एक वक्त था, जब डायबिटीज का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के मन में एक दहशत का माहौल छा जाता था, लेकिन आज इस बीमारी को लेकर स्थिति और परिस्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। आइए विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है।
डायबिटीज से होने वाली विभिन्न बीमारियां
व्यस्त जीवनशैली के कारण भारत में अधिकतर लोगों को उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की शिकायत है। विशेष रूप से डायबिटीज की बात करें तो भारत में डायबिटीज से होनेवाली मौतों की दर सबसे अधिक है, और इनकी वजह है डायबिटीज से होनेवाली विभिन्न बीमारियां। इनमें स्ट्रोक के साथ दिल से जुड़ी कई बीमारियां, हाइपरटेंशन, आंखों की रौशनी का जाना, किडनी फेलियर और नर्व डैमेज होने जैसी चीजें शामिल हैं। बीते कुछ सालों में रिसर्च में ये बातें सामने आई हैं कि डायबिटीज कुछ प्रकार के कैंसर से भी जुड़ा है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि कुछ बातों का ध्यान रखते हुए अगर जीवनशैली में बदलाव किये जाए, तो स्थिति बेहतर हो सकती है।
डायबिटीज अब नहीं रही गंभीर बीमारी
कभी डायबिटीज, इस कदर गंभीर बीमारी मानी जाती थी कि न चाहते हुए भी डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए सुननेवाले के मन में एक सहानुभूति का भाव आ ही जाता था। लेकिन आज मेडिकल साइंस के दौर में डायबिटीक मरीज चाहें, तो बिना किसी हेल्थ कॉम्प्लीकेशंस के कुछ चुनिंदा दवाइयों के साथ एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर न सिर्फ इस पर नियंत्रण पा सकती हैं, बल्कि इसे रिवर्स भी कर सकते हैं। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने। आप चाहें तो न सिर्फ आप डायबिटीज को रिवर्स कर सकती हैं, बल्कि इसे जड़ से भी खत्म कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए आपको चाहिए, डेली एक्सरसाइज और संतुलित खान पान के साथ मजबूत इच्छाशक्ति और दृश्य निश्चय। गौरतलब है कि संतुलित खान-पान का अर्थ डाइटिंग करना कतई नहीं है, बल्कि संतुलित भोजन का अर्थ है अपने शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करते हुए भोजन का चुनाव करना।
क्या करें, क्या न करें
डायबिटीज को नियंत्रण में रखने की सबसे पहली शर्त है अपने वजन को नियंत्रण में रखना और उसके लिए जरूरी है एक्सरसाइज के साथ अपने भोजन में अधिक से अधिक फाइबर का इस्तेमाल करना। तो इस बात का खास ख्याल रखें कि नियमित एक्सरसाइज के तौर पर अपनी दिनचर्या में हर रोज अपने लिए 30 मिनट की वॉक को स्थान जरूर दें। अगर ऑफिस या घर की व्यस्तता के कारण आपको एक साथ 30 मिनट नहीं मिल पा रहे हैं, तो 10 -10 मिनट के लिए सुबह, शाम और दोपहर का समय सुनिश्चित करें। अब रही बात खान-पान की तो, खाने में विटामिंस और मिनरल्स के साथ फाइबर युक्त भोजन का ही इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ वजन कम होता है, बल्कि ब्लड शुगर का स्तर भी कम होता है, जिसका अर्थ है दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होना। अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के अलावा विटामिंस और मिनरल्स के साथ ऐसी चीजें खाएं जो आपके शरीर को सूट करते हुए न सिर्फ आपका वजन कम करें, बल्कि आपको एनर्जी से भी भरपूर रखें, हां, मगर इस बात का खास ख्याल रखें, कि आप वजन बढ़ानेवाले व्हाइट कार्बोहाइड्रेट्स यानी मैदे से बने ब्रेड और पास्ता, सफेद चावल, आलू, चीनी और नमक से थोड़ी दूरी बनाएं।
फ्रूट्स खाएं, लेकिन जरा संभलकर
