शक्कर यानी कि शुगर का इस्तेमाल हमारी सेहत पर गलत प्रभाव डाल सकती है। हालांकि शुगर का इस्तेमाल कब और कितना करना है, इसकी जानकारी लेकर हम इसके इस्तेमाल के साथ खुद की सेहत को भी सुरक्षा के घेरे में रख सकती हैं। लेकिन क्या आप जानती है कि केवल शुगर से नहीं बल्कि कई सारी ऐसी जरूरी बातें हैं, जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए। अगर आप यह सोचती हैं कि शुगर के अधिक इस्तेमाल से आप डायबिटीज का शिकार हुई हैं, तो यह गलत है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि डायबिटीज (मधुमेह) के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का भी अधिक ध्यान देना पड़ता है। आइए विस्तार से जानते हैं, इस मामले में एक्सपर्ट की राय।
शारीरिक और मानसिक
प्रमाणित मधुमेह शिक्षक, डॅाक्टर अल्का वालावलकर कहती हैं कि डायबिटीज महिलाओं की सेहत पर गंभीर तरह से असर डालती है। और यह समस्या डायबिटीज से जुड़ी है, जो कि महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करती है। जान लें कि डायबिटीज से पीड़ित होना महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नुकसानदायक होता है। हर एक महिला को यह जानना जरूरी है कि डायबिटीज से किस तरह का नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि आखिरकार डायबिटीज से कैसे महिलाओं को खुद को सुरक्षित रखना चाहिए। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि हार्मोन के संतुलित न रहने के कारण भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसमें जो इंसुलिन हार्मोन होता है उसका असंतुलन हो जाता है। और असामान्य रूप से इंसुलिन बॉडी में सक्रिय होने लगती है।इस वजह से पीसीओएस होने की भी समस्या हो सकती है। जिसके कारण महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और गर्भधारण में भी दिक्कत हो सकती है।
महिलाएं ऐसे रहें सावधान
ऐसे खाद्य पदार्थों का करें इस्तेमाल- पीसीओएस की समस्या से खुद को दूर रखने के लिए आपको कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए। ओट्स,ब्राउन राइस, छाछ, राजमा और आदि। ग्लाइसेमिक इंडेक्स के खाद्य पदार्थों की खूबी यह है कि यह आपके शरीर में धीरे- धीरे खाद्य पदार्थ शरीर में शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करता है। हाई ग्लाइसेमिक फूड की बात करें, तो इसमें कोल्ड ड्रिंक का नाम सामने आता है। इसको पीने से तुरंत आपका शुगर का स्तर बढ़ जाता है। आपको अपनी डाइट में सब्जियां और फलों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए। ध्यान रखें कि जिन खाद्य पदार्थों में शुगर का इस्तेमाल अधिक होता है, उनका इस्तेमाल आपको नहीं करना चाहिए। इसके साथ नियमित तौर पर आपको एक्सरसाइज करना चाहिए।
नियमित तौर पर जांच
दूसरा प्रभाव डायबिटीज से जो महिलाओं की सेहत पर पड़ता है, वो यह है कि हृदय रोग होने का खतरा। अगर आपको डायबिटीज होती है,तो साफ जाहिर है कि इसका असर आपके दिल की सेहत पर भी पड़ेगा और साथ ही आपको ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाएगा। खास करके अगर आपको मेनोपॅज है या फिर होने वाला है, तो डायबिटीज का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।इससे बचने के लिए आपको घर के खाने पर फोकस करना है। फास्ट फूड से आपको दूरी बनानी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा बाहर के खाने से दूरी बना कर रखें और अपने दिनचर्य़ा में ओमेगा 3 वाली फैटी एसिड वाले खाद्य पर्दाथों को शामिल करें, जैसे ओट्स , फ्लैक सीड्स का अधिक इस्तेमाल करें। ओमेगा फैटी एसिड के कारण आपका हार्ट भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही अपने ब्लड प्रेशर की भी नियमित तौर पर जांच करते रहें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपके ब्लड प्रेशर का रेंज क्या है। अगर हाई ब्लड प्रेशर है, तो आप इसके लिए दवाई ले सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज
