि 'व्योममित्र' आधा ह्यूमनॉइड प्रोटोटाइप होगा, जिसे 'गगनयान' मिशन के लिए तैयार किया गया है। व्योममित्र को संस्कृत के दो शब्द व्योम यानी कि अंतरिक्ष और मित्र से मिलकर बनाया गया है। इसे दुनिया के बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमनॉइड रोबोट के तौर पर जाना जाता है। इसे साल 2021 में स्पेसफ्लाइट सत्र के समय लांच किया गया था। 'व्योममित्र' की खासियत यह भी है कि यह अंतरिक्ष यात्रियों से बात भी कर सकती है। अगर बात गगनयान मिशन की करें, तो यह मिशन क्रू सदस्यों को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में लेकर जाने के लिए मानव रेटेड लांच व्हीकल है। गगनयान के जरिए स्पेस में क्रू के सदस्यों को पृथ्वी की तरह ही वातावरण दिया जाएगा।
अंतरिक्ष में जायेंगे इंसान
हाल ही में यह भी जानकारी सामने आयी है कि महिला रोबोट और 'गगनयान' को अक्टूबर के पहले या फिर दूसरे सप्ताह में इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन के सफल होने के बाद साल 2024 में इसरो अंतरिक्ष में इंसानों को बतौर अंतरिक्ष यात्री भेजने की तैयारी करेगा। पहले चरण में अंतरिक्ष यान को भेजा जाएगा। इसके दूसरे परीक्षण के समय महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह दोनों योजनाएं सफल हो जाने के बाद इसरो मानव अंतरिक्ष मिशन की तैयारी करेगा। 'व्योममित्र' के जरिए इसरो इस पर ध्यान दे रहा है कि अंतरिक्ष में किसी इंसान को सुरक्षित भेजा जा सके और वहां से उसे सुरक्षित लेकर आया जा सके। इसरो गगनयान मिशन में तीन अंतरिक्ष मिशन को शामिल कर रहा है। इसमें एक मानव युक्त मिशन होगा और दो बिना मानव के मिशन होंगे।
भारतीय एयरफोर्स के चार पायलट
यह भी जानकारी हासिल हुई है कि गगनयान के तीसरे चरण में दो यात्रियों को भेजा जाएगा। ये यात्री अंतरिक्ष में सात दिन तक रहेंगे। इस गगनयान मिशन के लिए भारतीय एयरफोर्स के चार पायलट्स को चुना जाएगा। इनमें से एक ग्रुप कैप्टन और तीन विंग कमांडर होंगे। इन सभी एयरफोर्स पायलट्स को रूस में अंतरिक्ष में रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस मिशन के साथ विश्व के सामने भारत की स्वदेशी क्षमता का परिचय भी दिया जाएगा।
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