आम तौर पर सुबह के नाश्ते को खासा महत्व दिया जाता रहा है, लेकिन सच तो यह है कि दोपहर का भोजन यानी कि लंच हमारे पूरे दिन का सबसे जरूरी आहार है। तो आइए जानते हैं लंच से जुड़ीं कुछ अन्य खास बातों के बारे में।
शरीर का मेटाबॉलिज्म एक्टिव रखता है लंच
हमारी भारतीय संस्कृति में दोपहर और रात का भोजन एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि ये वह समय होता है जब पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाता है। हालांकि दिन भर पूरे शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए दोपहर के भोजन का अपना महत्व है, जिससे इंकार नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि आजकल स्कूलों में भी बच्चों को मिड-डे मील दिया जाने लगा है। दरअसल, सुबह का नाश्ता, रात के भोजन के बाद का पहला भोजन होता है, जो कुछ ही घंटों में पच जाता है। ऐसे में शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने और तरोताजा महसूस करने के लिए लंच बहुत जरूरी है। इसके अलावा, लंच से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है, बशर्ते भोजन की मात्रा कम हो। सच पूछिए तो आपके शरीर और दिमाग को पूरे दिन एक्टिव रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर लंच बहुत जरूरी है।
विविधता और पोषक तत्वों से भरपूर हो लंच
लंच आप घर से ला रही हों या अपने ऑफिस कैंटीन से खा रही हों, दोनों ही सूरतों में आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वो खाना विविधता और पोषक तत्वों से भरपूर हो, जिससे आपको लंबे समय तक ऊर्जावान और स्वस्थ रहने में मदद मिले। हालांकि आहार संबंधी सर्वेक्षणों से पता चला है कि काफी ऐसे लोग हैं, जिन्हें नमक और शक्कर के साथ तली-भुनी चीजें खाने पर पाबंदी होती है। ऐसे लोगों को विशेष रूप से अपने लंच में फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ानी चाहिए। इसके अलावा अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए वे घर से भोजन लेकर आएं तो बेहतर रहेगा। इनके अलावा, जो लोग स्वस्थ हैं, उनके लिए भी घर का बना लंच बेहतर विकल्प है। इससे उन्हें बाहर का खाना खाकर अन्य बीमारियों के साथ फूड पॉइजनिंग होने के चांसेस कम हो जाते हैं।
कैसा हो आदर्श लंच
आम तौर पर हमारे यहां चावल, दाल, रोटी और सब्जी को आदर्श भोजन की संज्ञा दी गई है, जो कमोबेश हर किसी के घर में बनता है। विविधता और पोषक तत्वों से भरपूर अपने लंच में आप यदि फल और कुछ कच्ची सब्जियां, जैसे टमाटर, गाजर, ककड़ी और चुकंदर शामिल करती हैं, तो ये आपके स्वाद के साथ आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद होगा। संभव हो तो पानी के अलावा दही या छाछ भी शामिल कर सकती हैं आप। यदि आपको डेयरी उत्पादों से एलर्जी है, तो आप सोया मिल्क का चुनाव भी कर सकती हैं। याद रखिए, आपके शरीर को एक्टिव रखने के साथ, आपकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए भी लंच बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यदि आप इससे किनारा करती हैं, तो अनजाने में ही कई परेशानियों को न्योता दे देती हैं।
आदर्श लंच के लिए आदर्श समय
दैनिक कार्यक्रमों, व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, जरूरतों और जीवनशैली के अनुसार लंच का समय अलग-अलग हो सकता है, मगर स्कूलों-कॉलेजों और वर्कप्लेस, इन सब जगहों के लिए लंच का समय 1 से 2 रखा गया है। हालांकि स्कूलों और कॉलेजों में लंच के लिए इतना समय नहीं मिलता, लेकिन आदर्श समय 1 बजे का ही सही माना जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देखा जाए तो यह समय बिल्कुल सही और सटीक है। इसके अलावा कई डॉक्टर्स यह भी मानते हैं कि आदर्श रूप से हर व्यक्ति को ढाई घंटे के अंतराल पर अपना भोजन छह छोटे-छोटे भागों में बांटकर खाना चाहिए। हालांकि इसके लिए भी व्यक्ति की उपलब्धता, कार्यसूची और शिफ्ट समय बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।
शरीर के ईंधन ग्लूकोज के लिए जरूरी है लंच
आपके शरीर का ईंधन ग्लूकोज है, जो शरीर को लगभग छह घंटों के लिए एक्टिव रखता है। समय के साथ आपके शरीर का ग्लाइकोजन जब खत्म होने लगता है, तो लीवर ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में बदलकर पूरे शरीर में इसकी आपूर्ति करता है। इसके न रहने से भूख के कारण शरीर में सुस्ती छाने लगती है और आपका शरीर निष्क्रिय होने लगता है। इसका पूरा असर आपके काम पर भी पड़ने लगता है। अत: कोशिश करें कि अपना लंच जल्दबाजी में करने की बजाय आराम से करें और संभव हो तो अपने प्रियजनों के साथ शांत और आनंदित वातावरण में करें। हालांकि कई लोग लंच स्किप कर जाते हैं और फिर ये उनकी आदत हो जाती है लेकिन लंबे समय में स्वास्थ्य के नजरिए से उन्हें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। सिर्फ यही नहीं लंच स्किप करने से आपके डिनर की मात्रा में बढ़त की संभावना बढ़ जाती है, जो आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए भी अच्छा नहीं होता।