प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर कई महिलाओं को इसे लेकर परेशानी रहती है कि उनका वजन बढ़ता- घटता रहता है। गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत और सुरक्षा के लिए मां को अपने खान-पान पर खास तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। जानकारों का मानना है कि अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान अपने खान-पान का सही तरीके से ध्यान रखती हैं, यानी कि अपने खान-पान में फल, जूस और फाइबर युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करती हैं और खुद को तेलीय और बाजार के खाने से दूर रखती हैं, तो आप प्रेग्नेंसी के बाद अपने वजन पर आसानी से नियंत्रण कर लेती हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी के समय तक महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। शरीर के अंदर होने वाले कई तरह के हार्मोनल बदलाव की वजह से भी डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि आप प्रेग्नेंसी के बाद कैसे अपने वजन को नियंत्रित कर सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग देगा शरीर को सहारा
कई जानकारों का मानना है कि ब्रेस्टफीडिंग प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के शरीर के लिए सबसे बड़ा सहारा बनता है। डिलीवरी के बाद मां को सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। यह माना गया है कि जब भी आप बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में जमा वसा कोशिकाओं का प्रयोग करती हैं इसलिए बच्चे को फीडिंग( दूध पिलाने से) कराने से महिलाएं अपनी कैलोरी को बर्न कर सकती हैं। यह गलत धारणा है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से मां का वजन बढ़ सकता है, बल्कि जब भी आप शिशु को दूध पिलाती हैं, तो इस दौरान कैलोरी की जरूरत पड़ती है और इस तरह से आप अपने शरीर से कैलोरी को कम कर सकती हैं। यह भी माना गया है कि ब्रेस्टफीड कराने से महिलाओं में कई तरह की बीमारियों से राहत मिलती है। मोटापा, डायबिटीज और गठिया जैसी अन्य बीमारियों का खतरा महिलाओं में काफी कम हो जाता है।
गर्म पानी का सेवन
डिलीवरी के बाद से ही महिलाओं को गर्म पानी का सेवन शुरू करना चाहिए। डिलीवरी के बाद गर्म पानी पीने का फायदे काफी हैं। चिकित्सकों के अनुसार डिलीवरी के बाद महिलाओं को एक साथ ढेर सारा पानी नहीं पीना चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए। पानी कभी भी बैठकर आराम से पीना चाहिए। महिलाओं को 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। खासकर तब जब आप 3 से 4 लीटर पानी पीती हैं, तो यह आपको बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में सहायक होता है। कई बार वजन बढ़ने के कारण हाथ और पैरों में दर्द के साथ शरीर में भी लगातार दर्द बना रहता है। लेकिन अगर आप हर दिन 3 से 4 लीटर पानी पीती हैं, तो इससे आपको शरीर में दर्द से भी राहत मिलेगा। इससे आपको कमर और पीठ दर्द में भी काफी राहत मिलती हैं। गर्म पानी से आपके शरीर में होने वाली दिक्कत से काफी राहत मिलती हैं। गर्म पानी पीते रहने से आपका शरीर भी डिटॉक्स होता है और आपको एक बड़ी सहायता मिलती है कि आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन को पानी में उबाल कर पीने से भी आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकती हैं।
नींद भी है जरूरी
डिलीवरी के पहले नींद न आने की समस्या से कई महिलाएं जूझती हैं, लेकिन डिलीवरी के बाद नींद आने के बाद भी बच्चे की देखभाल में व्यस्त रहने के कारण मां अक्सर अपनी नींद नहीं पूरी कर पाती हैं। इसका सीधा असर कहीं न कहीं उनकी सेहत पर पड़ता है। नींद पूरी करना हर किसी के लिए जरूरी है और डिलीवरी के बाद एक मां को सामान्य महिलाओं से सबसे अधिक आराम की आवश्यकता होती है। एक स्टडी के अनुसार यह जानकारी मिली है कि प्रेग्नेंसी के बाद रात में सात घंटे की नींद लेना जरूरी है। माना गया है कि सही तरीके से नींद लेने से महिलाओं को वजन घटाने में मदद होती है। महिलाओं को वजन नियंत्रित रखने में भी सहायक होती है। नींद सही तरीके से लेने से आपकी पाचन प्रक्रिया अच्छी तरह से काम करती है। आपको खाना पचाने में सहायक होती है।
