हेल्दी चीजें खाना ही काफी नहीं होता है। कुछ ड्राई फ्रूट्स, दालें और साबुत अनाज रात भर भिगोकर खाने से उनका पूरा पोषण मिलता है। आइये जानते हैं कि वे चीजें क्या हैं, जो रात भर भिगोकर डाइट में शामिल करने से ढेर सारे फायदों को पहुंचाती हैं। यहां कुछ विकल्प दिए गए हैं।
बादाम

हम सभी बचपन से सुनते आए हैं कि बादाम खाना चाहिए क्योंकि इससे हमारी याददाश्त बढ़ती है, लेकिन बादाम को ऐसे ही नहीं खा लेना चाहिए बल्कि रात भर भिगोया गया बादाम सबसे पौष्टिक होता है। जानकारों की मानें तो बादाम खाने का सर्वोत्तम तरीका भी यही है। जब बादाम को पानी में भिगोया जाता है तो यह लाइपेज नामक एंजाइम को रिलीज करने में मदद करता है, जो फैट को तोड़ने में मदद करता है और बदले में हमारे पाचन में सहायता करता है। इन्हें पानी में भिगोने से भूरे आवरण को आसानी से छीलने में मदद मिलती है, जिसमें टैनिन होता है। ये टैनिन पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकते हैं और बादाम को हल्का कड़वा स्वाद भी देते हैं। भूरे आवरण को हटा देने से यह विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड, मैंगनीज आदि के पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा देता है। बादाम खाने से कई फ़ायदे होते हैं। बादाम में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो आपके दिल, दिमाग, त्वचा, और पाचन तंत्र को फायदा देते हैं।
किशमिश

बादाम के अलावा भिगोई हुई किशमिश भी बहुत फायदेमंद होती है। किशमिश को रात भर भिगोने से इसके पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट की बायोअवेलेबिलिटी को बढ़ाते हैं। इससे इसमें मौजूद विटामिन को आपके सिस्टम में बेहतर तरीके से अवशोषित होने में मदद मिलती है। इसके अलावा जब ये किशमिश फूल जाती हैं, तो ये पानी को बनाए रखती हैं, इसलिए ये आपके लिए हाइड्रेटिंग भी होती हैं। रात भर भिगोने पर इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक हो जाती है। यह आपके बोवेल मूवमेंट को नियमित करने में सक्षम बनाता है। सच कहा जाए तो, आपकी त्वचा और बालों की गुणवत्ता आपके पेट के स्वास्थ्य पर ही निर्भर होती है। भीगी हुई किशमिश पॉलीफेनोल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये आपकी आंखों को फ्री रेडिकल से होने वाली क्षति, उम्र से संबंधित धब्बे और मोतियाबिंद से भी बचाकर रखती है। यह हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है और आयरन का भी इसे बेस्ट स्रोत माना जाता है।
साबुत अनाज

मिलेट, क्विओना,ओट्स के वो साबुत अनाज हैं, जिनको रात भर पानी में भिगोने से उनके पोषण मूल्य में सुधार हो सकता है, उन्हें पचाने में आसानी हो सकती है। साबुत अनाज भीगने के फायदे बहुत सारे हैं। भिगोने से इसके एंजाइम फाइटेज़ सक्रिय हो जाता है, जो फाइटिक एसिड को तोड़ देता है और कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे खनिजों को शरीर में सीधे तौर पर पहुंचाने में कारगर होता है। भिगोने से पोषक तत्व और स्टार्च टूट जाते हैं, जिससे अनाज को पचाना आसान हो जाता है।
सीड्स

