शकरकंद को मूल रूप से कंद के रूप में जाना जाता है, जिसको शकरिया, मीठा आलू या शकरकंदी के नाम से अलग-अलग जगहों पर बुलाया जाता है, इसकी 400 से अधिक प्रजाति होती है। ज्यादातर शकरकंद सफेद, लाल, बैंगनी या गुलाबी रंग के होते हैं। अलग-अलग नामों और रंगों वाला यह कंद विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। जिस वजह से यह कंद कई तरह स्वास्थ्य फायदों से न सिर्फ भरपूर होता है, बल्कि हमारी शरीर को कई रोगों से भी दूर रखता है। आइए जानते है इसके फायदों के बारे में
इम्यून सिस्टम को है बढ़ाता
कोविड के बाद से हम सभी को इम्यून सिस्टम की अहमियत मालूम हो गयी है और शकरकंद इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शकरकंद में पाए जाने वाले आयरन, फोलेट, कॉपर, मैगनीशियम, विटामिन्स आदि इम्यून को मजबूत करने में सहायक है। गौरतलब है कि इसमें आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर में एनर्जी लेवल की कमी को दूर करता है। आयरन की कमी से शरीर में एनर्जी के साथ खून की भी कमी हो जाती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।
त्वचा में निखार है लाता
शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर पाया जाता है और इस बात से सभी परिचित हैं कि विटामिन सी और विटामिन ई त्वचा और बालों के बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन सी कोलेजन बूस्टिंग में मदद करता है। यह त्वचा का प्रोटीन है। कई स्टडीज से यह भी पता चला है कि विटामिन सी में सूजन से बचाने के गुण होते हैं।इसके साथ ही यह हमारी त्वचा को चमकदार और जवां भी बनाता है। विटामिन-ई त्वचा को सन टैन से बचाता है और मुंहासों से भी दूर रखता है।
अच्छे पाचन में सहायक
शकरकंद डायटरी फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य और पाचन में सुधार के लिए भी जाना जाता है। शकरकंद में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री बच्चों और वयस्कों दोनों में कब्ज को रोकने में मदद कर सकती है। इसमें उच्च मात्रा में फाइटोस्टेरॉल भी होता है, जो पाचन तंत्र पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है, जिससे गैस्ट्रिक अल्सर को रोकने में भी मदद मिलती है।
आंखों के लिए है फायदेमंद
शकरकंद बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है। रिसर्च बताता है कि जब हम बीटा-कैरोटीन खाते हैं, तो हमारा शरीर इसे विटामिन-ए में बदल देता है, जो आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। एक रिसर्च में यह पाया गया कि बैंगनी शकरकंद में एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सिडेंट का एक खास समूह होता है, जो आंखों के लिए भी लाभकारी होता है।
हड्डियों को देता है मजबूती
हड्डियों को मजबूती के लिए सबसे फायदेमंद कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है और शकरकंद में कैल्शियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पायी जाती है। रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही उनके विकास में भी फायदेमंद है।
मस्तिष्क के लिए भी वरदान
शकरकंद बाल, त्वचा, आंखों और हड्डियों के लिए ही नहीं बल्कि मस्तिष्क के लिए भी वरदान है। कुछ रिसर्च में यह दावा भी किया गया है कि बैंगनी शकरकंद में मौजूद एंथोसायनिन सूजन को कम करके और मस्तिष्क के मानसिक गिरावट को रोककर मस्तिष्क की रक्षा कर सकता है।कूलमिलाकर शकरकंद मस्तिष्क के कामकाज को भी बेहतरीन बनाता है।
कैंसर के खतरे को करता है कम
