क्रिसमस आते ही ‘जिंगल बेल, जिंगल बेल’ के इस गीत के साथ केक और चॉकलेट का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन बीमारियों के चलते अक्सर इन चीजों से दूरी बनाने का फरमान भी सुना दिया जाता है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा है, तो रिलैक्स हो जाइए क्योंकि चॉकलेट से दांतों को चाहे कितनी भी क्षति पहुंचे, लेकिन इसके कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं। आइए जानते हैं।
ऐसे बनी चॉकलेट सबकी फेवरेट
ऐसा माना जाता है कि मेक्सिको के साथ अमेरिका में लगभग तीन हजार सालों से कोको बीज की खेती की जा रही है, लेकिन प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार इसका उपयोग 1100 ईसा पूर्व से किया जा रहा है। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले कोको के बीजों को मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन तब चॉकलेट मीठी नहीं, बल्कि कड़वी हुआ करती थी। 16वीं शताब्दी में यूरोप में चॉकलेट ने एक क्रांतिकारी मोड़ लिया और इसमें चीनी घुल गयी और चॉकलेट कंपनियां अस्तित्व में आईं। वर्ष 1868 में शुरू हुई एक बड़ी चॉकलेट कंपनी हर्शे की लोकप्रियता को देखते हुए ठीक 25 साल बाद मिल्टन एस हर्शे ने शिकागो में एक और चॉकलेट फैक्ट्री की शुरुआत की, जो आज दुनिया के बाजार में सबसे बड़े और विश्व प्रसिद्ध चॉकलेट निर्माताओं में से एक है। देखते ही देखते चॉकलेट की लोकप्रियता इस कदर बढ़ी कि यूरोप के सबसे बड़े त्यौहार क्रिसमस पर हर घर में बननेवाले केक, पुडिंग और मफिंस जैसे व्यंजनों में भी चॉकलेट घुल गई।
बहुत काम की है चॉकलेट
आम तौर पर बच्चों को चॉकलेट न खाने की सलाह दी जाती है, जिससे उनके दांत खराब न हों, लेकिन सच तो ये है कि मिठास से भरपूर चॉकलेट हमारे बहुत काम की है। एक सर्वे के अनुसार पूरे विश्व में हर रोज लगभग एक अरब लोग चॉकलेट का सेवन करते हैं। हालांकि उनमें अधिकतर इसके स्वाद से बंधे लोग होते हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जो इसके फायदों को जानते हुए इसका आनंद लेते हैं। जी हां, स्वाद के साथ चॉकलेट के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे भी हैं। चॉकलेट, सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ाती है, जिससे मूड बेहतर बन जाता है। नॉर्मल चॉकलेट के अलावा डार्क चॉकलेट बेहद फायदेमंद होती है। ये एंटीऑक्सीडेंट का एक शक्तिशाली स्रोत है। ब्लड फ्लो को बेहतर ढंग से करते हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में ये बेहद कारगर है. विशेष रूप से जिन्हें लो ब्लड प्रेशर है, उन्हें डॉक्टर्स भी चॉकलेट खाने की सलाह देते हैं। हार्ट स्वस्थ रखने के साथ-साथ ये डायबिटीज पेशेंट के लिए भी काफी मददगार है। विशेष रूप से डार्क चॉकलेट में मौजूद एपिकैटेचिन, सेल्स को प्रोटेक्ट करता है, जिससे आपका शरीर इंसुलिन का बेहतर उपयोग करता है।
एनर्जी बूस्टर है चॉकलेट
लो एनर्जी या स्ट्रेस से परेशान लोगों के लिए चॉकलेट किसी वरदान से कम नहीं है। सेरोटोनिन और एंडोर्फिन जैसे स्ट्रेस बस्टर्स तत्वों के अलावा चॉकलेट में फ्लेवोनोल्स होते हैं, जो आपके मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए आपके दिमाग को स्वस्थ रखते हैं। एक स्टडी के अनुसार यह बात भी साबित हो चुकी है कि यदि आप तीन दिन तक डार्क चॉकलेट का सेवन किया जाए, तो डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार हो सकता है। दिमाग में ब्लड फ्लो को बेहतर करते हुए ये आपकी याद्दाश्त भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल के कारण बढ़ते मोटापे से परेशान लोगों के लिए भी डार्क चॉकलेट बहुत फायदेमंद है। ये शरीर में मौजूद बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है, जिससे न सिर्फ आपका वजन कम होता है, बल्कि मोटापे से जुड़ी बीमारियां नहीं होती। इसमें दो राय नहीं कि 10 में से 9 लोगों को चॉकलेट का स्वाद बहुत भाता है और उसे खाने की वजह लोगों के पास भले ही अलग-अलग हो लेकिन उद्देश्य एक होता है, और वो है स्वाद के साथ उसके स्वास्थ्यवर्धक फायदे।
इस क्रिसमस जान लें चॉकलेट के प्रकार
आम तौर पर कोको बीज से प्राप्त होनेवाला चॉकलेट एक ही होता है। हां, लेकिन अगर इसकी गुणवत्ता में फर्क हो सकता है, लेकिन कोको बीज से प्राप्त होनेवाला चॉकलेट आम तौर पर कड़वा होता है। इसमें चीनी मिलाकर इसे अलग-अलग तरीके से पेश किया जा सकता है। गौर करें तो चॉकलेट चार प्रकार के होते हैं। सबसे पहले बिना चीनी वाली बेकिंग चॉकलेट, जिसमें अलग-अलग अनुपात में कोको सॉलिड और कोको बटर होता है। उसके बाद मीठी चॉकलेट, जिसे कोको सॉलिड के साथ कोको बटर, चीनी और अन्य फैट मिलाकर बनाया जाता है। चॉकलेट का तीसरा प्रकार है मिल्क चॉकलेट, जिसे मिल्क पावडर या मिल्क के साथ चीनी और सॉलिड कोको मिलाकर बनाया जाता है। चौथे नंबर पर आता है सफेद चॉकलेट, जिसे कोको बटर, दूध और चीनी मिलाकर बनाते हैं। हालांकि स्वास्थ्य के मद्देनजर बिना चीनी के डार्क चॉकलेट का सेवन आपको असीमित स्वास्थ्यवर्धक फायदे दे सकता है।