घी भारतीय परंपरा और जीवनशैली का केवल एक हिस्सा नहीं, बल्कि एक ऐसा अमृत है, जो हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ संस्कार और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। विशेष रूप से सर्दियों में घी का सेवन न केवल शरीर को अंदर से गर्म रखता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। आइए जानते हैं डाइटीशियन शिल्पा जैन से घी के ढेर सारे फायदे।
एंटीऑक्सिडेंट्स और फैटी एसिड से भरपूर
डाइटीशियन शिल्पा जैन का कहना है कि सर्दियों में ठंड से बचने के लिए घी का सेवन अत्यंत लाभकारी है। इसमें मौजूद अच्छे फैट्स शरीर को ऊर्जा और गर्मी प्रदान करते हैं, जिससे ठंड का असर कम होता है। घी में एंटीऑक्सिडेंट्स और आवश्यक फैटी एसिड्स होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। सर्दियों में होने वाली सर्दी-खांसी और फ्लू से बचाने में यह मददगार होते हैं। अक्सर देखा गया है कि सर्दियों में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। ऐसे में प्राकृतिक मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर घी, त्वचा को भीतर से पोषण देकर इसे मुलायम और चमकदार बनाता है। इसके अलावा सर्दियों में जोड़ों का दर्द भी बढ़ जाता है, तो घी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करके जोड़ों को मजबूत भी बनाता है। इसे आहार में शामिल करने से हड्डियों और जोड़ों को ताकत मिलती है। सर्दियों में भारी और तैलीय खाना ज्यादा खाया जाता है, जिसे पाचन बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में घी पाचन को दुरुस्त रखते हुए कब्ज की समस्या को भी कम करता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी
यदि सर्दियों के दौरान आपका शरीर भी सुस्ती महसूस करता है, तो घी का सेवन जरूर करें। घी हमारे शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के साथ-साथ दिन भर शरीर को एक्टिव रखता है। सर्दियों में शरीर के साथ स्किन ही नहीं ये बल्कि ये आपके रूखे और कमजोर बालों का भी ख्याल रखता है। घी को बालों की जड़ों में लगाने से बालों को पोषण मिलता है और वे मजबूत बनते हैं। घी का सेवन भी बालों की सेहत सुधारता है। सर्दियों में घी का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। घी में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। सर्दियों में इसे सीमित मात्रा में लेने से दिल की सेहत बेहतर रहती है। आयुर्वेद में पंचकर्म के माध्यम से घी का उपयोग शरीर को डिटॉक्स करने के लिए भी किया जाता रहा है। यह शरीर के भीतर से सफाई करता है और रोगों को दूर रखता है।
सर्दियों में घी का सेवन
वर्षों से भारतीय परंपरा के अनुसार रात में सोने से पहले दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पीने से पाचन सुधरता है और नींद अच्छी आती है। यही नहीं ताजी रोटी पर घी लगाकर खाना सर्दियों में ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है। शिल्पा यह भी कहती हैं कि सर्दियों में तिल, गोंद, या बेसन के लड्डू घी में बनाए जाते हैं, जो शरीर को ताकत देते हैं। इसके अलावा खिचड़ी और दलिया में घी डालकर खाने से पाचन बेहतर होता है और सर्दी कम लगती है, लेकिन आपको इस बात का ख्याल रखना पड़ेगा कि घी का सेवन स्वास्थ्य के लिए तभी फायदेमंद है, जब इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए। अत: पूरे दिन में 1-2 चम्मच घी से ज्यादा न लें क्योंकि अधिक मात्रा में घी का सेवन करने से आपका वजन बढ़ भी सकता है। सर्दियों में सेहत और ऊर्जा का स्रोत घी स्वादिष्ट भोजन का हिस्सा भी है। ऐसे में इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करते हुए हलवा, लड्डू, गुड़-घी रोटी, खिचड़ी जैसे व्यंजनों के साथ सर्दियों का आनंद लें! ग्रामीण भागों में तो आज भी पराठों और पूरियों को तलने के लिए भी घी का उपयोग होता है।
घी के आयुर्वेदिक गुण
आयुर्वेद के अनुसार, घी शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। यह शरीर में गर्मी और ठंडक को सही तरीके से बनाए रखने में मदद करता है। मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को पोषण देते हुए, घी आपकी स्मरण शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद में नेत्रों के लिए भी घी काफी लाभकारी माना गया है। यही वजह है कि इसे ‘चक्षु ओजस’ भी कहा जाता है। इसके अलावा घी का उपयोग पुराने समय से त्वचा के घावों और जलने पर किया जाता रहा है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हालांकि परंपरा और संस्कारों की बात करें तो जन्म से लेकर शादी और अन्य धार्मिक क्रियाओं तक, घी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। घी का दीपक जलाना न केवल धार्मिक कार्यों में शुभ माना जाता है, बल्कि यह वातावरण को शुद्ध भी करता है। इसके अलावा हवन और यज्ञ में भी घी का उपयोग वातावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए किया जाता है।