ग्रीन टी एक ऐसी फायदेमंद चाय है, जो कि इन दिनों सेहतमंद जिंदगी के डायट चार्ट का हिस्सा बन गई है। बात फिटनेस की हो या न हो, ग्रीन टी के सेवन का चलन इन दिनों बहुत है। आलम तो यह है कि घर हो या ऑफिस, यहां तक कि चाय की दुकानों पर भी ग्रीन टी विकल्प के तौर पर मौजूद रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन टी क्या है, इसके फायदे और बनाने के तरीके के साथ, ग्रीन टी को पीने का सही समय क्या होता है? अगर आपके मन में ग्रीन टी को लेकर कोई भी सवाल है, तो इसका जवाब इस लेख में मौजूद है। अगर आप भी यही सोचती हैं कि ग्रीन टी का मतलब हरी चाय होता है, जिसका सेवन करने से आप बॉडी को डिटॅाक्स कर सकती हैं, तो यह आपके लिए अधूरी जानकारी है। हम आपको बताना चाहेंगे कि ग्रीन टी की खूबी सिर्फ यही तक नहीं टिकी हुई है। आइए जानते हैं ग्रीन टी से जुड़ी प्रमुख जानकारी विस्तार से।
इस पौधे से बनाया गया है ग्रीन टी
कई जगहों पर ग्रीन टी को हरी चाय भी बोला जाता है। ग्रीन टी का निर्माण कैमोलिया साइनेन्सिस पौधे से किया जाता है। ग्रीन टी को बनाने के लिए साइनेन्सिस पौधे की ताजा पत्तियों को तोड़ने के बाद तुरंत भाप दी जाती है। यह भी बता दें कि साइनेन्सिस पौधे के उपयोग से न सिर्फ ग्रीन टी बल्कि ब्लैक टी भी बनाई जाती है।
ग्रीन टी के प्रकार
ग्रीन टी में भी लोग अपनी पसंद से कई तरह के विकल्प को चुनते हैं। ग्रीन टी के प्रकार की लंबी फेहरिस्त है, जो कि बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। अपनी पसंद के अनुसार भिन्न फ्लेवर वाली ग्रीन टी का इस्तेमाल पीने के लिए आप कर सकती हैं। ग्रीन टी के कुछ नाम इस प्रकार हैं, माचा ग्रीन टी, ड्रैगन वेल ग्रीन टी, जैस्मीन ग्रीन टी, कुकीचा ग्रीन टी, बिलोचन ग्रीन टी, मोरक्को मिंट ग्रीन टी, ग्योकुरो ग्रीन टी और आदि।
गुणों का खजाना ग्रीन टी
ग्रीन टी पोषक तत्वों से भरा हुआ है। ग्रीन टी की चाय में कैटेचिन, एथेरोक्लेरोसिस के साथ विटामिन बी, सी और ई के भी पोषक तत्व पाए जाते हैं। जानकारों ने यह भी कहा है कि ग्रीन टी एक प्रकार से कैंसर से लड़ने में भी सहायक होता है। ग्रीन टी में मौजूद बाकी के जरूरी पोषक तत्वों के बारे में बात की जाए तो, इसमें खास तौर पर प्रोटीन, आयरन, कॅापर,थायमिन,मैग्रीशियम,राइबोफ्लेविन, पॅालिफेनाल पाए जाते हैं।
ग्रीन टी को रोज पीने से होगा यह फायदा
यह माना गया है कि ग्रीन टी को हर दिन पीने के भी की फायदे हैं। नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करने से यह शरीर को कई बीमारियों से बचाता है। ग्रीन टी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। ग्रीन टी में पॅालीफेनेलिक एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में खास भूमिका निभाते हैं।
ग्रीन टी पीने के फायदे अनेक
ग्रीन टी को पीने के एक नहीं, बल्कि कई सारे सेहतमंद लाभ हैं। सबसे अधिक ग्रीन टी का उपयोग वजन कम करने के लिए किया जाता है। माना गया है कि असंतुलित खान-पान और लाइफस्टाइल को संतुलित करने के लिए ग्रीन टी का सेवन किया जाता है। ग्रीन टी में एक प्रकार का पोषक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में मेटाबॅालीज्म को बढ़ाता है। इसके साथ ही काम के तनाव को कम करने के लिए भी ग्रीन टी को फायदेमंद बताया गया है। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ,पॅालिफेनाल और अमीनो एसिड से शरीर के बिगड़े हुए हॅार्मोन को संतुलित करने का काम भी होचा है। यह माना गया है कि ग्रीन टी का सेवन हर दिन करने से मानसिक तनाव के साथ शारीरिक तनाव भी कम होता है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि ग्रीन टी का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करें।
