त्रिफला का सेवन वैसे तो कई स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है, मगर इसका सेवन जरूरत से ज्यादा करने पर आपके शरीर में कई छोटे और बड़े प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। यह आपके पाचनतंत्र में गड़बड़ी से लेकर हाई ब्लड प्रेशर तक की बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है। यही नहीं, त्रिफला सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी हानिकारक साबित हुआ है। इसका सेवन सही मात्रा में किया जाना बहुत जरूरी है।
त्रिफला को प्राचीन आयुर्वेदिक संस्कृति से एक टॉनिक के रूप में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शरीर में कई बीमारियों और तकलीफों को राहत प्रदान करने में त्रिफला मददगार माना जाता है। त्रिफला तीन फलों, आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी को मिलाकर बनाया गया है। त्रिफला में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में प्रोटेक्टिव फंक्शन करते हैं। इसमें अन्य फलों के साथ विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, टैनिन और सैपोनिन शामिल हैं। इसमें मौजूद ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं, पुरानी बीमारियों को भी जड़ से मिटाने में योगदान करते हैं। हालांकि, त्रिफला को जरुरत मात्रा से अधिक लेने से कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं।
त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवाई है, जो दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति 3,000 साल पहले भारत में हुई थी। सालों से आयुर्वेदिक दुनिया का राजा माना जाता है। अपने कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, त्रिफला दुनिया भर में लोकप्रिय है। त्रिफला का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्राचीन काल से पेट की बीमारियों से लेकर दांतो में दर्द या दांतों से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। अध्ययनों से पता चला है कि एंटीऑक्सिडेंट के साथ त्रिफला में कुछ ऐसे लाभ भी हो सकते हैं, जिसमें हृदय रोग से बचाव, एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार और सूजन को कम करना शामिल है। कई टेस्ट-ट्यूब और जानवरों पर किये गए अध्ययन में कैंसर से बचने के लिए भी त्रिफला का इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिए, यह चूहों में लिम्फोमा, साथ ही पेट और अग्नाशय के कैंसर के विकास को रोकने के लिए प्रभावित साबित हुआ है।
जब आप त्रिफला का सेवन जरूरत से ज्यादा कर लेते हैं तो क्या होता है?
किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं, ऐसा ही त्रिफला के साथ भी होता है। त्रिफला के चूर्ण का सेवन ज्यादा कर लेने से आपको डायरिया या पाचन क्रिया में गड़बड़ी महसूस हो सकती है। जिन्हें नाक या कान से खून आने की शिकायत है उन्हें भी त्रिफला का सेवन जरुरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को के लिए त्रिफला हानिकारक माना जाता है। त्रिफला साइटोक्रोम P450 नामक एक महत्वपूर्ण लीवर एंजाइम के कार्य में समस्या पैदा करता है। इससे दवाओं को ठीक से पचाने में समस्या होती है और त्रिफला आपके द्वारा ली जा रही दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में त्रिफला के डोज ने डिप्रेशन की दवा के साथ प्रतिक्रिया की और मरीज के नींद के पैटर्न में बदलाव और मूड स्विंग्स आने लगे।
पाचन तंत्र के लिए भी हानिकारक है त्रिफला का अधिक सेवन
अगर त्रिफला चूर्ण या त्रिफला के सेवन से आपका पेट खराब होता है तो इसे तुरंत छोड़ दें। त्रिफला से कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रभाव पैदा होते हैं जो सीधे आपके पाचनतंत्र को खराब करते हैं। गैस, दस्त, ऐंठन, पेट खराब जैसी कई तकलीफें आपको शुरु हो सकती है। आपके डाइजेस्टिव प्रॉब्लम पहले भले ही हल्की-फुल्की हो लेकिन अगर आपने त्रिफला का सेवन बंद नहीं किया तो यह बहुत ज्यादा बढ़ सकती बढ़ सकती है।
ब्लड प्रेशर पर भी होता है त्रिफला का नेगेटिव असर
त्रिफला यह आपके ब्लड प्रेशर के कम होने का कारण बन सकता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई रहता है,तब इसका सेवन ठीक है, लेकिन याद रहे कि यह ब्लड प्रेशर को बहुत कम भी कर सकता है। त्रिफला पाउडर में डायबटीज विरोधी गुण भी होते हैं, हालांकि, त्रिफला का अधिक मात्रा में सेवन करना बहुत अच्छा विकल्प नहीं है। त्रिफला में मौजूद सोर्बिटोल और मेन्थॉल की मात्रा इस प्रभाव के मुख्य कारण हैं। जिन लोगों को पहले से ही लो ब्लडप्रेशर है उन्हें त्रिफला से बचने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि यह इसे और भी कम करता है। मानव शरीर पर त्रिफला के प्रभाव पर कई अध्ययन होते हैं और इसे अब भी और ज्यादा समझने की जरुरत है।
गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक साबित होता है त्रिफला
त्रिफला में पाए जाने वाले एक फल हरीतकी को गर्भपात का कारण माना जाता है। यह गर्भवती माताओं पर कई अन्य हानिकारक प्रभावों से भी जुड़ा हुआ है। प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को वैसे भी किसी भी तरह की दवाई के सेवन से पहले अपने डॉक्टर को पूछना चाहिए, मगर त्रिफला को तो पूरी तरह अवॉयड करना चाहिए। त्रिफला आपके शरीर में गर्मी पैदा करता है इसलिए भी गर्भवती महिलाओं के लिए त्रिफला के चूर्ण या त्रिफला का सेवन सही नहीं माना जाता।
त्रिफला के अन्य साइड इफेक्ट्स
इन सभी के अलावा त्रिफला आपकी अन्य किसी दवाई के साथ भी इफेक्ट कर सकता है, इसलिए इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। त्रिफला सबको सूट हो ऐसा भी जरूरी नहीं है। कुछ लोगों ने इसके सेवन से सरदर्द, डायरिया, उलटी होना, बेचैनी होना, बॉडी पर रैशेज होने की शिकायत की है। त्रिफला के सेवन से कुछ लोगों को आंखों में भी जलन होती है। अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखे तो इसके सेवन को कम कर दें या इसे पूरी तरह से बंद कर दें। अगर आप कब्ज से भी परेशान हैं, तो त्रिफला का सेवन काफी दिनों तक न करें। कब्ज में त्रिफला फायदेमंद तो है लेकिन अगर कब्ज ठीक नहीं हो रही तो इसे लेते न रहें, बल्कि डॉक्टर को दिखाएं।
त्रिफला विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सिडेंट का एक स्रोत है जो आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है। सोने से पहले खाली पेट त्रिफला की खुराक लेना अपने डिटॉक्सिफाइंग गुण के कारण आंतरिक सफाई के लिए फायदेमंद हो सकता है। त्रिफला चूर्ण वजन घटाने में भी मदद करता है लेकिन, फिर भी इसके सेवन को ध्यान से करना चाहिए।
त्रिफला चूर्ण से होने वाले नुकसान के बारे में FAQ
त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें?
त्रिफला चूर्ण को घी, शहद या दूध के साथ लिया जा सकता है।
क्या हम दूध के साथ त्रिफला चूर्ण ले सकते हैं?
हां, त्रिफला चूर्ण को दूध के साथ भी ले सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण कैसे बनता है?
इसे आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी को पीसकर बनाया जाता है।