आयुर्वेद का नाम सुनते ही, हमें सेहतमंद होने का खजाना दिखने लगता है, जो कि कई सारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां में होती हैं। हालांकि अपनी रोजमर्रा की व्यस्त जिंदगी में आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाना हमारे लिए इतना आसान नहीं है। इसी वजह से हम आपको बताने जा रहे हैं, ऐसी पांच जड़ी बूटियां के बारे में। यह पांच जड़ी बूटियां आपको हर दिन एक सही जीवनशैली की तरफ ले जाने में प्रभावकारी होती हैं। अपनी रोज की चाय से लेकर रात के खाने तक आप केवल इन पांच जड़ी-बूटियां के सहारे खुद को बाहरी और अंदरूनी तौर पर स्वस्थ रख सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
लेमन ग्रास
चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए लेमन ग्रास का प्रयोग किया जाता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि आयुर्वेद के जानकार लेमन ग्रास को खाने में कई तरह से इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह केवल एक हरी घास नहीं है, बल्कि इसमें बैक्टीरिया से बचाव करने के गुण होते हैं। कई तरह की बीमारियों से लड़ने की सुरक्षा देता है। माना गया है कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने, पाचन को मजबूत करने के साथ आपकी किडनी को भी स्वस्थ रखने का काम लेमन ग्रास प्रभावशाली तरीके से करता है। इसके साथ वजन कम करने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी लेमन ग्रास बढ़ाता है। आप चाहें तो इसका उपयोग किसी भी दाल, सब्जी या फिर सूप में कर सकती हैं। लेमन ग्रास का पेस्ट बनाकर सब्जी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अश्वगंधा
अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है, जो कि 3 हजार साल से पहले कुदरत से मानव जाति को मिला एक अनमोल तोहफा है। जानकारों की मानें तो अश्वगंधा में बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं। जिसे दिमागी परेशानियों से जुड़ीं बीमारियों से राहत देने का काम करता है। माना गया है कि थायरॉइड, डायबिटीज और मोटापे के लिए अश्वगंधा को वरदान माना गया है। वही शारीरिक क्षमता बढ़ाने, दिल को स्वस्थ्य रखने के साथ त्वचा और बालों के लिए अश्वगंधा को सबसे पौष्टिक माना गया है, इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया से सुरक्षित रखती है।
तुलसी
तुलसी हर घर में मौजूद होती हैं, कई बार आपको सर्दी या फिर खांसी में इसका उपयोग करने की सलाह किसी न किसी ने जरूर दी होगी। इसकी वजह यह है कि शरारी को प्राकृतिक इम्यूनिटी देने का काम तुलसी लाजवाब तरीके से करती है। साथ ही शरीर की त्वचा और बालों के लिए भी तुलसी में मौजूद एंटीफंगल गुण असरदार तरीके से काम करती हैं। हालांकि, तुलसी की खूबी सिर्फ यही तक नहीं है, ओरल हेल्थ, तनाव और पेट की बीमारियों के लिए भी लाभदायक बताया गया है। आप इसका सेवन सीधे तौर पर भी कर सकती हैं या फिर तुलसी की चाय या काढ़ा बनाकर भी पी सकती हैं।
दालचीनी
दालचीनी को भारतीय मसालों के बीच लाजवाब स्वाद की जगह मिली है, इसे खाने से आंखों के रोग, दांत का दर्द के साथ स्त्री रोगों के लिए भी लाभकारी माना गया है। इसमें मौजूद प्रोटीन, सोडियम के साथ विटामिन से जुड़े कई सारे अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।आप गर्म पानी में दालचीनी का पाउडर मिलाकर या फिर चाय में मिलाकर इसका सेवन कर सकती हैं। हालांकि अधिक मात्रा में दालचीनी का प्रयोग हानि पहुंचा सकता है। इसके लिए चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
गिलोय
गिलोय की सबसे बड़ी पहचान यही है कि यह कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता होती है, जिस पर पीले और हरे रंग के फूलों के गुच्छे होते हैं। जानकारों का मानना है कि गिलोय आपके पूरे शरीर को सुरक्षा कवच देने का काम करती है। आंखों के रोगों के लिए गिलोय को सबसे अधिक फायदेमंद बताया गया है। लीवर को ठीक करने के साथ पैरों के दर्द के लिए और बुखार को कम करने के लिए भी गिलोय अपना काम दवाई की तरह करता है। कफ की बीमारी में भी कई आयुर्वेदिक चिकित्सक गिलोय का सेवन करने की सलाह देते हैं। सबसे अधिक सर्दियोें के मौसम में गिलोय फायदेमंद साबित होता है गिलोय में गिलोइन, आयरन और कैल्शियम के साथ कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका जूस बनाकर सेवन किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल केवल चिकित्सक के सलाह पर किया जाना चाहिए। क्योंकि किसी भी चीज का अधिक सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।