आयुर्वेद में हल्दी को सेहत के लिए वरदान माना गया है। यहां तक कि दादी और नानी के नुस्खे में भी हल्दी को खास स्थान मिला है। फिर चाहे वो चोट लगने पर गर्म करके चोट पर लगाया गया हल्दी का लेप हो या फिर सर्दी और बुखार आने पर हल्दी वाला खास दूध क्यों न हो, हल्दी के सेहत के लिए फायदे कई सारे हैं। हल्दी को लेकर अक्सर यह कहा जाता है कि हल्दी का दूध पीने से या फिर हल्दी की चाय पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता सही तरीके से कार्य करती है और बीमारी को जल्द ठीक करने में भी हल्दी सहायक होती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
जानें क्या है हल्दी
जानकारों का मानना है कि हल्दी एक तरह से जड़ी- बूटी है और आयुर्वेद में इसे विशेष स्थान दिया गया है। खाने में हल्दी का इस्तेमाल होने के साथ कई तरह की बीमारियों में भी हल्दी का उपयोग होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हल्दी केवल एक प्रकार की नहीं होती है, बल्कि इसकी कई अलग प्रजातियां भी होती हैं, जिनका उपयोग भिन्न-भिन्न तरीकों से किया जाता है। एक तरह की हल्दी का उपयोग दवा और मसालों को बनाने के लिए किया जाता है। इस हल्दी का रंग अंदर से लाल और पीला होता है। एक अन्य हल्दी को आमाहल्दी कहा जाता है। इसका उपयोग चाय और दवा बनाने के साथ अचार बनाने के लिए भी किया जाता है और तीसरी प्रकार की हल्दी बहुत कम पाई जाती है, इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में होता है।
हल्दी एक फायदे अनेक
सर्दी में हल्दी का उपयोग करना सबसे आम और खास है। हल्दी की तासीर गर्म होती है। इस वजह से सर्दी में हल्दी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। यह माना जाता है कि हल्दी के धुएं को रात के समय सूंघने से जुकाम जल्दी ठीक होता है। सिर में गर्मी में होने वाले फुंसियों के लिए भी हल्दी फायदेमंद है। कई बार अधिक गर्मी के कारण सिर में फुंसियां हो जाती है, जो कि तकलीफदायक होती है। ऐसे में हल्दी में चंदन मिलाकर इसका लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है। हालांकि हल्दी का उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
जानें हल्दी की कीमत
एक शोध में इस बात की जानकारी हासिल लगी है कि हल्दी में 100 से भी अधिक घटक मौजूद होते हैं। इसमें ऊर्जा, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, ग्लूकोज, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, जिंक, सोडियम, कॉपर, मैंगनीज, विटामिन-सी, थायमिन और विटामिन बी 6 भी पाया जाता है, जो कि शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। हल्दी में कई तरह के गुण और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कि शरीर को सुरक्षा कवच देती है। जानकारों का मानना है कि हल्दी से ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में भी मदद मिलती है। यह शरीर में सूजन को कम करने में भी सहायता देता है। हल्दी को एक तरह से एंटीऑक्सीडेंट भी माना जाता है।
पाचन तंत्र और दांतों के लिए हल्दी का उपयोग
एक अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी के सेवन से पाचन तंत्र को मजबूत बनाया जाता है। इस वजह से खाने में हल्दी का उपयोग जरूरी है। दाल और सब्जी में हल्दी मिलाकर खाना पकाने की परंपरा दशकों पुरानी है। यहां तक कि आप अपनी दांतों की सेहत के लिए भी हल्दी का उपयोग कर सकती हैं। आयुर्वेद में यह माना गया है कि दांतों की सड़न के लिए हल्दी मददगार होती है। हल्दी में एंटीबायोटिक होती है, जो कि मामूली-सी खरोंच के साथ दांतों में आने वाले रक्त को भी कम करने में मदद करती है। यह ऐसा ही है, जैसे कहीं पर चोट लगने पर हल्दी लगाने से चोट पर से खून बहना बंद हो जाता है।
त्वचा के लिए हल्दी का उपयोग
चेहरे और शरीर की त्वचा को साफ करने के लिए भी हल्दी का लेप बनाया जाता है। हल्दी अंदरूनी तौर पर त्वचा को साफ करने के साथ उसकी रक्षा करती है। अंदरूनी तौर पर रक्त को शुद्ध करने में हल्दी सहायक मानी गई है। हल्दी को मुल्तानी मिट्टी या फिर गुलाब जल के साथ मिलाकर चेहरे के लिए खास फेस पैक भी तैयार किया जा सकता है। यहां तक शरीर को साफ करने के लिए हल्दी और बेसन का लेप बनाकर उसकी मालिश की जाती है, हालांकि हल्दी का उपयोग त्वचा और सेहत के लिए कैसे किया जाना चाहिए, इसके लिए चिकित्सक से जरूर परामर्श करें।