अजवाइन, जिसे कैरम बीज के रूप में भी जाना जाता है, एक बहुमुखी मसाला है। इसका उपयोग अपने अद्वितीय स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। लेकिन उसके गुण सिर्फ़ यही तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिलीवरी के बाद अजवाइन सुपरफूड्स माना जाता है, जो माँ और बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि किस तरह से यह माँ और बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दर्द और सूजन में राहत

अजवाइन के एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जिस वह से यह डिलीवरी बाद महिलाओं के शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में सहायक माने जाते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क को है बढ़ाता
अजवायन में मौजूद थाइमोल में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण के साथ लैक्टोजेन बढ़ाने वाले उत्पाद भी होते हैं।यह नयी मांओं के दूध उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो छोटे बच्चे को बहुत आवश्यक पोषण प्रदान करता है
खांसी और सर्दी के लक्षणों से राहत देता है

अजवाइन में प्राकृतिक जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं जो खांसी और सर्दी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। डिलीवरी के बाद बच्चे और मां को कई बार खांसी और सर्दी के लक्षण भी जल्द से शुरू हो जाते हैं। अगर इससे बचाना है तो डिलीवरी के तुरंत बाद ही अजवाइन को अपने डेली डाइट में शामिल कर लें। अगर आपने देर कर दी है और आपको सर्दी और जुकाम ने जकड़ लिया है, तो नयी मां अपने और अपने बच्चे से सर्दी को अजवाइन की मदद कर सकती हैं। यह एक कफ निस्सारक के रूप में कार्य करता है, श्वसन पथ से बलगम के निष्कासन को बढ़ावा देता है और जमाव से राहत प्रदान करता है।
गर्भावस्था के बाद वजन घटाने के लिए अजवाइन
ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के बारे में दोबारा क्यों सोचती हैं, इसका कारण प्रसव के बाद उनका वजन है। ऐसा माना जाता है कि प्रसव के बाद महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है। अगर आप भी नई मां बनी हैं तो स्वस्थ खान-पान से आपकी रिकवरी निश्चित है। कई सामग्रियों में से एक है अजवाइन। आप गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए अतिरिक्त किलो को कम कर सकती हैं।
पाचन को भी रखता है दुरुस्त
गर्भधारण के बाद पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। अजवाइन का गुनगुना पानी पीने से कब्ज और दस्त से निपटने में मदद मिलती है और पाचन क्रिया में सुधार होता है, जिससे भूख बढ़ सकती है और बच्चों में पाचन सहज हो सकता है।
सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल

स्तनपान कराने वाली माँ के लिए अजवाइन के पानी का उपयोग कैसे करें?
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच अजवाइन मिलाएं, इस मिश्रण को उबालें और नियमित पानी के साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को पूरे दिन घूंट-घूंट करके पियें।
क्या रात में अजवाइन खा सकते हैं?
अजवाइन और सौंफ़ चाय, एक लोकप्रिय भारतीय पेय, सोने से पहले पीने पर कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह पाचन में सहायता करता है, सूजन और गैस से राहत देता है और बेहतर नींद के लिए विश्राम को बढ़ावा देता है
एक कप अजवाइन के पानी में कितनी कैलोरी होती है?
आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि अजवाइन के पानी में शून्य कैलोरी होती है और यह वजन घटाने का घरेलू उपाय है।
क्या अजवाइन पेट की चर्बी कम कर सकती है?
सौंफ या सौंफ के बीज भी वजन घटाने और पाचन में सुधार के लिए अच्छे माने जाते हैं। यह आपको पेट भरा रखने और भूख लगने की समस्या से बचने में मदद करता है।
क्या टॉपिकल इस्तेमाल के ज़रिए भी बच्चे को राहत दी जा सकती है?

बच्चा अगर कुछ दिनों का ही और आप उसे सीधे तौर पर अजवाइन का सेवन नहीं करवा सकती है, तो कुछ दिक्कतों का सामना होने के बाद बच्चों को टॉपिकल तरीके से अजवाइन से जोड़ें।
अजवाइन से गर्म सेंक: बच्चे को खासी हो जाने के बाद अजवाइन के बीजों को खुशबूदार और हल्का गर्म होने तक सूखा भून लें। गर्म अजवाइन को एक सूती कपड़े में बांधकर थैली बना लें। छाती में जमाव से राहत पाने के लिए इसे अपने शिशु की छाती पर लगाएं
शिशु को भाप दें: भाप देने के लिए टब या बाल्टी में गरम पानी भरें। बच्चे को करीब 10 से 15 मिनट भाप दे सकते हैं। ध्यान रखें कि पानी में चुटकी भर अजवाइन डाल लें लेकिन वेपर रब या बॉम न डालें। शिशु को भाप देने के लिए गोद में बिठा सकते हैं।
अजवाइन का तेल भी है फायदेमंद
मार्केट में आपको अजवाइन का तेल आसानी से मिल जाएगा ,लेकिन आप अपने लाड़ले या लाड़ली के लिए घर में ही अजवाइन का तेल बनाना चाहती हैं, तो एक छोटे चम्मच अजवाइन के बीज को एक चौथाई सरसों के तेल में साथ में दो से तीन लहसुन की कलियाँ डालकर गर्म कर लें ।ठंडे होने पर इससे बच्चे की मालिश करें।
बच्चों को सीधे तौर पर अजवाइन देने का सही समय क्या होता है?
जानकारों की मानें तो आप अपने बच्चे को को 8 महीने की आयु से अजवाइन देना शुरू कर सकती हैं। अक्सर बच्चों को कम से कम मात्रा में अजवाइन खिलाना शुरू करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बिना कोई कृत्रिम मिठास डाले अजवाइन का सादा पानी भी देने की सलाह दी जाती है। जब बच्चा ठोस आहार खाना शुरू कर देता है, तो उसके आहार में अजवाइन के पाउडर की सीमित मात्रा भी मिलाई जा सकती है। धीरे-धीरे, आप इसे पूड़ी, पराठों, और इसी तरह के अन्य व्यंजनों में भी मिला सकती हैं।
बच्चों को अजवाइन का पानी कितना देना चाहिए?
एक वर्ष या उससे कम आयु के शिशुओं को रोजाना एक चम्मच अजवाइन का पानी देने से शुरुआत करें। फिर धीरे-धीरे आप शिशु को दो से तीन चम्मच की मात्रा बढ़ा सकती हैं। हालांकि एक साल से कम उम्र के शिशुओं को यह सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही देना सुरक्षित है। एक साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को अजवाइन का पानी प्रतिदिन 1/4 कप दिया जा सकता है। फिर भी समझदारी इसी में है कि बच्चों या शिशुओं को अजवाइन का पानी रोज देने की बजाय एक सप्ताह में सिर्फ तीन से चार बार दिया जाना चाहिए।
क्या अजवाइन के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं?

जैसा की सभी जानते हैं कि किसी भी चीज़ की अति बुरी होती है। यह अजवाइन के पानी पर भी लागू होता है। वजन घटाने में प्रभावी परिणाम के लिए एक गिलास अजवाइन के पानी का सेवन पर्याप्त है। अधिक होने पर इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। नीचे लिखे साइड इफेक्ट्स आम हैं, जैसे
-अधिक मात्रा में सेवन करने पर अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव।
-कभी-कभी इससे त्वचा में जलन हो सकती है।
-इससे हल्का सिरदर्द भी हो सकता है।
-अगर इसे लंबे समय तक लिया जाए तो इससे मतली और उल्टी हो सकती है।