सफेद मूसली खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह एक तरह की जड़ी बूटी होती है, जिसका मुख्य इस्तेमाल कई बीमारियों को हटाने के लिए किया जाता है, यह न केवल गठिया, डायबिटीज और यूटीआई जैइस बीमारियों को दूर भगाने में उपयोगी है, बल्कि और भी कई बीमरियां इसके उपयोग से दूर भाग जाती हैं। सफेद मूसली मुख्य रूप से आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी चिकत्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी खासियत यह होती है कि यह बरसात के मौसम में जम कर उगती है। लेकिन घरों की तुलना में यह जंगलों में ज्यादा होती है। यह इस कदर लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन रहा है कि इसकी खेती पूरे देश में होती है। यह न केवल जड़ी-बूटी के रूप में, बल्कि कैप्सूल के रूप में भी पसंद की जा रही है। ठंड के समय भी इसका उपयोग करना काफी फायदेमंद होता है। इसकी जड़ों में विटामिन और खनिज होता है। साथ ही प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिंस, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज भी प्रमुखता से मिलते हैं। सफेद मूसली की जड़ों और बीजों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
बॉडी बिल्डिंग के लिए फायदेमंद है सफेद मूसली
सफेद मूसली एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो बॉडी-बिल्डर के लिए मददगार है। सफेद मुसली में सैपोनिन होते हैं, जो मांसपेशियों की वृद्धि, मरम्मत और लाभ को बढ़ावा देने पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। किसी इंसान को अगर मसल्स बनाने हैं, तो मूसली पाउडर काफी अधिक नरिशमेंट देता है, इसे एक ताकत देने वाली जड़ी-बूटी के रूप में माना जाता है। कई पहलवान भी इसका सेवन करते हैं। खास बात यह है कि यह बॉडी को सही तरीके से स्ट्रेंथ देती है और नरिशमेंट करती है और हेल्दी तरीके से ही मसल्स बनते है। साथ ही यह कोई भी बनावटी फैट को शरीर में बनने से रोकती है। इसलिए केमिकल वाले सप्लीमेंट्स से तो अच्छा यही है कि इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये। सफेद मूसली का सेवन अगर सुबह और शाम इसके कैप्सूल दूध या पानी के साथ करें, तो शरीर में कभी कमजोरी महसूस नहीं होगी।
इम्यूनिटी को बढ़ावा देती है
सफेद मूसली शारीरिक स्थिति में जिसक इम्यूनिटी पॉवर थोड़ी कमजोर रहती है, जिन्हें हमेशा ही सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं। उनके लिए यह बेहद जरूरी है कि वह इसका सेवन करें, क्योंकि इसके सेवन से इम्यूनिटी पॉवर बढ़ती है। आधा चम्मच मूसली को अगर शहद के साथ लिया जाए, तो यह सेहत के लिए अच्छा होता है और जो भी बीमारी आपको इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से हो रही हैं, इसके इस्तेमाल से वह काफी हद तक ठीक हो जाता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें इसके सेवन से पहले किसी डॉक्टर की राय हमेशा ही ले लें।
वजन घटाने में सहायक
सफेद मूसली केवल इम्यूनिटी बढ़ाने में ही नहीं, बल्कि वजन को घटाने में भी हमेशा से सहायक रही है। वजन घटाने और बढ़ाने दोनों का काम मूसली करती है। लेकिन यह आपके सेवन करने के तरीके पर निर्भर करता है कि आप वजन बढ़ा रहे हैं या घटा रहे हैं, जैसे अगर सफेद मूसली को दूध के साथ सेवन किया जाए, तो आपका वजन बढ़ सकता है, लेकिन आप इस बात को सुन कर हैरान हो सकते हैं कि यदि आप इसे गर्म पानी के साथ पिएं, तो यह वजन कम करने में मदद करती है। इसलिए अगर आपको मोटापे या बढ़ते वजन से परेशानी है, तो गर्म पानी के साथ ही इसका सेवन करें। इसके लिए आपको वर्कआउट से पहले गर्म पानी के साथ मूसली पाउडर ले लेना है। और फिर दूध के साथ इसके सेवन न करें, क्योंकि इससे फिर आपके वजन में इजाफा होगा। एक बात का ध्यान रखें कि एक बार अपने चिकित्सक या डायटीशियन से अच्छी तरह से इस पर राय ले लें।
आर्थराइटिस को भी ठीक करती है सफेद मूसली
