आम तौर पर नवरात्र के दौरान 9 दिनों का व्रत रखा जाता है, जिसमें सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा अनबैलेंस्ड आहार ले लिया जाता है और इसका खामियाजा आपकी हेल्थ को भुगतना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं डॉक्टर सोनम विश्वकर्मा से कि व्रत के दौरान कैसा हो आपका खान-पान।
न होने दें शरीर में पानी की कमी

चैत्र नवरात्र के साथ ही गर्मियों का मौसम भी शुरू हो चुका है। ऐसे में नवरात्र के दौरान व्रत करते हुए आप भी सेहतमंद रहना चाहती हैं, तो आपको कुछ बातों के साथ अपने खान-पान का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। जैसा कि गर्मी का मौसम है सो कोशिश करें कि आपके शरीर में पानी की कमी न हो। इसके लिए समय-समय पर नारियल पानी, छांछ, नींबू पानी और दही का सेवन लगातार करती रहें। अपनी रुचि अनुसार आप चाहें तो ग्रीन टी, आल्मंड मिल्क( बादाम का दूध) और साथ ही वेजिटेबल जूस के साथ फ्रूट जूस भी ले सकती हैं, बशर्ते उसे आप छाने नहीं। हालांकि यदि आप अस्वस्थ या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आप फ्रूट जूस की बजाय फ्रूट खाएं, क्योंकि फ्रूट के मुकाबले फ्रूट जूस में शुगर की मात्रा काफी होती है। इसके अलावा, आप कोशिश करें कि हर 2 घंटे में कोई फ्रूट या ड्राइफ्रूट्स( मेवे) खाती रहें, जिससे आपके शरीर में शुगर लेवल बना रहे।
तली-भुनी चीजों को कहें टोटली ‘न’
व्रत के दौरान अपनी एनर्जी बनाए रखने के लिए कुछ भी खाने की बजाय ताजे फल के साथ दूध और ड्राइफ्रूट्स भी खाती रहें। संभव हो तो एक समय भोजन के तौर पर सिंघाड़े की रोटी, आलू की बजाय, शकरकंद की कम तेल में बनी सब्जी के साथ मखाने की खीर खाएं, जिससे आपकी एनर्जी बनी रहे। अक्सर देखा गया है कि व्रत में लोग तला-भुना काफी खाते हैं, फिर वो चाहे साबूदाना वड़ा हो या आलू के चिप्स। आप ये गलती न करें, क्योंकि तली-भुनी चीजें न सिर्फ आपका डाइजेशन खराब करते हैं, बल्कि आपको डिहाइड्रेट भी करते हैं। इसके अलावा, इन्हें खाने से पेट खराब होने का डर भी बना रहता है, जो आपकी एनर्जी पर नेगेटिव इफेक्ट डाल सकता है। इसके अलावा इनसे पोषण तो मिलता नहीं, बल्कि शरीर में कैलोरी के साथ फैट और शुगर की मात्रा और बढ़ जाती है।
मौसमी फ्रूट्स के साथ लें वेजिटेबल सलाद

विशेष रूप से ज्यादा मीठा और नमक डायबिटिक पेशेंट्स के साथ-साथ ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी नुकसानदेह होता है, जिससे न चाहते हुए भी उनकी तबियत बिगड़ सकती है। हालांकि एक बार फिर हम खान-पान की बात करें तो यदि आप जूस पी रही हैं, तो कोशिश कीजिए कि जूस घर का बना हो। इसके अलावा फैट मिल्क की बजाय डबल टोंड मिल्क लें। इसमें फैट कम और न्यूट्रिशन ज्यादा होते हैं। इसके साथ ही फ्रूट और वेजिटेबल्स का सलाद भी आप खा सकती हैं। फ्रूट सलाद में आप मौसमी फ्रूट्स के साथ सेब, अनार और पपीता खाएं। इससे हाजमा दुरुस्त रहेगा और शरीर में फाइबर की कमी नहीं होगी, वर्ना व्रत के दौरान अक्सर लोगों को कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो जाती है। गर्मियों का मौसम है, सो आप इन फ्रूट्स के साथ तरबूज जरूर खाएं, आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा होगा। वेजिटेबल्स की बात करें तो वेजिटेबल सलाद में आप खीरा, टमाटर, बीटरूट, गाजर और शकरकंद को एक साथ मिलाकर उस पर सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर खाएं।
मन भरकर खाने की बजाय तन भरकर खाएं

आपने देखा होगा कि ऐसे कई लोग होते हैं जो व्रत के दौरान दिन भर कुछ नहीं खाते, लेकिन रात को इतना ज्यादा खा लेते हैं, जो उनके नॉर्मल डायट से ज्यादा होता है, जैसे एक प्लेट भरकर फलाहारी आलू, घी में बना सिंघाड़े या गाजर का हलवा, आलू के चिप्स, एक गिलास दूध और मुट्ठी भर ड्राइफ्रूट्स। यदि आपका भी डायट कुछ ऐसा है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इससे आपका पेट तो भर जाएगा, लेकिन इसका बुरा प्रभाव आपके स्वास्थ्य और वजन पर पड़ेगा। इससे बेहतर है कि अपने इस आहार को आप पूरे दिन में डिस्ट्रीब्यूट करते हुए चार पोर्शन में बांट दें। यह भी हो सकता है कि अचानक आए 9 दिन के व्रत की आदत आपके शरीर को न होने के कारण आपको आलस्य के साथ थोड़ा चिड़चिड़ापन महसूस हो। ऐसे में समय-समय पर आराम करने की कोशिश करें और रात को जल्दी सोएं। यदि आप वर्किंग वूमन हैं, तो कोशिश करें कि अपने दिमाग के साथ शरीर से ज्यादा मेहनत न करवाएं और थोड़ा रिलैक्स करें।