एक्सरसाइज और योग
डिलीवरी के बाद वजन को नियंत्रित करने के लिए आपके लिए एक कारगार उपाय एक्सरसाइज और योग भी है। देखा जाए, तो डिलीवरी के बाद आपको बच्चे को एक नहीं, बल्कि हर एक से दो घंटे में ब्रेस्टफीडिंग कराने की आवश्यकता होती है। ऐसे में एक तरफ आपकी नींद पूरी नहीं होती है और दूसरी तरफ खुद का ध्यान रखने का समय भी नहीं मिलता है। लेकिन आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप खुद के लिए पूरे 24 घंटे में 10 से 15 मिनट का समय निकालें और एक्सरसाइज और योग करें। आप इसके लिए किसी जानकार की मदद ले सकती हैं। जानकारों की मदद से आपको यह समझने में आवश्यकता मिलेगी की कि कम समय में कौन-सी एक्सरसाइज और योग करना चाहिए जिससे आपको वजन को संतुलित करने में सहायता मिलती है। आप मेडिटेशन की भी सहायता ले सकती हैं। इससे भी आपको शरीर को धैर्य और संतुलित रखने में काफी मदद मिलती है। लेकिन यह ध्यान रखें कि आपको डिलीवरी के बाद कब से एक्सरसाइज शुरू करनी है, इसके लिए एक बार अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। कई मामलों चिकित्सक डिलीवरी के बाद 6 हफ्तों के बाद हल्की एक्सरसाइज करना शुरू करने की सलाह देते हैं। आप वॉक करने के साथ योग भी कर सकती हैं। आप आराम के साथ योग और एक्सरसाइज को भी अपने जीवनशैली में जगह दे सकती हैं।
प्रोटीन और खान-पान
आपको यह नहीं सोचना है कि आपका वजन बढ़ गया है और आपको खाना कम खाने का सेवन करना चाहिए है। बल्कि आपको अपने हर दिन के खान-पान में प्रोटीन का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के बाद अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करें, जिससे आपको भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिले और आपका पेट भी भरा रहें। इसके लिए आपको अंकुरित अनाज, पनीर, अंडे का सेवन अधिक करना चाहिए। दाल का सेवन करने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है। बच्चे का ध्यान रखने में कई बार बर खाना खाने का समय नहीं मिलता है, फिर भी कोशिश करें कि हर 2 घंटे में सलाद, अंकुरित दाल और फलों का सेवन करते रहना चाहिए। अपने खानपान का भी सही समय बनाएं। बेवक्त बिना भूख लगते हुए खाना नहीं खाएं। जब भी भूख लगती हैं और आपके पास खाने का समय नहीं होता है, तो ऐसे में अपने पास भुना हुआ चना, भुना सिंगदाना, भुना हुआ मखाना जरूर रखें। आयरन और प्रोटीन के लिए अपने खान-पान में मांस, मछली, सूखे सेम और मटर को शामिल करना चाहिए, वहीं प्रोटीन के लिए भी मांस, मछली, नट्स और टोफू को भी खान-पान में शामिल करना जरूरी है। आप स्नैक्स के तौर पर पनीर, ग्रील्ड चिकन, सलाद से भरा हुई सैंडविच, सलाद, ढेर सारे फल, लो फैट वाली दही, सब्जी और सेम का सूप के साथ दलिया, फलों का रस, ताजे फल, टोस्ट, बेक्ड आलू या बेक्ड बीन्स का भी सेवन कर सकती हैं। साथ ही आप अपने डॉक्टर से भी खान-पान को लेकर सलाह ले सकती हैं। अगर आपको किसी भी तरह के खान-पान को लेकर कोई दुविधा है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें, इससे खान-पान को लेकर आपकी परेशानी समाप्त होगी और आप एक स्वस्थ मां बनेंगी। यह ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही अपने डायट का पूरा ख्याल रखें। गूगल पर सर्च करने की बजाय आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनसे पूछें कि आपके लिए किन चीजों का सेवन करना सही होगा और साथ ही आपको किस चीज का सेवन कितनी मात्रा में करना है, क्योंकि डॉक्टर से बेहतर राय आपको कोई दूसरा नहीं दे सकता है।