यूं तो डकार, खाना पचने की निशानी मानी जाती है, लेकिन परेशानी तब बढ़ जाती है, जब ये डकार, सामान्य न होकर खट्टी डकार में बदल जाती हैं। आइए जानते हैं खट्टी डकार से निपटने के कुछ घरेलू उपाय।
खट्टी डकार को कहें बाय-बाय
आम तौर पर खट्टी डकार को रिफ्लक्स डिसऑर्डर कहा जाता है, लेकिन यदि आपको खट्टी डकार के साथ बदबू भी आ रही है, तो उसे सल्फर बर्प कहेंगे, जिसकी गंध हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी होती है। खट्टी डकार आने की कई वजहें हैं, जिनमें इनडाइजेशन,गैस्ट्राइटिस, स्मोकिंग, कोल्ड ड्रिंक और स्ट्रेस प्रमुख हैं। हालांकि खट्टी डकार का आना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यदि आपको खट्टी डकार के साथ पेट में जलन, उल्टी, पेट दर्द, गले और सीने में जलन के साथ पेट फूलने की समस्या हो रही है, तो मामला गंभीर हो सकता है। ऐसे में इसका समय से इलाज करना बेहद जरूरी है। हालांकि इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। कुछ घरेलू उपाय करके आप झटपट खट्टी डकारों से छुटकारा पा सकती हैं।
नींबू पानी- काला नमक - काली मिर्च
जैसा कि हम सभी जानते हैं डाइजेशन को दुरुस्त रखने में नींबू पानी का कोई तोड़ नहीं है। यही वजह है कि सुबह-सुबह डाइजेशन को दुरुस्त रखते हुए वजन पर नियंत्रण रखने के लिए भी सुबह उठते ही नींबू पानी पीने की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों को सुबह उठते ही खट्टी डकार आने लगती है, ऐसे में उनके लिए भी नींबू पानी बेहद कारगर साबित हो सकता है। बशर्ते वे उसमें सादे नमक की जगह काला नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर पियें। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो एक बार आपको ये जरूर ट्राय करना चाहिए।
सौंफ और मिश्री (शक्कर) को कहें हां
कई बार हमारा पाचन तंत्र हम खुद ही खराब कर लेते हैं। अत: अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी ही नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है। उदाहरण के तौर पर सुबह ऐसा कुछ न खाएं, जिससे आपका पूरा दिन बर्बाद हो जाए। हां, यदि आपको सुबह की बजाय रात को खट्टी डकारें आ रही हैं, तो आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप रात के समय फर्मेंट चीजों के अलावा नींबू पानी या दही न खाएं। वैसे भी आयुर्वेद के अनुसार रात्रि के समय को खट्टी चीजें खाने की मनाही है, क्योंकि उनमें एसिडिक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर में एसिड की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जिससे खट्टी डकारें आने लगती हैं। खट्टी चीजों की बजाय, रात को सोते समय सौंफ और मिश्री (शक्कर) खाना बेहद फायदेमंद है, क्योंकि भोजन पचाने और आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को परफेक्ट रखने में इनका कोई जवाब नहीं है। यही वजह है कि रेस्टोरेंट में खाने के बाद बिल के साथ इसे भी सर्व किया जाता है। सौंफ से जहां आपका डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर रहता है, वहीं मिश्री से पेट को ठंडक मिलती है।
काला नमक - भुने जीरे के साथ नींबू पानी की शिकंजी
शक्कर के अलावा नमक से भी खट्टी डकार को रोका जा सकता है, बशर्ते वो काला नमक हो। नींबू पानी के अलावा भुने जीरे के साथ काला नमक मिलाकर खाने से भी खट्टी डकार आने बंद हो जाते हैं। यदि आप हर रोज खट्टी डकारों से परेशान हैं, तो आपको हर रोज खाने के बाद एक ग्लास पानी में आधा चम्मच भुना, पिसा जीरा, एक चौथाई चम्मच काले नमक के साथ मिलाकर जरूर पीनी चाहिए। इससे आप देखेंगी कुछ ही समय में खट्टी डकारों से आपको राहत मिल जाएगी।
जीरा पानी भी है बेहतर विकल्प
भुने जीरे के अलावा जीरा पानी भी खट्टी डकारों में बेहद फायदेमंद है। इसके लिए एक ग्लास गर्म पानी में आधा चम्मच जीरा एक घंटे के लिए डालकर छोड़ दें। आप चाहें तो पूरी रात इस पानी को यूं ही रखकर अगली सुबह उसे गर्म करके भी पी सकती हैं। इसके अलावा अगर आपको तुरंत जीरा पानी बनाना है, तो आप 2 ग्लास पानी में आधा चम्मच जीरा डालकर उसे गैस पर खौलने के लिए रख दें। जब वह पानी एक ग्लास के लगभग रह जाए तो उसे छानकर ठंडा करके पी लें। आप देखेंगी कि खट्टी डकारों के साथ आपको जो भारीपन लग रहा था, वो भी चला गया है।
औषधीय गुणों से भरपूर अदरक और सोंठ
अदरक और सोंठ (सूखा अदरक) भी खट्टी डकार में काफी फायदेमंद हैं। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक औषधीय गुणों से भरपूर एक ऐसा मसाला है, जिससे इनडाइजेशन के साथ गैस और खट्टी डकार सभी को आप ठीक कर सकती हैं। अदरक के अलावा सूखा अदरक यानी सोंठ का प्रयोग भी आप अपने भोजन में कर सकती हैं। सोंठ को विशेष रूप से काले नमक के साथ लेने पर खट्टी डकारों में काफी फायदा पहुंचता है।
भोजन में शामिल करें प्रोबायोटिक्स
खट्टी डकार को खत्म करने में प्रोबायोटिक्स भी बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं, जो आपको दही के जरिए मिल सकता है। दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया से न सिर्फ आपका डाइजेशन अच्छा होगा, बल्कि खट्टी डकार में भी आराम मिलेगा। ऐसे में संभव हो तो अपनी डाइट में इसे शामिल करना न भूलें, लेकिन आपको यह भी ध्यान रखना है कि आपको रात को दही नहीं खाना है। वैसे दही के अलावा प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट भी मिलते हैं, जिन्हें आप ले सकती हैं।
हाई एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी
आम तौर पर भोजन के बाद उसे पचाने के लिए डॉक्टर्स ग्रीन टी पीने का सुझाव देते हैं और डाइजेशन के साथ आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए भी यह एक बेहतर विकल्प है। ग्रीन टी में यदि नींबू का रस मिलाकर पियें तो यह आपके डाइजेशन के लिए अमृत समान है। इसके अलावा हाई एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी से स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं भी कम होती हैं।