प्रकृति की गोद में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनके फल-फूल, पत्ते, लकड़ी और जड़ सभी में न जाने कितनी दवाइयां छुपी हैं, जिनसे आप कई बीमारियों से छुटकारा पा सकती हैं। आइए जानते हैं, आज ऐसे ही पेड़ों के बारे में, जिनके फल ही नहीं, पत्तियां भी बहुत लाभकारी हैं।
जामुन
यदि आपको डायबिटीज है, तो लंबे समय तक भूखे रहना आपके लिए बिल्कुल अच्छी बात नहीं है। यही वजह है कि सुबह उठते ही डॉक्टर्स आपको कुछ न कुछ हल्का नाश्ता करने की हिदायत जरूर देते होंगे। लेकिन क्या आप जानती हैं, यदि आप 4 से 5 जामुन के ताजा पत्तों को अच्छी तरह पानी से धोकर उसे चबाकर खाएं, तो आपका ब्लड शुगर हमेशा कंट्रोल में रहेगा। यह नुस्खा आयुर्वेद के अनुसार ही नहीं एलोपैथी में भी काफी कारगर साबित हुआ है। यही वजह है कि अब डॉक्टर्स भी जामुन के पत्ते खाने की सलाह देते हैं। दरअसल एंटीहाइपरग्लैसेमिक, एंटीहाइपरलिपिडेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर जामुन के पत्तों से ब्लड शुगर ही नहीं ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा, जामुन के पत्तों से आपकी पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
सीताफल
कस्टर्ड एपल यानी सीताफल, शायद ही किसी को नापसंद हो। गूदेदार मीठा सीताफल आइसक्रीम, बासुंदी और मिल्कशेक, हर तरह से पसंद किया जाता है, लेकिन फाइबर, विटामिन-सी, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर सीताफल के साथ उसकी पत्तियां भी शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन पत्तियों में विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी, आयरन और कैल्शियम के गुणों के साथ एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुण भी पाए जाते हैं। इन पत्तियों में टैनिन नाम का एंजाइम भी होता है, जो लूज मोशन या पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं में बेहद प्रभावकारी है। इसके अलावा, सीताफल की पत्तियों में मौजूद फाइबर से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रखा जा सकता है। और तो और अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह चेहरे पर आ रहे मुंहासों को भी रोकता है और उनके दाग-धब्बों के साथ स्किन पिग्मेंटेशन पर भी रोक लगाता है। हार्ट के मरीजों को तो इसके पत्तियों का रस अवश्य पीना चाहिए, क्योंकि इससे हार्ट अटैक और कार्डियोवस्कुलर का खतरा कम हो जाता है। इसके पत्तों में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम, दिल के मसल्स को कम करने के साथ टॉक्सिन भी बाहर निकालता है।
अमरुद
स्वादिष्ट अमरुद का स्वाद सबको भाता है, लेकिन क्या आप जानती हैं इम्यूनिटी बढ़ाने और वजन घटाने से लेकर डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में अमरुद के पत्ते कितने गुणकारी हैं? यदि नहीं तो यह जानकारी आपके लिए है। दरअसल मैग्नीज, पोटैशियम, विटामिन सी, मिनरल, लाइकोपीन और फाइबर के गुणों से भरपूर अमरुद की पत्तियां ऊपर बताई गई सारी बीमारियों को ठीक करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। ध्यान रहे, अमरुद की तासीर ठंडी होती है, इसलिए कोशिश करें कि अमरुद के साथ इसकी पत्तियों का सेवन भी गर्मियों में करें और यदि संभव हो तो बेहतर परिणाम के लिए इन सभी की पत्तियों का उपयोग तुरंत तोड़कर, सुबह-सुबह खाली पेट करें।
संतरा
प्राचीन समय में जब एलोपैथी नहीं हुआ करती थीं, तब आयुर्वेद के नाम पर लोग इन्हीं पेड़-पौधों के जरिए अपना उपचार किया करते थे। हालांकि वर्तमान समय में भी यदि आप चाहें तो इन पेड़ पौधों से स्वास्थ्य लाभ पा सकती हैं। फिलहाल आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम बात हो गई है, और इस तनाव से अनिद्रा की बीमारी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। तनाव के अलावा देर रात तक अपने मोबाइल स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रखना या लैपटॉप पर काम करते रहना भी आपकी नींद उड़ा देता है और आप तो जानती ही हैं कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद कितनी जरूरी है। तो यदि आपको भी रात को नींद नहीं आती और आप करवट बदलती रहती हैं, तो संतरे के पत्तों से बनी चाय पीकर आप अपनी इस बीमारी को चुटकियों में उड़न छू कर सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार कसैले स्वाद वाले संतरे की पत्तियों में सिडेटिव गुण होते हैं, जो तनाव, चिंता और डिप्रेशन को दूर करके आपके दिमाग को शांत करते हैं। इन सबके अलावा, यह थकान दूर करके शरीर को आराम देने के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। ऐसे में विटामिन और मिनरल्स के साथ औषधीय गुणों से भरपूर संतरे के साथ उसकी पत्तियों से बनी चाय का सेवन करें तो आपकी नींद की समस्या दूर हो जाएगी, बल्कि उसकी क्वालिटी भी बेहतर हो जाएगी। यकीन न हो तो एक बार आजमाकर देख लीजिए।
आम
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों के अनुसार विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए आम के पत्तों का प्रयोग सदियों से किया जाता रहा है। आज की पीढ़ी शायद ये बात न जानती हो कि आम के पत्ते डायबिटीज पर नियंत्रण रखने के साथ ब्लड प्रेशर और पेट की सूजन भी कम करते हैं और अस्थमा पर भी नियंत्रण रखते हैं। दरअसल आम की पत्तियों में मैंगीफेरिन और फ्लेवोनॉयड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को कंट्रोल करते हुए ग्लूकोज में सुधार करते हैं। इसके अलावा, इन पत्तों में क्वेरसेटिन, आइसोक्वेरसिट्रीन और एस्ट्रैंगलिन होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम करके नियंत्रित करते हैं। फेनोलिक के कारण गठिया के रोगों में प्रभावी होने के साथ दस्त और पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के इलाज में भी गुणकारी हैं आम के पत्ते। पारंपरिक चिकित्सा शास्त्र में आम के पत्तों का उपयोग करके अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का इलाज भी किया जाता रहा है। अब ऐसे में ये कहें तो बिल्कुल गलत नहीं होगा कि ‘आम के आम, पत्तों के भी दाम’।
पपीता
डेंगू में पपीते के पत्तों का रस पीने की सलाह आपको काफी लोगों ने दी होगी, लेकिन शायद आपको ये बात न पता हो कि डेंगू के अलावा कैंसर के इलाज, कब्ज और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी इसका कोई जवाब नहीं है। एंटी ट्यूमर गुणों से भरपूर पपीते के पत्तों से सर्वाइकल, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और फेफड़ों सहित हर तरह के कैंसर का इलाज संभव है। इसके अलावा पत्तियों में मौजूद लैक्सेटिव गुणों से कब्ज की पुरानी से पुरानी समस्या को ठीक किया जा सकता है। इन पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ लीवर, किडनी और हार्ट की सेहत सुधारने में भी काफी कारगर हैं।