इन बीमारियों के लिए भी अच्छा विकल्प है ग्रीन टी
मधुमेह रोग से पीड़ित मरीज को भी ग्रीन टी पीने की सलाह दी जाती है। कुछ साल पहले किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी थी कि हर दिन एक कप ग्रीन टी पीने से मधुमेह का खतरा कम होता है। माना गया है कि ग्रीन टी में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं, जो कि ग्लूकोज के स्तर को कम करता है। कोलेस्टेरॉल और अल्जाइमर के लिए भी ग्रीन टी को लाभकारी बताया गया है। ग्रीन टी में मौजूद पॅालीफेनोल से कोलेस्टेरॉल नियंत्रण में रहता है, साथ ही अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के लिए मानसिक बीमारियों के जोखिम को ग्री टी कम करती है। याद रखें कि किस भी बीमारी में ग्रीन टी का सेवन करने से पहले डॅाक्टर की सलाह जरूर लें।
ग्रीन टी को बनाने के 3 तरीके
बाजार में ग्रीन टी को बनाने के लिए तीन तरह के विकल्प मौजूद हैं। पहला पत्ते वाली ग्रीन टी। पत्ते वाली ग्रीन टी बनाने के लिए एक खाली कप पर चाय की छन्नी रख लें। इस छन्नी में ग्रीन टी की पत्ती डालें, इसके बाद ऊपर से गर्म पानी डालें। छन्नी के ऊपर ग्रीन टी के पत्तों को चम्मच से दबा दें। आप चाहें तो ग्रीन टी में शहद भी मिला सकती हैं। टी बैग वाली ग्रीन टी बनाने के लिए एक कप गर्म पानी लें और इसमें टी बैग डालें। 2 या 3 मिनट तक टी बैग को पानी के कप से निकाल दें। पाउडर वाली ग्रीन टी को बनाने के लिए एक बर्तन में पानी उबाल लें। पानी के थोड़ा सा ठंडा होने के बाद आधा चम्मच ग्रीन टी का पाउडर डालें। कुछ मिनट बाद इसे छन्नी से छान लें। शहद डाल कर इसका सेवन करें।
ग्रीन टी पीने का समय नोट करें
जानकारों के अनुसार ग्रीन टी को खाली पेट में नहीं पीना चाहिए। ग्रीन टी को दोपहर और रात के खाने के बाद पीने की सलाह दी जाती है। खाली पेट में ग्रीन टी पीने से यह आपको पेट से संबंधित समस्या दे सकती है। यह जरूर याद रखें कि रात को सोने से पहले ग्रीन टी नहीं पीने की सलाह दी जाती है। रात को इसे पीने से आपकी नींद गायब हो सकती है। फिलहाल बेहतर यह होगा कि ग्रीन टी का हर दिन सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
ग्रीन टी पीने से पहले जानें इसके नुकसान भी
ग्रीन टी केवल फायदे की दुकान नहीं, बल्कि कुछ मामलों में इसे सेहत के लिए हानिकारक भी बताया गया है। जानकारों के अनुसार ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से पेट दर्द, मतली और लिवर की समस्या आपको घेर सकती है। ग्रीन टी में टैनिक एसिड होता है, जिसे दांतों के लिए सही नहीं माना गया है। गर्भावस्था में भी ग्रीन टी का सेवन नहीं करने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है, क्योंकि, कैफीन होने के कारण यह प्रेग्नेंसी में हानिकारक साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि सेहत से जुड़ी किसी भी चीज के सेवन से पहले डॉक्टरों और जानकारों की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अपने दोस्त या फिर रिश्तेदारों के कहने पर किसी भी तरह की ग्रीन टी का सेवन न करें। हालांकि हर दिन आप खाने के बाद ग्रीन टी का सेवन कर सकती हैं। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं इसका अधिक सेवन शरीर को अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपने कई बार सुना होगा कि किसी भी चीज का अति नहीं करनी चाहिए। ग्रीन टी पर भी यही नियम लागू होता है।