कुट्टू फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और एरोमेटिककंपाउंड से भरा होता है, इसलिए यह कई बीमारियों में मदद कर सकता है। यह कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने, पाचन में सहायता करने और कब्ज में मदद करने, हृदय रोग को रोकने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि मौजूदा दौर में इसे गेहूं का सबसे अच्छा विकल्प बताया जा रहा है। आइए जानते हैं इस अनाज से जुड़े अचूक फायदों के बारे में।
बेहतर पाचन
कुट्टू में फाइबर से भरपूर होता है। फाइबर की वजह से पेट में नियमित रूप से बोवेल मूवमेंट होती रहती है, जिस वजह से कब्ज जैसे लक्षणों का अनुभव करने की संभावना को कम करता है। फाइबर से भरपूर कट्टू आपके पाचन को इसलिए काफी बेहतर बनाता है।
हृदय रोग की रोकथाम
अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि जो लोग नियमित रूप से कुट्टू के अनाज से बने उत्पाद खाते हैं, उनमें कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड का स्तर कम होता है। इस वजह से कुट्टू से भरपूर आहार आपके हृदय रोग के विकास की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर को भी करता है कंट्रोल
कुट्टू में एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जिसे प्रतिरोधी स्टार्च कहा जाता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में सहायता कर सकता है। जिस वजह से यह शुगर के मरीजों के आहार में शामिल होकर उन्हें बहुत फायदा पहुंचा सकता है।
ब्लड प्रेशर को रखता मेंटेन
कुट्टू का अनाज रुटिन का सबसे समृद्ध स्रोत है। यह एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट हैं, जिसके कई लाभ हो सकते हैं। कई फायदों में सबसे अहम यह है कि रुटिन रक्त के थक्कों( ब्लड क्लॉट्स) को बनने से रोककर और सूजन और रक्तचाप को कम करके आपके हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है। कुट्टू में मौजूद मैग्नीशियम भी धमनियों(आर्टेरिस) को आराम पहुंचाता है, जिसका फायदा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में होता है।
स्तन कैंसर में फायदेमंद
अध्ययन के अनुसार कुट्टू के बीजों का पेप्टाइड लीवर और स्तन कैंसर कोशिकाओं(सेल्स), साथ ही ल्यूकेमिया सेल्स के ग्रोथ को बॉडी में रोकता पाया गया है, इसलिए इसके सेवन से स्तन कैंसर से बचाव किया जा सकता है।
पीसीओएस की समस्या में मददगार
कुट्टू में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट होता है,जिसे डी-चिरो-इनोसिटोल कहा जाता है जो अक्सर पीसीओएस वाले लोगों में कम पाया जाता है। कुट्टू इंसुलिन और एंड्रोजेन के स्तर को संतुलित कर पीसीओएस की समस्या को बहुत हद तक कम करता है। इसके साथ ही कुट्टू महिलाओं की ओवरी की कार्यप्रणाली में भी बहुत सुधार लाता है।
हड्डियों को बनाता है मजबूत
कुट्टू मैंगनीज से भरपूर होता है और यह खनिज हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। एक्सपर्ट इसकी सलाह देते हैं कि डायट से मैंगनीज प्राप्त करना चाहिए और कुट्टू इसका एक बहुत बड़ा स्रोत है। कुट्टू के नियमित सेवन से कनेक्टिविटी टिश्यू को मजबूत करने, कैल्शियम को अवशोषित(अब्सॉर्ब) करने और ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
बालों को बढ़ने में मिलती है मदद
कुट्टू नियासिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन, विटामिन बी, पैंटोथेनिक एसिड, फोलेट और पाइरिडोक्सिन आदि का एक पॉवर हाउस है। ये पोषक तत्व क्षतिग्रस्त ड्राय और बेजान स्कैल्प में सुधार करने के लिए रामबाण माने जाते हैं। जब आप किसी भी रूप में कुट्टू का सेवन शुरू करती हैं, तो इसमें पाए जाने वाले शक्तिशाली गुणों के कारण आप बालों के विकास को देख सकती हैं।
