अमूमन, हमारे पास फ्रिज और ओवन होते ही हैं, यह हम सभी के लिए अब सांस की तरह हो गए हैं, रोटी, कपड़ा और साथ में रोटी को दोबारा गर्म करने के लिए अब ओवन तो चाहिए ही और उसे रखने के लिए फ्रिज. साथ ही यह भी एक बड़ी वजह बन जाती है कि हमें अपने काम पर जाना होता है, तो हमारी कोशिश होती है कि डिनर में ही सब्जियां ज्यादा बना लो और फिर उसे दूसरे दिन भी इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे सुबह में खाना बनाने वाली परेशानी से थोड़ा आराम तो मिलता ही है, लेकिन समय बचाने के चक्कर में हम कई बार भूल जाती हैं कि यह हमारे लिए परेशानी का भी सबब बन सकता है, खासतौर से हमारी बॉडी के लिए. तो आइये जानें, कैसे समय मैनेजमेंट के साथ-साथ, हम खान-पान का भी ध्यान रख सकते हैं और हमें बासी खाना खाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
पेट की बढ़ती हैं समस्याएं
डायटीशियन सिमरन यह साफ़ शब्दों में कहती हैं कि अगर लगातार बासी या ओवन में गर्म किया हुआ खाना खाया जाए, तो इससे शरीर में पेट से सम्बन्धी परेशानियां बढ़ सकती हैं, जैसे कब्ज, उल्टी, फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है. वहीं इससे डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
पोषक तत्व नहीं रह जाते हैं
बचे हुए खाने में पोषक तत्व इसलिए नहीं रह पाते हैं, क्योंकि हम अपने खाने को वक़्त देकर नहीं पकाते हैं, यह भी एक वजह है कि एक्सपर्ट्स लगातार इस बात को दोहराते हैं कि पहले से ही खाने में पोषक तत्व तेज आंच पर पकने के कारण, खत्म हो जाते हैं, ऐसे में जब उसे रेफ्रिजरेट या फिर से ओवन में गर्म करके खाया जाता है, तो परेशानी बढ़ जाती है. इससे लोगों में एसिडिटी की समस्या हो जाती है. इसलिए भी लेफ्ट ओवर खानों को न खाने की सलाह दी जाती है.
किस तरह के फूड बिल्कुल न खाएं बासी
सलाद, फ्रूट्स को काट कर फ्रिज में रात भर रख कर, कभी सुबह उसका सेवन करना सही नहीं है. यह आपकी सेहत को नुकसान देता है. ऐसी चीजें जिसमें एसिडिक होने की गुंजाईश होती है, जैसे आपको कभी भी नीम्बू से बनी चीजें या खट्टी चीजें दोबारा बासी नहीं खानी चाहिए. हम डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे दूध और दही खूब दिनों तक इस्तेमाल करते हैं, जबकि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, एक तो फ्रिज में कोई भी चीज ओपन न छोड़ें, उन्हें हमेशा ढँक कर रखें, इससे उसमें बैक्टेरिया कम होगा, साथ ही कोशिश करें कि दूध और दही, पैकेट खुलने के बाद, 48 घंटों के बीच इस्तेमाल कर लें, इससे भी आपकी सेहत को कम नुकसान होगा. गूंथा हुआ आटा भी अधिक दिनों तक न चलाएं, नॉन वेज आयटम को भी अधिक बासी करके न खाएं. फूड पॉजनिंग की पूरी गुंजाईश होती है. बिरयानी जैसी डिश तो हरगिज इस्तेमाल न करें. दाल भी कभी बासी न खाएं
समय की कमी में कैसे करें मैनेज
आपके पास चूँकि सुबह वक़्त नहीं है, तो आप एक काम कर सकती हैं कि बने बनाये खाने की बजाय, रात को सुबह के नाश्ते और ऑफिस के लिए लंच ले जाने के लिए, सारी सब्जियों को काट कर, एक एयर टाइट डिब्बे में रख दें और सुबह आपका उतना समय तो बच ही जायेगा. रोटियों को बनाने के लिए कोशिश करें, सुबह ही फ्रेश आटा गूँथें. रात को ही, आपको इस बात का अंदाज़ होना चाहिए कि आपके घर में कितने लोग हैं, उस हिसाब से ही आपको सब्जियां या बाकी चीजें बनानी चाहिए कि वह रात में ही खत्म हो जाये और सुबह फ्रेश चीजें खा सकें, अगर आप कोई डिज़र्ट बना रही हैं, तो वह आप बासी भी खा सकती हैं, लेकिन उसे भी अधिक दिनों तक न रखें, यही कोशिश होनी चाहिए.
बासी खाने में कुछ हेल्दी ट्विस्ट
अब एक बात, जो हमारे बड़े बुजुर्ग लगातार कहते आते हैं कि अन्न हमें बहुत मुश्किल से मिलता है, इसलिए कभी भी अपनी थाली में भोजन न छोड़ें और भोजन को बर्बाद न करें, तो यह आपके लिए संभव नहीं है कि हर दिन एकदम नाप-तौल कर खाना बनाया जाये, ऐसे में अगर संभव हो तो, या तो किसी ऐसे ऑग्रेनाइजेशन से जुड़ जाइये, जो आपका बचा हुआ खाना ले जाये, या फिर कोशिश कीजिये कि सुबह उसे कुछ हेल्दी और टेस्टी ट्विस्ट दीजिये, जैसे बची हुईं रोटियों को अंडे के साथ, रैप बना कर, उसमें बहुत सारी वेजिटेबल्स डाल कर, उन्हें हेल्दी बनाया जा सकता है. दाल बच गई है, तो आटे में उसे गूंथ कर, उसकी रोटियां बनाई जा सकती हैं. इसके अलावा अगर चावल बच गए हैं, तो उसे थोड़ा गीला करके, आप उसे तिलौरी बना कर भी लम्बे समय तक इस्तेमाल कर सकती हैं. कई बार गर्मियों के मौसम में, उल्टी होने में और लू लग जाने पर बासी चावल खाने की सलाह देते हैं डॉक्टर, इससे पेट में ठंडक मिलती है. बनारस में तो मलइयो एक डिश होती है, जो दूध को रात बाहर में ओस में रख कर बनाई जाती है, और ठंड के मौसम में इसका खूब सेवन किया जाता है. बहुत अधिक चिकन बच गया है, तो उसकी ग्रेवी को ड्राई करके, चिकन का कीमा बना कर, उसके रोल्स तैयार किये जा सकते हैं. ऐसे कुछ ट्विस्ट देकर, आप अपने बासी भोजन को हेल्दी बना सकती हैं.