आपके जीवन में सेहतमंद रहने की चाबी खान-पान के जरिए आती है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि भारत जितने परंपराओं से बना हुआ देश है, ठीक इसी तरह देश में कई तरह की स्वादिष्ट डिश भी मौजूद हैं, जो कि आपके खान-पान को स्वस्थ रहने का उपहार भी दे सकती हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर आप किसी प्रांत की कौन-सी डिश को अपने खाने की थाली में शामिल कर खुद को सेहत के प्रति जागरूक रहने का वादा दे सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
उत्तर प्रदेश से मिलेगा लिट्टी-चोखा का स्वाद
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक प्रचलित लिट्टी चोखा के अलावा दाल-चावल आलू की भुजिया या फिर आलू का चोखे है, जो कि साधारण से खाने की थाली को भी स्वाद और सेहत से भर देता है। गांव के चूल्हे पर बनने वाली यह डिश आपकी सेहत के के लिए पौष्टिक मानी गई है। हालांकि उत्तर प्रदेश के साथ बिहार की भी यह लोकप्रिय डिश मानी गई है। जानकारों का मानना है कि इससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। इसमें शुगर का स्तर ऊपर नहीं होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को भी इसे खाने की सलाह दी जाती है। सत्तू की लिट्टी यानी कि चने के दाल को सूखे आटे की लोई में भरा जाता है। इसके साथ बैंगन और आलू का चोखा बनाया जाता है, जो कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने का कार्य करता है। लिट्टी में भुने हुए चने का सत्तू होता है, जो कि इंसुलिन से संबंधित समस्याओं को दूर करता है। साथ ही मिक्स ग्रेन का आटा होने के कारण इसके कई लाभ होते हैं। मिक्स ग्रेन का मतलब गेहूं, चना और जौ के आटे से मिलकर लिट्टी का आटा तैयार किया जाता है। यह भी माना गया है कि गर्मी के मौसम में इसे खाने से लू ( गर्मी की तेज हवा) से सुरक्षित खुद को रखा जा सकता है। फाइबर अधिक होने के कारण इसे पचाना आसान होता है।
बिहार से मिलेगा लोकप्रिय दाल पीठा का स्वाद
बिहार में दाल पीठा और सत्तू से कई तरह की डिश बनाई जाती है। दाल पीठा बिहार की पारंपरिक डिश है। इसे उत्तर प्रदेश में फरा कहा जाता है, जो कि चावल के आटे और चने की दाल से बनाई जाती है। इस डिश को आप आसानी से बनाकर सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने में भी सेवन कर सकती हैं। दाल पीठा बनाने के लिए चावल के आटे का इस्तेमाल होता है, जो कि सेहत के लिहाज से काफी लाभदायक माना गया है। चावल के आटे से पाचन प्रक्रिया ठीक रहती है। यह भी माना गया है कि चावल का आटा लीवर के लिए फायदेमंद होता है। यह भी माना गया है कि चावल के आटे में प्रोटीन का मात्रा सबसे अधिक होती है। इसमें अधिक मात्रा में विटामिन बी होता है, वहीं पीठा चने की दाल को भिगोकर और सारे मसालों को मिलाकर बनाया जाता है। चने की दाल खाने के फायदे अनेक है। चने की दाल में जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन और फोलेट के गुण अधिक पाए जाते हैं। साथ ही चने की दाल को प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत भी माना जाता है।
महाराष्ट्र से मिलेगा पारंपरिक झुणका भाकर का स्वाद
झुणका भाकर एक पारंपरिक महाराष्ट्र की डिश है। इसे पिथला के नाम से भी जाना जाता है। भाकर यानी कि रोटी बनाने के लिए बाजरे या फिर चावल के आटे से रोटी बनाई जाती है। वहीं झुणका बनाने के लिए चने के दाल के आटे में सभी तरह के मसाले मिलाकर सब्जी तैयार की जाती है। झुणका भाकर सेहत के लिए फायदेमंद है। कम तेल के इस्तेमाल से बनने वाली डिश सेहत के लिए कई तरह के पौष्टिक मानी गई है। यही वजह है कि महाराष्ट्र के गांवों में खेती करने के बाद झुणका भाकर का सेवन किया जाता है, ताकि शरीर को इससे पौष्टिकता मिल सके। चावल और बाजरे के आटे से बनने वाली रोटी में विटामिन बी 3, विटामिन बी 6, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होता है। बेसन से तैयार की गई सब्जी भी कई तरह से फायदेमंद होती है। बेसन में अधिक मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। इसके सेवन से पाचन क्रिया सही रहती है।
गुजरात से मिलेगा थेपले का सेहतमंद स्वाद
गुजरात में आपको सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक की डिश में थेपला की महक जरूर अनुभव करने को मिलेगी। खासतौर पर ठंडी के मौसम में थेपले का सेवन सबसे अधिक किया जाता है। मेथी से बना थेपला सबसे अधिक पसंद भी किया जाता है। मेथी के थेपले में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह माना गया है कि थेपले के सेवन शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में काफी सहायता मिलती है। साथ ही मेथी का थेपला खाने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि दिल के मरीजों के लिए थेपले का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। थेपले में ऐसे कई पदार्थ है, जो कि आपके दिल की सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद पाया गया है। साथ ही थेपले के सेवन से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। साथ ही अगर आपको कब्ज की या फिर पेट से जुड़ी कोई भी दिक्कत है, तो आप थेपले के सेवन करने से कब्ज, पेट में दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पा सकती हैं। मेथी के थेपले इस मामले में काफी अच्छी तरीके से काम करते हैं। मेथी के थेपले हड्डियों के विकास के लिए काफी लाभकारी हैं।
पंजाब से मिलेगी सरसों के साग की सेहतमंद महक
पंजाब की लोकप्रिय डिश सरसों का साग और मक्के की रोटी को पोषक तत्वों का पावरहाउस माना जाता है। पंजाब में इस डिश का चलन सबसे अधिक है। खासतौर पर सर्दियों में इसका सेवन सबसे अधिक किया जाता है। यह माना गया है कि सरसों के साग के सेवन से आपके हड्डियों को राहत मिलती है और साथ ही अंदरूनी तौर पर गर्माहट भी मिलती है। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी सरसों का साग करता है। सरसों में आयरन, कॉपर और मैंगनीज जैसे कई सारे गुण पाए जाते हैं, जो कि रोगों से लड़ने की आपकी शक्ति को बढ़ाता है।
राजस्थान से मिलेगा गट्टे की सब्जी का सेहतमंद स्वाद
गट्टे की सब्जी एक लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन है। इस सब्जी को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। गट्टा यानी कि बेसन से बनाई जाने वाली सब्जी। बेसन के क्या फायदे होते हैं, यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं। गट्टे खासतौर पर पके हुए बेसन के पकोड़े होते हैं, जिसे मसालेदार दही की ग्रेवी में मिलाया जाता है। ज्ञात हो कि गट्टे की सब्जी में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। गट्टे को उबालने से पहले उसे तैयार करने के दौरान अजवाइन का इस्तेमाल भी काफी अच्छी मात्रा में होता है।