सफेद मूसली जैसी यह जो जड़ी-बूटी है, कमाल की है, यह कई बीमारियों से बचाने के साथ-साथ आर्थराइटिस जैसी बीमारियों को भी ठीक करती है। यह तो देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ और भी कई बीमारियां होती हैं, ऐसे में हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना भी एक आम समस्या हो ही जाती है। अपने देश में अधिकांश बुजुर्ग आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित रहते हैं। सफेद मूसली के सेवन से आर्थराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन से आराम मिलता है। इसके लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर ही काफी होता है, जिसे दिन में दो बार खाने के बाद खा लेना चाहिए।
कैंसर से बचाव
सफेद मूसली का सेवन कैंसर के खतरे को भी टाल या कम कर सकता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावी तरीके से मजबूत करती है, जिससे कैंसर के जो सेल्स होते हैं, उसके बढ़ने का खतरा काफी कम हो जाता है और इसकी वजह से कैंसर से बचाव होता है। कैंसर से बचाव के लिए आधा चम्मच मूसली पाउडर को दूध या पाने के साथ दिन में दो बार सेवन करें। वैसे अगर आप और किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं, तो पहले डॉक्टर की सलाह ले लें, वह बेहद जरूरी है। कैंसर में क्योंकि और भी कई दवाइयां चलती रहती हैं, तो उसमें किसी भी तरह के बाहरी औषधि को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह-मशविरा करना जरूरी होता है।
सिर दर्द से मिलता है आराम
सिर दर्द को भी ठीक करने में मूसली काफी सहयोग करती है। जी हां, मूसली एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो सिर दर्द में भी काफी आराम दिलाती है, क्योंकि आप लंबे समय से इसकी परेशानी से जूझ रहे होते हैं, सिरदर्द की समस्या स्ट्रेस, हार्मोन के असंतुलन होने के कारण या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण उतपन्न हो सकती है। वहीं, सफेद मूसली पाउडर और दूध का सेवन करने के कारण स्ट्रेस को कम करने में काफी मदद मिलती है। इससे सिर दर्द की समस्या को दूर करने में काफी लाभ होता है। वर्तमान दौर में जब हद से अधिक सिर-दर्द को परेशानी है, क्योंकि लोग काफी तनाव लेते हैं, तो ऐसे में सफेद मूसली का सेवन काफी फायदेमंद साबित होगा ही।
सफेद मूसली के सेवन में सावधानी और इसके नुकसान
यह बेहद जरूरी है कि आप मूसली का सेवन करते हुए कुछ बातों का खास ख्याल रखें, ताकि आपको आगे किसी तरह की परेशानी न हो, खासतौर से अगर आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें या इसका सेवन न ही करें, तो बेहतर होगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर जरूरत से ज्यादा आप सफेद मूसली का सेवन करेंगे, तो आपको भूख कम लग सकती है। साथ ही इसकी तासीर ठंडी होती है, जो शरीर में कफ को बढ़ा देती है, इसलिए अगर आपको ऐसी कोई परेशानी है तो इसका सेवन न करें। अगर कोई महिला स्तनपान करा रही हैं, तो इसका सेवन न ही करेंगी तो अच्छा होगा, कई लोगों की डाइजिस्टिव सिस्टम बेहतर न होने की वजह से भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, बेहतर है कि इसका सेवन न ही किया जाए। अपनी जरूरत और रोग के बारे में जान लेना और फिर डॉक्टर से सलाह ले लेने के बाद ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
तो बेहतर तो यही होगा कि सफेद मूसली के सारे फायदों को जानते हुए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाये, लेकिन इस बात का भी खास ख्याल रखा जाये कि अगर इसके कुछ नुकसान या साइड इफेक्ट हैं, तो इसके सेवन को ध्यान में रखें और डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
सफेद मूसली को लेकर पूछे गए FAQ
1 . क्या यह यूरिनल इंफेक्शन को दूर करने में भी सहायक होता है ?
हां, अगर किसीमहिला को यूरिन में जलन या बार-बार यूरिन होने की समस्या है, तो उसमें यह काफी आराम देता है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को ल्यूकोरिया या सफेद पानी की समस्या होती है, उनके लिए मूसली फायदेमंद है।
2 . क्या गर्भावस्था में इसका सेवन किया जाना चाहिए ?
इसके लिए आपको बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से अच्छी तरह से सलाह ले लें और इसके बाद ही इसका सेवन करें।
3 . इसका सेवन किस तरह से करना चाहिए?
इसके सेवन के अलग-अलग तरीके हैं, ज्यादातर लोग दूध, पानी या शहद के साथ इसका सेवन करते हैं, यह आपकी बीमारी पर भी निर्भर करता है और फिर उस अनुसार सेवन की विधि चुनना ही ठीक होगा।