जब वजन कम करने की बात आती है तो अधिकतर लोग भोजन की बजाय फ्रूट्स और नट्स को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन बात जब डायबिटीज के लिए वजन कम करने की आती है, तो समझ में नहीं आता कि ऐसा कौन सा फ्रूट्स खाएं, जो ब्लड शुगर को प्रभावित किए बिना फायदेमंद साबित हो। अगर आप भी यही सोचती हैं, तो आपकी परेशानी हम कम कर देते हैं। सबसे पहले तो आप ये बात जान लें कि डायबिटीज में आपको अधिक से अधिक विटामिन-सी से भरपूर फ्रूट्स खाना है, जिनमें चेरी, प्लम, पीच, कीवी, संतरे और फाइबर युक्त फ्रूट जैसे सेब और पीयर का समावेश होता है। गौरतलब है कि इन फ्रूट्स के अलावा, जितना हो सके केला, चीकू, आम, अंगूर और जैकफ्रूट (पका कटहल) से दूरी बनाकर रखें। डायबिटिक मरीजों के लिए ये 5 फल विष के समान हैं, क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा बेहद कम और शुगर की मात्रा काफी अधिक होती है।
रातों रात बदलाव की उम्मीद न करें
आम तौर पर किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति यही चाहता है कि वह जल्द से जल्द तंदुरुस्त हो जाए, लेकिन ये तभी सम्भव है जब वो अपने को ठीक करने की सही दिशा में हो। आज के दौर में जहां हर दूसरी महिला बढ़ते वजन से परेशान है, वहीं अपनी सहेली को देखकर वो वजन कम करने का फैसला तो कर लेती है, लेकिन लम्बे समय तक उस पर कायम रह पाना उसके लिए मुमिकन नहीं हो पाता। पूरे परिवार के सुबह से लेकर रात तक के भोजन का पूरा ख्याल रखनेवाली औरतें, अपने लिए संतुलित भोजन के नाम पर किनारा कर लेती हैं। तो सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि पति और बच्चों से पहले आपको खुद को प्राथमिकता देनी होगी, क्योंकि आप अपने परिवार की रीढ़ की हड्डी हैं। ऐसे में आपका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है और इसी के साथ जरूरी है धैर्य रखने के साथ खुद को समय देना।
अपने साथ, अपनों का भी सहारा है जरूरी
डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए एक चीज जो सबसे ज्यादा जरूरी है, वो है प्रतिबद्धता। दवाइयों के जरिए आपको फिट रखने का काम आपके डॉक्टर्स करेंगे, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखने के लिए जरूरी है कि आपके साथ, आपका पूरा परिवार और आपके दोस्त भी आपके स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हों। डायबिटीज से छुटकारा दिलाने के लिए वे न सिर्फ आपको प्रेरित करें, बल्कि आपकी पूरी मदद भी करें। अगर आपके परिवार में किसी को पहले डायबिटीज था, तो ये भी पता लगाएं कि उन्हें किस लेवल का डायबिटीज था। साथ ही ये भी कोशिश करें कि इस बीमारी को लेकर अगर उन्होंने कोई गलती की है, तो आप वह गलती न दोहराएं।
दूसरों की सक्सेस स्टोरी सुनती रहें
काफी लोगों को जब पहली बार पता चलता है कि उन्हें डायबिटीज है, तो वे निराश हो जाती हैं। अगर आप भी उसी दौर से गुजर रही हैं, तो सबसे पहले अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए, अपने मन में ये बात बिठा लें कि डायबिटीज कोई ऐसी बीमारी नहीं, जिसे आप मात न दे सकें। डॉक्टर से कंसल्ट करके अपनी दवाइयां समय पर लेती रहें। एक्सरसाइज के साथ अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। अपने परिवार के साथ अपने दोस्तों से इस विषय में बात करें। साथ ही ऐसे लोगों से मिलें, जो इस बीमारी के साथ एक सामंजस्य बिठाकर अपनी जिंदगी खुशी से बीता रहे हैं। इसके अलावा, जितना अधिक हो सके उन लोगों की सक्सेस स्टोरी पढ़िए, जिन्होंने न सिर्फ डायबिटीज को मात दी, बल्कि अपने स्वास्थ्य को पहले से और बेहतर बनाया। इस तरह आप भी अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित करें।
एक्सरसाइज और संतुलित भोजन के साथ खुश रहना जरूरी
डायबिटीज पर जीत हासिल करने के लिए एक्सरसाइज और संतुलित भोजन से ज्यादा जरूरी है आपका खुश रहना। इसलिए कोशिश करें की ऐसे लोगों के साथ साथ ऐसी परिस्थितियों से भी आप दूर रहें, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल अच्छे नहीं है। संभव हो तो ये बात अपनों को भी बताएं, जिससे वे गलती से भी आपके सामने ऐसी कोई बात न करें, जिससे आपकी खुशियों को चोट पहुंचे। तन के साथ मन का खुश रहना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में यदि एक खुशहाल मन रहता है, तो एक खुशहाल मन, आपके स्वस्थ शरीर की चाबी है।