फूड न्यूट्रिशन की मानें तो चिया सीड्स, पम्पकिन सीड्स, सनफ्लावर, सीसम सीड्स को रात भर भिगोने से वे एक्टिवेट हो जाते हैं और उनका पोषण मूल्य भी बढ़ जाता है। चिया सीड्स पानी को अवशोषित करते हैं और एक हाइड्रेटिंग जेल बनाते हैं। जो पाचन में मदद करती है और कब्ज को रोकती है। चिया सीड्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आपको जल्दी भूख का एहसास नहीं करवाता है, जिससे वेट लॉस में भी मदद मिलती है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों की मजबूती में सुधार कर सकता है। इसके साथ ही यह शुगर के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं। पम्पकिन के बीज, जिन्हें पेपिटास के नाम से भी जाना जाता है, जिंक, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। कद्दू के बीजों को भिगोने से फाइटिक एसिड को कम करने में मदद मिल सकती है, जो खनिजों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। कद्दू के बीज बालों और स्किन के साथ -साथ शरीर में ब्लड प्रेशर और शुगर को भी मेन्टेन करता है। किडनी स्टोन्स की भी समस्या से निजात दिलाता है। भीगे हुए सनफ्लॉवर सीड्स हार्ट को हेअल्थी बनाता है। कैंसर के रिस्क को भी कम करता है। तिल के बीज लीवर, किडनी और हार्ट सिस्टम को फायदा पहुंचा सकते हैं।
जीरा

रात भर पानी में भिगोया हुआ जीरा मेटाबॉलिज्म को ठीक करके पाचन में मदद करता है। यह डायरिया, मतली, पेट फूलना, मॉर्निंग सिकनेस, एटोनिक अपच, मैलाबॉस्पशन सिंड्रोम आदि जैसे विकारों से निपटने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो स्तनपान कराने वाली मां या गर्भवती मां के लिए बहुत अच्छा होता है। जीरे का पानी पानी का स्वाद भी अच्छा कर देता है। जीरे का पानी लिवर में पित्त उत्पादन को बढ़ाकर आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह आपके शरीर से सूजन, गैस को भी कम करता है। पानी में भिगोया हुआ जीरा एंटी-मुँहासे टोनर के रूप में भी काम कर सकता है और आपके चेहरे पर मुंहासों से लड़ने में मदद कर सकता है।
दाल

किचन के बेहतरीन नुस्खों में यह बात अक्सर हमें सुनने को मिलती है कि रात भर भिगोई हुई दाल को पकाने में समय कम लगता है, जिससे समय के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होती है, लेकिन यह सिर्फ किफायत से नहीं जुड़ा है बल्कि हेल्थ से भी जुड़ा है। दाल को पानी में भिगोने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि इससे फाइटिक एसिड या फाइटेट्स नामक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जो बीज, दाल और फलियां में मौजूद होता है। ये फाइटेट्स एक चेलेटिंग एजेंट हैं। जो आयरन मैंगनीज, कैल्शियम और जिंक से जुड़ते हैं, जिससे वे हमारे शरीर में अघुलनशील हो जाते हैं। जिससे इन पोषक तत्वों की हानि होती है। दालों को अंकुरित करके हम विटामिन बी, डी और कैरोटीन जैसे विटामिन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। अंकुरित करने से विटामिन सी भी इसमें शामिल हो जाता है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
पानी की कितनी मात्रा होनी चाहिए ?
आप जिस भी खाद्य को भिगो रही हैं। इस बात का ख्याल रखें कि पानी इतनी मात्रा में हो कि वह पूरी तरह से डूबा हुआ हो।
भिगोए हुए किशमिश को खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है ?
वैसे तो आप किशमिश को कभी भी खा सकती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए इसे खाली पेट खाना सबसे अच्छा रहता है। किशमिश एक प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर है, इसलिए सुबह में इसे खाने से आपके चयापचय को गति देने और आपके दिन की शुरुआत करने के लिए एक प्राकृतिक ऊर्जा बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
क्या चावलों को भी रात भर भिगोया जा सकता है ?
अच्छे रिजल्ट के लिए, ब्राउन राइस को कम से कम 6-8 घंटे या रात भर के लिए भिगो दें, जबकि सफेद चावल को आमतौर पर केवल 30 मिनट से 2 घंटे की आवश्यकता होती है। यह भिगोने की प्रक्रिया कुछ सतही स्टार्च को खत्म करने में मदद करती है, खाना पकाने के समय को कम करती है, और संभावित रूप से कीटनाशक अवशेषों या आर्सेनिक के स्तर को भी कम कर सकती है।