डेंगू मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है, इससे बचना जरूरी है, आइए जानते हैं इसके लक्षण, उपचार और कारण के बारे में विस्तार से।
क्या है डेंगू बुखार
डेंगू, दरअसल एक वायरल संक्रमण है, जो मच्छरों से लोगों में फैलता है। यह जानना बेहद जरूरी है कि यह जिन लोगों को डेंगू होता है, उनके लक्षण आपको पता नहीं चलते हैं। जी हां, इसलिए अलर्ट रहना और अधिक जरूरी है। हालांकि इसके लक्षण की बात करें तो अगर तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, मतली और दाने होते हैं, तो उन्हें इंतजार नहीं करना चाहिए, तुरंत डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
डेंगू फैलता कैसे है
डेंगू बुखार मुख्य रूप से ऐसे मच्छरों के काटने के माध्यम से फैलता है, जो डेंगू वायरस को लेकर आते हैं और यह एडीस एजिप्टी मच्छर होता है। वहीं बता दें कि वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है और इसके टिश्यू में होता है और फिर अगर कोई सलाइवा के भी संक्रमण में आ जाएं तो इसे परेशानी होगी और यह जो फैलने की प्रक्रिया होती है, उसे एक्सट्रिंसिक इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है, जिसमें वायरस को बढ़ने में लगभग 8-12 दिन लगते हैं। साथ ही साथ तापमान, जैसे एक्सट्रिंसिक इन्क्यूबेशन पीरियड की अवधि पर प्रभाव डाल सकते हैं। एक बार जब मच्छर संक्रामक हो जाता है, तो वह अपने पूरे जीवन के लिए वायरस को बढ़ावा देता रहता है। डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, सिवाय इसके कि यह गर्भवती महिला से उसके बच्चे में फैल जाए। आपके पहले संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन अगर आपको DENV के किसी दूसरे संस्करण से दूसरा संक्रमण हो जाता है, तो गंभीर जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है। आपको यह जानकारी जरूर होना चाहिए कि डेंगू कभी भी किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसे गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि हो सकता है कि उनसे उनके बच्चे में फैल जाये। हालांकि पहले संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन अगर आपको DENV के किसी दूसरे संस्करण से दूसरा संक्रमण हो जाता है, तो इससे भारी परेशानी हो सकती है। अगर देशों की बात की जाए, तो डेंगू सबसे अधिक मध्य और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों और प्रशांत द्वीपों के लोगों को सबसे अधिक प्रभावित कर देता है। साथ ही अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी डेंगू का प्रभाव नजर आता ही है। साथ ही साथ बच्चों और बुजुर्गों को इस गंभीर बीमारी का ज्यादा जोखिम उठाना पड़ता है।
एक शोध पर अगर ध्यान दिया जाए, तो हर साल लगभग 400 मिलियन लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं, लेकिन अधिकांश में लगभग 80 प्रतिशत में कोई लक्षण नहीं दिखते।
कैसे मिल सकती है इम्युनिटी
