चिरौंजी एक ऐसा मेवा है, जो हमारी मिठाईयों के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी वरदान है। चिरौंजी में विटामिन-सी, विटामिन बी 1, विटामिन बी 2 और नियासिन आदि मौजूद होते हैं। आइए जानते हैं यह किस तरह से कई बीमारियों से हमारे शरीर को दूर रखने में कारगर है।
पाचन में सुधार
चिरौंजी के दानों में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कब्ज को रोकता है, मल त्याग को नियमित करता है और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि सूजन और गैस को कम करता है।
मांसपेशियों की ताकत है बढ़ाता
पोषक तत्वों से भरपूर चिरौंजी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो कि मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है और मसल्स बिल्डिंग में मददगार है। इसके अलावा, ये आपकी टिशूज और सेल्स की सेहत को बेहतर बनाता है और इन्हें अंदर से हेल्दी रखने में मदद करता है। इस प्रकार से ये मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में मददगार है।
सिर दर्द में दे आराम
सिर दर्द की समस्या अगर आपको आए दिन परेशान करती है, तो आप चिरौंजी के बीज को इस्तेमाल में ला सकती हैं। एक शोध से यह बात साफ होती है कि चिरौंजी के बीज में औषधीय गुणों के साथ इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्दनिवारक प्रभाव पाया जाता है।
हृदय रोग के जोखिम करता है कम
चिरौंजी के दानों में मौजूद स्वस्थ वसा, विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड और यह हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। ये वसा रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते है।
मधुमेह को कंट्रोल करने में मददगार
चिरौंजी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। विशेषकर टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में चिरौंजी काफी मददगार होती है। सुबह खाली पेट काली चाय के साथ चिरौंजी के तेल का सेवन किया जा सकता है। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को पूरे दिन सही रखने में मदद कर सकता है।
इम्युनिटी बूस्टर भी
कोविड पीरियड ने हम सभी को इम्यूनिटी की अहमियत को समझा दिया है। चिरौंजी के अंदर भी ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसलिए आप इसे अपनी डेली की डायट में शामिल कर सकती हैं। चिरौंजी को आप रोजाना दूध, ओट्स, दलिया और मीठे व्यंजनों में डालकर सेवन कर सकती हैं। यह शरीर में कमजोरी से लड़ने में मदद करता हैं।
घाव को करता है ठीक
चिरौंजी घाव भरने में मदद करती है, क्योंकि इसमें कसैले और सूजनरोधी (एंटी- इंफ्लेमेटरी) गुण होते हैं। यह कोलेजन उत्पादन को बढ़ाकर घाव के भरने में कारगर है। यह अपने जीवाणुरोधी ( एंटी-बैक्टेरियल) गुणों के कारण किसी भी संक्रमण को रोककर घाव को भरने में मदद करता है, इसलिए चिरौंजी का पेस्ट या इसका तेल लगाने से घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है।
तनाव भी करता है कम
चिरौंजी की पत्तियां तनाव कम करने में मदद कर सकती हैं। इसमें कुछ ऐसे कम्पाउंड या घटक होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ते हैं, जो तनाव पैदा करने वाले सेल्स को कमजोर करने में कारगर हैं।
एनीमिया में है फायदेमंद
चिरौंजी में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जिस वजह से यह शरीर में खून को बढ़ाता है। असल में ये रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है और इससे शरीर में खून की मात्रा तेजी से बढ़ती है। इसलिए इसका रेगुलर सेवन आपको एनीमिया यानी खून की कमी से बचा सकता है।
घमौरिया और रैशेज करें ठीक
चिरौंजी शरीर की तासीर को ठंडा रखने में कारगर है। आप इसे गर्मियों में तैयार होने वाली ज्यादातर डिश में शामिल कर सकती हैं। ये शरीर का तापमान कम कर उसे अंदर से ठंडा रखती है। इसमें कई ऐसे आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं, जो घमौरियों और रैशेज ठीक करने में मददगार है। इसका सेवन के साथ आप इसका लेप बनाकर भी लगा सकती हैं।
सर्दी-जुकाम भी हो जाएगी दूर
अगर आपको जुकाम की समस्या है, तो ऐसे में चिरौंजी का सेवन आपके लिए बेस्ट है। चिरौंजी के तेल की कुछ बूंदें गर्म पानी में डालकर मिक्स करें और उसका स्टीम लें। बंद नाक में आपको काफी फायदा मिलेगा। इसके अलावा दूध के साथ एक चम्मच चिरौंजी को अच्छी तरह से उबाल लें। प्रतिदिन एक गिलास दूध शाम के समय पी लें। आपकी सर्दी-जुकाम हमेशा के लिए आपसे दूर हो जायेगी।
स्किन को बनाता है ग्लोइंग
चिरौंजी स्किन या त्वचा के लिए भी फायदेमंद बताई जाती है। हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या स्किन की बड़ी समस्या में से एक मानी जाती है, जो धूप और प्रदूषण की वजह से इनदिनों आम में चिरौंजी का तेल स्किन लाभकारी हो सकती है। ये फेस की टैनिंग और पिगमेंटेशन को कम करने में मदद करता है, साथ ही ग्लोइंग स्किन भी देता है। हाइपर पिगमेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए इस मिश्रण को दिन में एक या दो बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इसे जैतून या बादाम के तेल के साथ मिलाने से भी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर किया जा सकता है।
वजन नियंत्रण में मददगार है चिरौंजी
वेट लॉस में चिरौंजी का सेवन कई प्रकार से मददगार है। ये प्रोटीन से भरपूर है और मेटाबोलिज्म को तेज करता है। इसके अलावा, ये फाइबर से भी भरपूर है जो कि फैट मेटाबोलिज्म को तेज करता है, इसे पचाने की गति को बढ़ाता है और वेट लॉस में मदद करता है। इस प्रकार से ये वजन घटाने वालों के लिए फायदेमंद है। आप इसे दूध या पानी में भिगोकर खा सकती हैं या फिर चिरौंजी को आप दलिया और ड्राई फ्रूट्स स्मूदी आदि में मिलाकर खा सकती है।
सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले सवाल
कब और कितनी मात्रा में चिरौंजी खाना सेहतमंद है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार आपको एक दिन में 3-5 ग्राम से ज्यादा चिरौंजी के बीज नहीं खाना चाहिए। इसका रोजाना सीमित मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। इसको आप दूध या फिर दही में भी मिक्स करके खा सकती हैं।
किन लोगों को चिरौंजी का सेवन नहीं करना चाहिए?
मधुमेह के रोगियों को चिरौंजी का सेवन तय मात्रा में करना चाहिए। कई बार जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल शुगर लेवल को बहुत कम कर सकता है, जो हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही जिन लोगों का पाचनतंत्र कमजोर हो उन्हें भी चिरौंजी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।