चॉकलेट कोको से बनती है, एक ऐसा पौधा है, जिसमें उच्च स्तर के खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। आम मिल्क चॉकलेट में कोकोआ मक्खन, चीनी, दूध और थोड़ी मात्रा में कोको होता है। इसके विपरीत, डार्क चॉकलेट में मिल्क चॉकलेट की तुलना में बहुत अधिक मात्रा में कोको और कम चीनी होती है, जिसके कई तरह के स्वास्थ्य लाभ इससे जुड़ जाते हैं। आइए जानते हैं उन्हें करीब से।
स्किन को बनाता है चमकदार
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डार्क चॉकलेट में कैफीन और थियोब्रोमाइन नामक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह त्वचा की लचीलेपन को भी बनाए रखता है। इस प्रकार, डार्क चॉकलेट को स्किन केयर में शामिल करना त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
बालों को भी देता है मजबूती
डार्क चॉकलेट में जिंक, आयरन और मिनरल बालों की ग्रोथ में मददगार होते है। यह स्कैल्प में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे बालों की मजबूती बढ़ती है।
ब्लड प्रेशर की समस्या को कर सकता है कम
डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवेनॉइड्स नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करने के लिए धमनियों की परत, एंडोथेलियम को उत्तेजित कर सकते हैं, जिसका एक कार्य धमनियों(आर्टिरीज) को आराम करने के लिए संकेत भेजना है, जो रक्त प्रवाह के प्रतिरोध को कम करता है और इसलिए रक्तचाप को कम करता है। कई अध्ययन यह दर्शाते हैं ।
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को है सुधारता
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डार्क चॉकलेट आपके मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार कर सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च फ्लेवनॉल कोको खाने से युवा वयस्कों में मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार हो सकता है। यह समझा सकता है कि रोजाना कोको खाने से ध्यान, मौखिक रूप से सीखने और याददाश्त में सुधार होती है ।
सूजन को कम करता है
डार्क चॉकलेट प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करके और प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के उत्पादन को दबाकर सूजन को कम करने में मदद कर सकती है । इसमें फ्लेवनॉल्स जैसे पॉलीफेनोल्स भी होते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और क्षति से बचा सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि चार सप्ताह तक प्रतिदिन 40 ग्राम डार्क चॉकलेट खाने से सी-रिएक्टिव प्रोटीन, जो सूजन का एक मार्कर है और इसका स्तर 23 प्रतिशत तक कम हो गया है।
कैंसर से लड़ने में मदद मिल सकती है
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डार्क चॉकलेट में कैंसर रोधी गुण भी होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास,आक्रमण और मेटास्टेसिस को रोककर ट्यूमर एपोप्टोसिस को प्रेरित करके और एंजियोजेनेसिस (कैंसर रक्त वाहिका निर्माण) को रोककर सहायता करते हैं। डार्क चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्वाभाविक रूप से मुक्त कणों को ख़त्म करते हैं और डीएनए को कैंसर के उत्परिवर्तन( म्यूटेशन) और क्षति से बचाते हैं। वे प्रतिरक्षा में भी सुधार करते हैं और शरीर को कैंसर का बेहतर पता लगाने में मदद करते हैं।
डायबिटीज कम करने में मदद
डायबिटीज को रोकने में भी इंसुलिन रेसिस्टेंस की वजह से शरीर में ब्लड ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है ,जो आगे चलकर प्री डायबिटीज और डायबिटीज टाइप 2 का कारण बनती है। रिसर्च में पाया गया है कि यदि हर दिन 45-50 ग्राम डार्क चॉकलेट खा लिया जाए, तो इससे फास्टिंग ग्लूकोज लेवल कम होता है और इंसुलिन रेसिस्टेंस घटता है।
तनाव को कम करें
डार्क चॉकलेट में मौजूद कैफीन तनाव को कम करने में असरदायक है। इसे खाने से आपका मूड ठीक हो सकता है। डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले तत्व तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को नियंत्रित करते हैं।
पौष्टिकता से है भरपूर
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यदि आप उच्च कोको की गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट खरीदती हैं, तो यह काफी पौष्टिक होती है। इसमें घुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और यह खनिजों से भरपूर होता है। रिसर्च बताते हैं कि इसमें फाइबर, मैग्नीशियम, मैंगनीज के अलावा इसमें पोटैशियम, फॉस्फोरस, जिंक और सेलेनियम भी भरपूर मात्रा में होता है।
एनर्जी बूस्टर
डार्क चॉकलेट एनर्जी को बूस्ट करने में भी मददगार होता है। यह बात डार्क चॉकलेट से संबंधित एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट , एंटी इन्फ्लामेट और एंटी ओबेसिटी जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। यह सभी गुण संयुक्त रूप से खाद्य पदार्थों से मिलने वाली ऊर्जा की खपत को बढ़ाकर तुरंत एनर्जी प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
साइड इफेक्ट्स
डार्क चॉकलेट के खाने के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं, अगर इसे रोजाना अधिक मात्रा में खाया जाए तो यह कई परेशानियों को बढ़ा सकता है।