एक बात आपके लिए यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि डेंगू वायरस के एक संस्करण से संक्रमित होने के बाद आप उससे इम्युनिटी प्राप्त कर सकती हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है कि वायरस (DENV) के कम से कम चार संस्करण (स्ट्रेन) हैं, इसलिए यह काफी जटिल स्थिति हो जाती है। इम्युनिटी की बात की जाये, तो आपकी इम्युनिटी ऐसी होती है, जिनका इस्तेमाल किया जाता है और फिर संक्रमण की पहचान की जाती है और फिर उससे लड़ने के लिए शरीर खुद को पूरी तरह से तैयार करता है। बता दें कि जब आपका शरीर किसी वायरस से लड़ता है, तो वह यह पता लगाने की कोशिश करता है कि आपके पास कौन-सा एंटीबॉडी है, जो उस खतरे को नष्ट कर सकता है। फिर वहीं एंटीबॉडी आपके शरीर पर हमला करने वाले हानिकारक वायरस को बेहतर करने की कोशिश करता है, साथ ही एंटीबॉडी यह समझ लेता है कि लक्ष्य पक्या है और फिर वह एक इम्यून सिस्टम को संभालने में मदद करता है, ताकि आपका शरीर उस वायरस से लड़ना सीख जाए, जिससे आपको बीमार होने की संभावना बिल्कुल नहीं रह जाएगी। एक जानकारी आपको और जाननी चाहिए कि DENV के चार प्रकारों में अगर आप एक से ग्रसित हो चुकी हैं, तो फिर आपको वह दोबारा नहीं परेशान करेगा। लेकिन यदि आप बाद में DENV के किसी अन्य संस्करण से संक्रमित हो जाती हैं, तो हो हो सकता है कि आप पर एंटी बॉडी काम न करे।
डेंगू के लक्षण
डेंगू से होने वाले संक्रमण की बात करें, तो इसकी सबसे बड़ी परेशानी यही होती है कि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और फिर हम यह मान लेते हैं कि अगर बुखार भी है, तो यह एक आम बात है, इसलिए इस बात को समझना बेहद जरूरी है कि बुखार का ध्यान रखना है, अगर वह होता है तो आपको तुरंत इसे गंभीरता से लेना है। साथ ही आपको अगर अपनी आंखों में कोई परेशानी या दर्द दिख रहा है या फिर मतली और उलटी जैसी समस्या महसूस हो रही है, तब भी आपको अपनी आंखों का ध्यान रखने की कोशिश करनी चाहिए और अलर्ट हो जाने के बारे में सोचना चाहिए। साथ ही साथ अगर मांसपेशियों की बात करें, तो हड्डियों और जोड़ों में दर्द की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती है। इस समय आपको समझ लेना चाहिए कि आपके बुखार ने डेंगू बुखार का रूप ले लिया है, वैसे डेंगू की परेशानी में आपको हमेशा मच्छर काटने के चार दिन बाद से दस दिन बाद ही यह परेशानी दिखने लगती है। और फिर चार से दस दिन तक आप इस परेशानी की चपेट में रह सकती हैं। डेंगू से पीड़ित मरीजों में से 20 में से लगभग 1 व्यक्ति में शुरुआती लक्षण खत्म होने के बाद गंभीर डेंगू विकसित हो सकता है। इसलिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि किस तरह से आपको डेंगू से खुद को बचाने की कोशिश करनी है। अगर हम गंभीर डेंगू की बात करें, तो गंभीर डेंगू जानलेवा भी हो सकता है। साथ ही साथ गंभीर डेंगू बीमारी खत्म होने के बाद भी अपना असर 24 से 48 घंटे बाद तक दिखाते रहते हैं। इस बात का भी ध्यान देना बेहद जरूरी है कि अगर आपको डेंगू हुआ है, इसका मतलब है कि आप उस इलाके में रहते हैं, जहां इसकी संख्या बहुत है। कई बार इसमें नाक से खून निकलने लगता है, परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसलिए काफी तकलीफ हो जाती है।
डेंगू से निदान
डेंगू से निदान पाने का निर्धारित कोई टैबलेट जैसी चीज नहीं है। कुछ एंटी बायोटिक के अलावा, ज्यादा से ज्यादा पानी पीना और साथ में लिक्विड डायट ज्यादा से ज्यादा पीना भी बेहद जरूरी है। साथ ही इसमें जितना अधिक आराम करेंगे,उतना आराम उनके लिए अच्छा रहेगा। एक बात का आपको ध्यान रखना है कि जहां भी बाल्टी में या पक्षियों के लिए किसी भी तरह का पानी जमा होकर रखा जा रहा है, उन्हें हटाना होगा। पुराने टायर को भी हटाइए और उन निचले स्थानों पर से भी पानी हटाइए, ऐसी जगहें जहां से मच्छरों के घर में आने की गुंजाईश है, उन्हें हटाइए। साथ ही रात में मच्छरदानी का उपयोग करने के बारे में सोचें।