अमूमन जब आप वजन नियंत्रण करने की कोशिश कर रही होती हैं, उस वक्त चावल खाना किसी पाप से कम नहीं समझती हैं, है न ! एक अवधारणा है कि चावल से वजन बढ़ता है, लेकिन सफेद चावल की तुलना में क्यों कहा जाता है कि ब्राउन राइस खाएं, आइए जानें।
ब्राउन राइस एक तरह का चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप है। इसका रंग क्योंकि भूरा होता है, इसलिए इसे ‘ब्राउन राइस’ कहा जाता है। इसकी खास बात यह होती है कि यह सफेद चावल के मुकाबले पकने में ज्यादा समय लेता है और इसका स्वाद भी एकदम अलग होता है। ब्राउन राइस में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स अधिक होते हैं। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फास्फोरस होता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने में है बेस्ट
ब्राउन राइस यह खासियत होती है कि यह मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, फाइटोकेमिकल्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ब्राउन राइस में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम रखता है।
कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए है बेस्ट
ब्राउन राइस में कुछ मात्रा फाइबर की होती है, ऐसे में फाइबर खाने को पचाने में मदद करता है, जिससे भूख कम लगती है और कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यानी एलडीएल जैसे खराब कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है।
हड्डियों को भी रखता है मजबूत
चूंकि इसमें मैग्नीशियम होता है, जो कि शरीर के लिए फायदेमंद मिनरल है और यह बोन मिनरल डेंसिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है, इसलिए ब्राउन राइस को हड्डियों को मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी है कि इसे खाया जाये।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए
ब्राउन राइस की यह भी खूबी है कि इसमें विटामिन-ई मौजूद होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम कर सकता है। इसे खाने से विभिन्न तरह की बीमारियों से बचना आसान हो जाता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि ब्राउन राइस को अपनी नियमित डायट में शामिल करें।
अन्य फायदे
ब्राउन राइस आंतों को ठीक करने में, अस्थमा से जुड़ी परेशानी, अनिद्रा की परेशानी, किडनी में होने वाली पथरी, डिप्रेशन और ऐसी कई बीमारियों से निजात दिलाता है। ब्राउन राइस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी आपकी त्वचा के लिए काफी अच्छे होते हैं। यह झुर्रियों और पिग्मेंटेशन से बचाने में भी सहायक होता है।