किडनी स्टोन की समस्या
डार्क चॉकलेट में ऑक्सलेट की अधिक मात्रा पाई जाती है। ये ऑक्सलेट शरीर में इकट्ठा होकर पथरी का कारण बन सकता है यदि आप पहले भी पथरी या स्टोन के शिकार हो चुके हैं, तो आपको डार्क चॉकलेट खाने से परहेज बरतना चाहिए। यह पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है।
ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है
यदि आप डार्क चॉकलेट का अधिक सेवन करते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। दरअसल, डार्क चॉकलेट में मौजूद उच्च कैफीन ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
अनिंद्रा की हो सकती है शिकायत
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डार्क चॉकलेट में कैफीन होता है। कैफीन का ज्यादा सेवन करने से अनिद्रा की शिकायत भी होती है। अगर आपको भी सोते समय डार्क चॉकलेट खाने की आदत है तो अभी अपनी इस आदत को बदल दीजिए।
वजन बढ़ सकता है
डार्क चॉकलेट में बड़ी मात्रा में सैचुरेटेड फैट और शुगर होता है। डार्क चॉकलेट के एक औंस में लगभग 150 कैलोरीज होती हैं, जिसमें अधिक मात्रा में वसा और चीनी पाई जाती है। अतिरिक्त वसा और चीनी के सेवन से आपका वजन भी बढ़ सकता है और हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए है नुकसानदेह
एक शोध के मुताबिक, कुछ डार्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम होता है। ये दो ऐसी भारी धातुएं हैं, जो अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य परेशानियों से जुड़ी होती हैं। इन धातुओं का रोजाना कम सेवन करने से भी कई तरह की शीरीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं और छोटे बच्चों में इसका खतरा और भी ज्यादा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि धातुएं शरीर के विकास से जुड़ी परेशानियों का सबब बनती हैं। मस्तिष्क के विकास को भी ये बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं और कम IQ वाले बच्चों के जन्म का कारण बन सकती हैं।
भ्रूण के विकास को कर सकता है प्रभावित
बच्चे की चाह रखने वाले दंपतियों को डार्क चॉकलेट का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि डार्क चॉकलेट में पाया जाना वाला लेड पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए ये और ज्यादा खतरा पैदा कर सकता है। ये भ्रूण के विकास में कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकता है, इसलिए महिलाओं को इसे खाने से एकदम परहेज करना चाहिए।
होम्योपैथिक इलाज के दौरान न खाये
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डार्क चॉकलेट अधिक मात्रा में सेवन करने पर इसमें मौजूद कैफीन अन्य दवाओं (विशेषकर होम्योपैथिक दवाइयों) को बेअसर करता है। इसलिए, ऐसे मामलों में चॉकलेट से बचा जाना चाहिए।
माइग्रेन का खतरा बढ़ सकता है
डार्क चॉकलेट में टाइरामाइन नामक एक प्राकृतिक रसायन होता है,जो माइग्रेन का कारण बन सकता है। यह माइग्रेन के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है इसलिए अगर आपको माइग्रेन की समस्या है तो डार्क चॉकलेट से परहेज करना जरूरी है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
एक दिन में कितनी चॉकलेट खा सकते हैं ?
50 ग्राम डार्क चॉकलेट एक दिन में खा सकते हैं। डार्क चॉकलेट कोको, वसा जैसे कोकोआ मक्खन और चीनी के मिश्रण को प्रोसेस्ड करके बनाई जाती है। इसमें कोको की मात्रा कम या ज्यादा दूध के साथ होती है, जो इसे गहरे रंग और तीव्र स्वाद देता है। इन चॉकलेट स्लैब में कोको का प्रतिशत 70 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक होता है।
क्या सोने से पहले डार्क चॉकलेट खा सकते हैं ?
खाने में समय मायने रखता है: सोने से कुछ घंटे पहले डार्क चॉकलेट का सेवन करें । इससे इसके लाभकारी प्रभावों को प्रभावी होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, साथ ही कैफीन की मात्रा भी कम हो जाती है। स्वस्थ खाद्य पदार्थों के साथ इसे मिलाएं। डार्क चॉकलेट को बादाम या केले जैसे खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाए। इससे अच्छी नींद को बढ़ावा भी मिलता है ।
सुबह खाली पेट क्या डार्क चॉकलेट खाना चाहिए?
सुबह खाली पेट चॉकलेट खाने से ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ सकता है। 44 ग्राम की एक चॉकलेट में लगभग 235 कैलोरीज, 13 ग्राम फैट और 221 ग्राम चीनी होती है। खाली पेट चॉकलेट खाने से ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
सर्दी-खांसी में भी क्या डार्क चॉकलेट को खाया जा सकता है?
हां, क्योंकि इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाता है।
पीरियड्स के दौरान डार्क चॉकलेट खाना क्या फायदेमंद होता है ?
हां, यह दर्द और चिड़चिड़ापन दोनों को कम करता है। डार्क चॉकलेट में सेरोटोनिन, एंटीडिप्रेसेंट होता है, जो आपको आराम पहुंचाने में मदद करता है। डार्क चॉकलेट में शामिल फ्लेवनॉल्स मूड को बेहतर बनाने का भी काम करता है।
डार्क चॉकलेट दांतों के लिए क्या नुकसानदेह होता है ?
शोध बताते हैं कि डार्क चॉकलेट में मौजूद थियोब्रोमीन दांतों के इनमेल को मजबूत बनाता है । दांतों को स्वस्थ रखने के लिए सुबह और रात में ब्रश करके सोना चाहिए।