तीसरी समस्या यह है कि कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज हो जाती है। इसे सस्टेनेबल डायबिटीज कहते हैं।साथ ही जिन महिलाओं को पहले से डायबिटीज है, प्रेग्नेंसी के समय उन महिलाओं को अधिक समस्या आ सकती है। बात अगर सस्टेनेबल डायबिटीज की करें, तो इससे महिलाओं की सेहत पर यह असर होता है कि इसका प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी होता है। उसके कारण प्री मैच्योर डिलीवरी होना और बच्चे का वजन कम होने की समस्या हो सकती है। अगर आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं या प्रेग्नेंट हैं, तो बहुत जरूरी है कि अपने शुगर के लेवल की जांच कराएं। संतुलित आहार खाएं और अपनी एक्टिविटी को मेंटेन रखें। अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं एक्टिविटी कम कर देती हैं, लेकिन ऐसा करना नहीं चाहिए। वॉकिंग सबसे अच्छी और सुरक्षित एक्सरसाइज है।
सभी अंगों पर बुरा प्रभाव
अगर आप शुगर कंट्रोल नहीं रखती हैं, तो आपकी आंखें और किडनी के साथ सभी अंगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। पैरों में दर्द और चलने में भी तकलीफ होती है। अगर आप डायबिटीज कंट्रोल नहीं रखती हैं, तो इसका असर आपकी आंखों में भी होता है। इससे आपके आंखों की रोशनी कम हो सकती है। साथ ही आपकी किडनी पर भी असर पड़ता है। आपकी किडनी जो फिल्टर करती है, आपके ब्लड को और यूरिन बनाती है, वो अपना काम ठीक से नहीं करेगी,तो वहां पर आपको बहुत सारी दिक्कतें हो सकती हैं। आपकी न्यूरोपैथी हो सकती है। आपकी नर्व डैमेज हो सकती है। जिसकी वजह से आपके हाथ और पैरों में तकलीफ शुरू हो जाती है। यह सब करने के लिए आपको अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रखना है। अगर आपको डायबिटीज है, तो आपको नियमित तौर पर अपने शरीर की जांच करानी चाहिए। कहीं कोई दूसरा ऑर्गन डैमेज तो नहीं हो रहा है। बहुत ज्यादा शक्कर के इस्तेमाल के साथ बहुत अधिक नमक का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। साथ ही बहुत सारा पानी पीना चाहिए। ताकि किडनी के ऊपर प्रेशर न आएं।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
एक सबसे जरूरी चीज, जो डायबिटीज के कारण महिलाओं में होती है, वो है मानसिक स्वास्थ्य पर असर। डायबिटीज की वजह से कई सारी महिलाओं को तनाव और चिंता का शिकार होना पड़ता है। ब्लड शुगर ऊपर और नीचे होने लगता है। इसके लिए बहुत जरूरी है आप जो अपने डायबिटीज को बहुत पॉजिटिव हैंडल करें। मेडिटेशन करें।बहुत ज्यादा काम लगातार न करें। शरीर को आराम दें और अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। क्योंकि अगर शुगर लेवल ऊपर नीचे होता है, तो उसका असर सीधे आपके दिमाग पर पड़ता है। आप जो है डिप्रेशन में भी जा सकती हैं। महिलाओं के लिए सबसे जरूरी स्किन भी होता है, तो डायबिटीज के लिए स्किन इंफेक्शन होने के चांस बढ़ जाते हैं, क्योकि उससे आपकी इम्युनिटी कम हो जाती है। इसलिए अपनी त्वचा को साफ रखें। साथ ही अगर आपको कोई चोट लगी है, तो उसका इलाज कराएं। क्योंकि जब आपको डायबिटीज रहता है, तो घाव जल्दी भरते नहीं है। छोटा सा भी घाव है, तो डॉक्टर को दिखाएं। नेचुरल फलों का सेवन अधिक करें।स्किन के साथ आपको कहीं भी शरीर में चोट लगती है, तो हीलिंग का प्रोसेस धीमा हो जाता है। इसलिए किसी भी चोट को अनदेखा न करें। आंखों की जांच लगातार कराएं। सुधार के लिए आप सब्जियों और फलों का सेवन अच्छे से करें। फल कम और सब्जियां ज्यादा। 30 मिनट से 1 घंटे का वॅाक। वॉकिंग बेस्ट है डायबिटीज के लिए। योग करें और हमेशा अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच हमेशा करें। ब्लड शुगर पर नजर रखना बहुत जरूरी है। इसी से आपके शरीर के ऑर्गन की जिंदगी जुड़ी है। आप यह मान लीजिए कि डायबिटीज अगर गाड़ी है , तो उस पर संयम बनाने के लिए गाड़ी के चार पहिए यानी कि पहला आप क्या खा रहे हैं, दूसरा आप कितनी एक्सरसाइज कर रहे हैं, तीसरा आपका माइंड सेट कैसा है और चौथा आपकी नींद कैसी है। आपको अपने आहार पर विशेष ध्यान देना। आपको हर दिन शरीर से जुड़ी कोई न कोई एक्टिविटी करनी है। 30 मिनट वॉक बहुत अच्छा है। हर दिन रात सात से आठ घंटे की नींद होना बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया पर ध्यान कम दें। अगर आप अच्छे से सोती हैं, तो डायबिटीज पर कंट्रोल रखना बहुत आसान होगा। आपके तनाव को कम रखें। तनाव के कारण बहुत लोगों को डायबिटीज है, इसलिए बहुत वर्कहोलिक न बनें। ध्यान करें। इस तरह से आप अपनी सेहत को कंट्रोल में रख सकती हैं।