बेल का शरबत गर्मियों में एक अच्छा ड्रिंक है, जिसे पीने से आपको ठंडक मिलेगी, आइए इसे पीने के सेहत के लाभ जान लेते हैं।
बेल के बारे में रोचक बातें
बेल के पेड़ संस्कृत में अधारुथा, तमिल में इयालबुडी, तेलुगु में श्रीफलामु, गुजराती में बिली, अंग्रेजी में बंगाल क्विंस या स्टोन एप्पल और हिंदी और बंगाली में बेल के नाम से जाना जाता है। इसके अगर वैज्ञानिक नाम की बात की जाए, तो एगल मार्मेलोस इसका नाम है। भारत के अलावा यह सीलोन और बर्मा में भी उगाया जाता है। बेल के पत्ते का काढ़ा भी काफी काम आता है, अगर आपको कब्ज की दिक्कत होती है तो। यह खांसी को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यही नहीं बेल के पत्ते के पाउडर को नारियल के तेल के साथ मिलाकर सिर पर मालिश करना बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए अच्छा है।
बेल के पोषक तत्व
बेल का शरबत सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व अच्छे होते हैं। इसे पीने से पाचन में अच्छी तरह से सुधार हो जाता है और इसमें अच्छे एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं, साथ ही इसमें के साथ फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है, इसलिए भी गर्मी के मौसम में इसे पीने की राय दी जाती है और यह अपच से छुटकारा दिलाता है। यही वजह है कि हमें अपने डायट में शामिल करना ही चाहिए।
डायबिटीज करता है नियंत्रण
डायबिटीज को कंट्रोल करने में यह कारगर साबित होता है। इसमें नेचुरल शुगर की मात्रा होती है, इसलिए इन्हें पीने के बारे में सोचना ही चाहिए। इसमें जो डायट्री फाइबर होता है, उससे ब्लड शुगर अच्छी तरह से नियंत्रित हो जाता है, इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इसका सेवन जरूर करना चाहिए। बेल का शरबत पीने से इम्यूनिटी भी अच्छी हो जाती है और यह कई बीमारियों से भी बचा देता है, इसलिए बेल का शरबत पीने के बारे में सोचना चाहिए। इसके एंटी फंगल और एंटी बैक्टेरियल गुण काफी मदद करते हैं नियंत्रण में।
लू नहीं लगती है
बेल एक ऐसी चीज है, जो गर्मियों का फल माना जाता है और इसे पीने से कभी भी गर्मी नहीं लगती है, गर्म हवा का भी बुरा असर नहीं पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि लू से खुद को बचाया जाए और बेल का शरबत बिना शक्कर के पिया जाए। यह टैम्प्रेचर को पूरी तरह से बैलेंस करता है, इसलिए भी इसे पीने की कोशिश करनी चाहिए। यह एक नेचुरल डिटॉक्सिफाइंग एजेंट भी है। यह बॉडी को अंदर से डिटॉक्सीफाई कर देता है।
संक्रमण से बचाता है
बेल के शरबत की यह खूबी होती है कि इसमें टैनिन शिगेलेसिस होता है और यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसलिए डायरिया के इलाज में मदद करता है। साथ ही खाली पेट में शरबत पीना सबसे अच्छा होता है। इसलिए कोशिश करें कि खाली पेट में बेल का शरबत पिया करें।
हाई ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोल
बेल शरबत की यह खूबी होती है कि यह हाई ब्लड प्रेशर को भी अच्छे से कंट्रोल कर देता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है, इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लिपिड प्रोफाइल और ट्राइग्लिसेराइड्स को कंट्रोल करने की क्षमता होती है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए और बेल का शरबत पीते रहें।
अल्सर की परेशानी में मिलता है निजात
बेल का शरबत हर तरह से पेट के लिए अच्छा होता है। यह पेट में किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने में सहायक होते हैं और यह पेट के अल्सर को कम करते हैं। बेल की खूबी यह भी होती है कि यह एंटी-ऑक्सीडेंट होता है और इसलिए यह अल्सर की परेशानी को दूर करने में सहायक होता है। यह अल्सर की वजह से जो गांठ बन जाती है, उसे रोकने में मदद करता है।
