आज के इस दौर में जहां एक तरफ सभी फिटनेस को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ इतनी ऐहतियात बरतने के बावजूद हर 5 में से एक व्यक्ति वर्क प्रेशर और उचित समय पर खान-पान न होने के कारण अपने बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहा है। तो आइए जानते हैं खान-पान में हल्के से बदलाव से आप कैसे बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से दूर रह सकती हैं।
आखिर क्या है कोलेस्ट्रॉल
हमारे शरीर में मौजूद फैट के एक प्रकार को कोलेस्ट्रॉल कहते हैं, जो हमारे शरीर में कुछ महत्वपूर्ण काम को अंजाम देते हैं, जैसे कोशिकाओं (सेल्स) का निर्माण करना, भोजन पचाना और हार्मोन बनाना। जैसा कि आप समझ ही गई होंगी कि हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाये रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल की कितनी आवश्यकता होती है, लेकिन हमारे शरीर में इसकी मात्रा बढ़ते ही ये हमारे लिए समस्या बन जाती है। डॉक्टर्स के अनुसार, अगर रक्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है, तो कोलेस्ट्रॉल और दूसरे पदार्थ मिलकर प्लाक का निर्माण करते हैं और प्लाक के कारण आपकी धमनी सिकुड़ जाती है या ब्लॉक भी हो जाती है। सिर्फ यही नहीं अगर ये प्लाक फट जाए तो रक्त का थक्का( ब्लड क्लॉट) बन जाता है और इन थक्को (क्लॉट) से शरीर में रक्त संचार कम हो जाता है, जिसके कारण हृदय के साथ मस्तिष्क संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
स्वस्थ खाओ, स्वस्थ रहो
इसमें दो राय नहीं कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल आपकी समस्याएं बढ़ा सकता है, लेकिन आप चाहें तो उचित खान-पान के साथ न सिर्फ अपने कोलेस्ट्रॉल को सामान्य कर सकती हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन भी जी सकती हैं। आम तौर पर बढ़े कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए डॉक्टर्स आसानी से घुलनेवाले फाइबरयुक्त आहार लेने की सलाह देते हैं, जो मुख्य रूप से दलिया, राजमा, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सेब, नाशपाती, केला और जामुन में पाया जाता है। ये आपके एलडीएल (लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। दलिया या जई चोकर के साथ एक खुराक का नाश्ता आपको 3 से 4 ग्राम फाइबर देती है। अत: कोशिश करें कि हर रोज 5 से 10 ग्राम या उससे अधिक फाइबरयुक्त आहार का समावेश अपने भोजन में जरूर करें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड भी है जरूरी
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने के लिए फाइबर के साथ आपके आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड का होना भी बहुत जरूरी है। हां, ये बात और है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम भले न करे, लेकिन एचडीएल (ट्राइग्लिसराएड्स) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद जरूर करता है। अलसी के बीज और कैनोला तेल के अलावा बादाम और दूसरे नट्स के साथ अखरोट में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। विशेष रूप से अध्ययनों से ये बात साबित हो चुकी है कि अखरोट में पाए जानेवाले ओमेगा-3 फैटी एसिड, आपके दिल की रक्षा करने में काफी मददगार है। सिर्फ यही नहीं, ये उनके लिए भी काफी फायदेमंद है, जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है। दूसरे नट्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ कैलोरी की मात्रा भी काफी होती है, ऐसे में दिन की शुरुआत मुट्ठी भर नट्स के साथ करने से आप पूरे दिन के लिए एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे अहम एवोकाडो
पोषक तत्वों के साथ मोनो अनसैच्युरेटेड फैटी एसिड का मुख्य स्रोत है एवोकाडो, जिसे सुपर फूड की संज्ञा भी मिली हुई है। ये न सिर्फ आपको दिल की बीमारियों से दूर रखता है, बल्कि आपके शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके, अच्छे कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाता है। अत: हफ्ते में दो बार एवोकाडो का सेवन जरूर करें। इसके अलावा, अपने भोजन में ऑलिव ऑयल के साथ व्हे प्रोटीन भी शामिल करें, जो आम तौर पर डेयरी प्रोडट्क्स में पाए जाते हैं। व्हे प्रोटिन, कोलेस्ट्रॉल के साथ रक्तचाप को भी कम करता है।
सैच्युरेटड फैट और ट्रांस फैट से रहें दूर
इन सब चीजों के अलावा आपको अपने आहार के साथ अपनी जीवनशैली में भी काफी बदलाव लाना होगा। इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, अपने आहार में सैच्युरेटड फैट के साथ ट्रांस फैट से दूरी बनाना। मक्खन, चीज और पनीर में, जहां सैच्युरेटेड फैट होता है, वहीं मार्जरीन या हाइड्रोजनित वनस्पति तेलों से बननेवाली डिब्बा-बंद चीजों, कुकीज, क्रैकर, केक और ब्रेड में ट्रांस फैट पाया जाता है। शोधों से ये बात साबित हो चुकी है कि इन चीजों से दूरी आपके कोलेस्ट्रॉल को 8 से 10 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों की बजाय आप अपने आहार में ऑलिव ऑयल, सनफ्लॉवर ऑयल और कैनोला ऑयल के साथ लो कैलोरी सब्जी जैसे भिंडी, बैंगन, हरी सब्जी और सोयाबीन का सेवन करें। नट्स में मूंगफली भी आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काफी मददगार हो सकती है।