शकरकंद कई जानलेवा रोगों को दूर रखने में भी मददगार है। कई स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि बैंगनी गूदे वाला शकरकंद कैंसर से लड़ने के लिए आवश्यक है। बीटा-कैरोटीन एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को रोकने और कम करने में मदद कर सकता है। शकरकंद में मौजूद कैरोटीनॉयड में प्रोस्टेटजैसे कैंसर को होने से रोकने में सहायक होता है।
वजन को करता है कंट्रोल
शकरकंद अपने उच्च फाइबर, कम वसा और कैलोरी के स्तर की वजह से वजन घटाने के लिए फायदेमंद होता है। इसे खाने के बाद बहुत जल्दी भूख भी नहीं लगती है, जिससे आपको जल्दी-जल्दी खाने की भूख नहीं लगती है।
ब्लड प्रेशर को रखता है मेन्टेन
शरीर में सोडियम और पोटेशियम का स्वस्थ संतुलन रक्तचाप के स्तर को कम करने और आर्टरी रुकावटों को रोकने में मदद कर सकता है और यह शकरकंद में भरपूर होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और स्वाभाविक रूप से हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मददगार होता है।
शकरकंद खाने के नुकसान
कई बार शकरकंद का सेवन अधिक करने से नुकसान होता है, इससे किडनी स्टोन होने की भी समस्या बढ़ जाती है। इसमें जो ऑक्सलेट होता है, वो काफी परेशान करता है। इसका अधिक सेवन करने से एलर्जी की भी समस्या हो जाती है। विटामिन ए की मात्रा अधिक होने के कारण सिरदर्द की भी परेशानी हो सकती है। शकरकंद अधिक खाने से कई बार पेड़ संबंधी परेशानी भी होती है।
सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले सवाल
एक दिन में कितना शकरकंद खाना फायदेमंद हैं ?
हालांकि यह पूरी तरह से आपके पाचन पर निर्भर है, लेकिन जानकार यह बताते हैं कि चूंकि शकरकंद में बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट और चीनी होती है, इसलिए रोजाना इसका बहुत अधिक सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ सकता है।एक दिन में एक शकरकंद काफी होता है।
शकरकंद खाने का समय सबसे अच्छा समय कब होता है?
वैसे तो शकरकंद को कभी भी खाया जा सकता है। सुबह और दोपहर का समय सबसे बेहतर माना जाता है। सुबह इसे खाने से आप पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रहते हैं। हालांकि स्टडीज दोपहर में शकरकंद को खाना सबसे फायदेमंद बताती है। दरअसल शकरकंद के कैल्शियम को शरीर में अवशोषित होने में 4 से 5 घंटे लगते हैं और दोपहर 2 से 5 बजे की धूप कैल्शियम अवशोषण को बढ़ावा दे सकती है। रात में शकरकंद खाने से बचना चाहिए।
किन लोगों को शकरकंद से परहेज करना चाहिए?
शकरकंद में पोटैशियम होता है। उच्च पोटेशियम का सेवन उन लोगों के लिए सही नहीं माना जाता है, जो बीटा-ब्लॉकर्स लेते हैं। इसमें हृदय रोगी और किडनी की समस्या से जूझ रहे रोगी शामिल है। शकरकंद को अपनी डायट में शामिल करने से पहले वह डॉक्टर्स की राय जरूर लें। इससे ब्लड में पोटेशियम का स्तर बढ़ सकता है और इन समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि वे दिन में कितना पोटेशियम लेते हैं।
क्या डायबिटीज के मरीज शकरकंद खा सकते हैं?
यदि आपको डायबिटीज है, तो भी आप रोजाना शकरकंद खा सकती हैं। जब तक आप अपने खानपान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा के लिए सिर्फ शकरकंद पर निर्भर रहती हैं और वो भी सब्जी की तरह तो ही। गौरतलब है कि शकरकंद कार्बोहाइड्रेट का एक स्रोत है, जो रक्त शर्करा बढ़ाता है।
शकरकंद को किस तरह से खाना चाहिए ?
इस फायदों से भरपूर कंद को आप बेक, उबालकर, रोस्ट, फ्राई स्टीम में या पैन में पका कर खा सकती हैं। जैसी आपकी सुविधा और पसंद हो उसे वैसे खा सकती हैं, हालांकि रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि उबले हुए शकरकंद में विटामिन-डी का लेवल, बेक किए हुए शकरकंद के मुकाबले ज्यादा होता है।