त्वचा को भी बनाता है चमकदार
अनाज में मौजूद रुटिन ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है, जो त्वचा की चमक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही यह त्वचा में छोटी कोशिकाओं (सेल्स) को मजबूत और मरम्मत करता है, जिससे स्किन में युवा निखार बना रहता है।
वजन घटने में सहायक
कुट्टू में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन का जबरदस्त मेल है,जिस वजह से यह अनाज एक बेहतरीन वजन घटाने वाला फूड माना जाता है। जटिल कार्बोहाइड्रेट की धीमी गति से निकलने वाली ऊर्जा आपको लंबे समय तक ऊर्जावान और आपके पेट को भरा रखती है, जिससे आपको मीठा खाने की क्रेविंग भी कम होती है। इन सबका मतलब है वजन घटाने में फायदा।
अस्थमा की परेशानी को कर सकता है कम
कुट्टू व्होले ग्रेन है। इसमें मैग्नीशियम और विटामिन-ई उच्च मात्रा में होता है, जिस वजह से यह शरीर में मौजूद अस्थमा के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। ऐसी बात कई रिसर्च में सामने आयी है।
सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले सवाल
कुट्टू का अनाज कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन है?
कार्बोहाइड्रेट इसका मुख्य डायटरी कम्पोनेंट है। इसके साथ ही इसमें प्रोटीन और विभिन्न खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जिस वजह से कुट्टू का पोषण मूल्य कई अन्य अनाजों की तुलना में काफी अधिक है। कुट्टू के सेवन का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। परिणामस्वरूप, यह लाइसिन सहित सभी आठ आवश्यक अमीनो एसिड का एक बड़ा स्रोत है।
किन लोगों को कुट्टू नहीं खाना चाहिए ?
कुट्टू का सेवन आम तौर पर सुरक्षित होता है और अधिकांश लोगों में इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह हो सकता है कि अनाज से एलर्जी वाले लोगों में कुछ साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकता है। कई बार कुट्टू के अनाज का सेवन करने पर उन्हें मुंह में सूजन या पित्ती(हाइव्स) जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
क्या यह चावल के मुकाबले ज्यादा हेल्दी है ?
कुट्टू में उच्च खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसके परिणामस्वरूप इसके कई हेल्दी फायदे होते हैं। कुट्टू में चावल की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है और इसमें लाइसिन और आर्जिनिन सहित अमीनो एसिड से भी भरपूर होते हैं। इसकी कई खूबियों के साथ कुट्टू ग्लूटेन-मुक्त है, जिस वजह से यह ग्लूटेन एलर्जी या सीलिएक रोग वाले लोगों के लिए चावल के मुकाबले बहुत फायदेमंद है।
कच्चा कुट्टू खाना ठीक है?
पचाने में आसान बनाने के लिए लोग इस कच्चे अनाज के दानों को भिगोकर और छानकर खा सकते हैं। अन्यथा सलाद, साइड डिश या मुख्य भोजन में डालने से पहले कुट्टू के दानों को पानी में उबाल लें और इसके बाद इसका इस्तेमाल करें।
कितनी देर तक इसे उबालना सही होगा और एक समय में कितनी मात्रा में खाना सही रहेगा ?
एक छोटे बर्तन में पानी उबाल लें। कुट्टू का अनाज और नमक डालें। फिर से उबाल आने दें, फिर आंच धीमी कर दें, ढक दें और नरम होने तक पकाएं, 10-15 मिनट में यह पक जाएगा। एक कप भरकर आप अपनी डायट में कुट्टू को शामिल कर सकती हैं या रोटी के तौर पर आप दो से तीन रोटी भी खा सकती हैं।
क्या इसे रात में खाया जा सकता है ?
कुट्टू व्होले ग्रेन है। यह मैग्नीशियम से भरपूर हैं और यह पाचन को बेहतर बनाता है, जैसा कि हमने ऊपर बताया है तो इसे रात में भी खाया जा सकता है।