इंफेक्शन या संक्रमण को रोकता है
बेल के शरबत की यह भी खूबी होती है कि यह पेट के इंफेक्शन को रोकता है, खासतौर से जो गर्मी के दिनों में होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बेल में जरूरी बैक्टीरिया होते हैं, वे विभिन्न संक्रमणों को रोकने के लिए प्रभावशाली होते हैं और यह एक शक्तिशाली जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में आपके शरीर में काम करता है। अगर गौर करें तो वायरस की परेशानी को दूर करने में यह मदद करता है। साथ ही इसका इस्तेमाल वायरल बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही दवाओं के लिए भी होता है।
डायरिया रोकने में मदद
अगर बेल का शरबत सही तरीके से पिया जाए, तो डायरिया जैसी परेशानी को भी रोकने में मदद मिलती है। इसके लिए बेल के शरबत को पीने के बारे में आपको सोचना चाहिए और इसे जरूर पीना चाहिए। गर्मी के दिनों में बच्चों को भी डायरिया की समस्या हो जाती है, तो उनके लिए भी बेल के शरबत से अच्छा कुछ नहीं है, जिसे पीने और पिलाने के बारे में आपको सोचना ही चाहिए।
मलेरिया भगाने में मदद
मलेरिया भी एक ऐसी बीमारी है, जिसको रोकने में बेल के शरबत को पीने से काफी आराम मिलता है और इसलिए इसके बारे में सोचना ही चाहिए कि इसका सेवन किस तरह से किया जा सके। मलेरिया की रोकथाम में बेल काफी सहायक है।
थायरॉड को करता है कंट्रोल
यह थायरॉड के हार्मोन को भी कंट्रोल और नियंत्रण रखने में काफी मदद करता है। दरअसल, बेल का शरबत पीने से थायराइड हार्मोन के स्तर को भी कम किया जा सकता है। इसलिए यह हाइपोथायरायडिज्म जैसी ऊंचे थायराइड स्तर वाली स्थितियों के लिए सहायक हो सकता है। इसलिए भी गर्मी के दिनों में इसका सेवन कर लेना चाहिए।
पेट में जलन की समस्या से निदान
एक बात का आपको और ख्याल रखना चाहिए कि अगर आपके पेट में काफी जलन हो रही है, तो उस समय भी अगर आप बेल का शरबत पी लें, तो पेट को जलन से राहत मिलती है और फिर पेट की जलन की समस्या से निदान भी अच्छी तरह से मिल जाती है। इसलिए गर्मी के दिनों में पेट को ठंडक देने के लिए भी आपको पेट का ख्याल रखते हुए शरबत पी लेना चाहिए।
एंटीऑक्सीडेंट गुण
बेल की एक खूबी यह भी रहती है कि इसमें जो जरूरी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, उसकी वजह से बेल का शरबत पीने से शरीर पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। इसकी खूबी यह भी होती है कि यह टैनिन और फ्लेवोनोइड जैसे बायोएक्टिव कम्पाउंड की उपस्थिति के कारण ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर करता है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है।
नयी मां के लिए सहायक
बेल फल के बारे में भी आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि बेल के शरबत को पीने से प्रोलैक्टिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है, क्योंकि गैलेक्टागॉग क्रिया होती है और यह स्तनपान और स्तन के दूध की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। दरअसल, बेल के रस को गुड़ और सोंठ के साथ मिलाकर महिलाओं को अगर डिलीवरी के बाद दोय जाए तो इससे स्तनपान कराने में आसानी होती है। साथ ही महिलाओं के लिए बेल के शरबत पीने से उन्हें विटामिन सी अच्छे से मिलता है और साथ ही साथ यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और ब्लड को डिटॉक्सीफाई करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, बेल फल फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन ए से भी भरपूर होता है।