मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स का एक महिला के शरीर पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है। मासिक धर्म( पीरियड) अनियमित हो या फिर नियमित इसका प्रभाव सेहत पर कई तरह से पड़ता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने पीरियड्स में आने वाली परेशानी को समझे और उसका सही उपचार करें। जानकारों का मानना है कि अनियमित पीरियड्स के कारण आपको कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पीरियड्स को नियमित करने के लिए आपको अपने खान-पान से लेकर जीवनशैली में भी कई तरह के बदलाव करने चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से।
सबसे पहले अपने आहार की जांच करें
कई बार ऐसा होता है कि जब आपको जरूरी आहार नहीं मिलता है, तो इससे भी पीरियड्स नियमित नहीं हो पाता है। जानकारों का मानना है कि सही तरीके से नहीं खाना खाने पर और शरीर को पोषण तत्वों का पोषण नहीं मिलने पर भी ग्रंथियों(ग्लैंड्स) पर दबाव पड़ता है। माना जाता है कि शरीर में मौजूद यह ग्रंथियां(ग्लैंड्स) ही शरीर में हार्मोन को संतुलित करते हुए नियंत्रित करती है। यह माना गया है कि शरीर को पर्याप्त कार्ब्स नहीं मिलने पर भी अनियमित पीरियड्स की संभावना बढ़ जाती है। सही मात्रा में प्रोटीन, हरी सब्जियों के सेवन के साथ फलों का सेवन भी करना चाहिए। अगर आप सही समय पर भोजन लेते हैं और साथ ही सही तरीके से खाने का सेवन करती हैं, तो इससे आपको पीरियड्स की समस्या कम हो जाती है, क्योंकि आपके शरीर को अंदरूनी तौर पर काम करने के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है।
योगासन भी पीरियड्स को नियमित करने के लिए जरूरी
योग जानकारों का मानना है कि मालासन करना पीरियड्स को नियमित करने और पेट में दर्द होने की समस्या से बचने के लिए जरूरी होता है। मालासन को करने के लिए फर्श पर बैठ कर एड़ियों को जमीन से उठाते हुए सांस छोड़े और फिर धड़ को जांघों( थाइज) के बीच फिट करते हुए शरीर को आगे की तरफ झुकाए। इसके बाद दोनों हाथों को मोड़ते हुए कोहनी( एल्बो) को जांघों पर रखें और अब अपनी बांहों को घुमाएं और एड़ी को थोड़ा ऊपर उठाएं। इसके बाद उष्ट्रासन, धनुरासन और मत्यासन के जरिए भी अपने योगा को नियमित कर सकती हैं। यह भी जान लें कि अगर आपने पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का पालन नहीं किया तो। पीरियड्स के दौरान इन्फेक्शन और बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकती हैं। जानकारों का मानना है कि पीरियड्स के शुरू के दिन हर 3 या 4 घंटों में पैड बदलना चाहिए। दिन के दौरान आप काफी एक्टिविटी करते हैं, इसलिए रक्त प्रवाह अधिक होता है। लंबे समय तक उपयोग से रैशेज और हानिकारक बैक्टीरिया का खतरा हो सकता है, जो इन्फेक्शन और बीमारी फैला सकता हैं।”
पीरियड के वे 4 दिन, ऐसे रखें ख्याल
पीरियड के दौरान शुरुआत के चार दिन ऐसे होते हैं, जब आपको अपनी सेहत का सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए। इस दौरान मूड स्विंग्स बहुत होते हैं। ब्लोटिंग की भी समस्या हो जाती है। कई बार क्रैम्प्स भी पड़ते हैं, तो ऐसे में कुछ भी अनहेल्दी खाना सही नहीं है, इसलिए हम आपको उन पांच चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका आपको सेवन करना चाहिए। इसमें सबसे पहले बारी आती है, छुआरा की। छुआरा को रात में भिगोने के लिए छोड़ दिया जाए, तो सुबह उन्हें नाश्ते के समय लिया जाए, तो यह सेहत के लिए बेहतरीन साबित होते हैं। मछली के सेवन से भी आपको पीरियड में काफी आराम मिलता है। इसमें जो फैटी एसिड होता है और विटामिन ई होती है।अलसी में काफी अधिक ओमेगा 3, फैटी एसिड और फाइबर की प्रचुर मात्रा में होती है। इसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम और मैग्नेशियम भी होता है। पीरियड के दौरान पपीता, नाशपाती, गाजर और ऐसे कई फल खा सकें। इसके अलावा, दालचीनी को पाउडर के रूप में आपको एक बर्तन में डाल कर उबाल लें और फिर उबालने के बाद उस पानी को चाय के रूप में पिएं। इससे आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी। ब्लड सर्कुलेशन में यह आराम दिलाती है। साथ ही पीरियड को भी नियमित करती है।
आयुर्वेद में मिलता है घरेलू इलाज
पीरियड्स यानी कि पीरीयड्स को नियमित करने के लिए दादी और नानी के नुस्खे भी काफी काम आ सकते हैं। आयुर्वेद में ऐसे कई सारे उपचार हैं, जो कि मासिक धर्म को करने के लिए किए जाते हैं। आयुर्वेद जानकारों के अनुसार हल्दी को पीरियड्स को नियमित करने के लिए जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है। यह माना गया है कि हर दिन अदरक का सेवन अदरक की चाय के तौर पर या फिर चटनी के तौर पर करने से पीरियड्स को नियमित करने में बहुत सहायता मिलती है। यहां तक कि सौंफ का सेवन करने से भी पीरियड्स को नियमित करने में सहायता मिलती है। अनानास और कच्चा पपीता को भी मासिक धर्म को नियमित करने के लिए सही माना गया है, हालांकि पीरियड्स को नियमित करने के लिए किया उपचार आपको एक या दो महीने में अपना फायदा दिखा सकता है। इसके अलावा, पीरियड्स को नियमित करने के लिए आप चिकिस्तक की सलाह लें, बिना चिकित्सक की सलाह के आप कोई भी उपचार को न करें, यह आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
तनाव भी होता है पीरियड नियमित न होने का कारण
कई जानकारों का मानना है कि पीरियड नियमित न होने की एक वजह तनाव भी होती है। जी हां, तनाव के कारण मासिक धर्म देरी से आने की समस्या अक्सर पाई जाती है। ऐसे हालात में भी आपको चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए। यह माना गया है कि तनाव अनियमित पीरियड का बहुत बड़ा कारण होता है। यह माना गया है कि महिलाओं के शरीर के अंदर एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन नाम के तीन तरह के हार्मोन होते हैं। यह तीनों हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाने के बाद ही अनियमित पीरियड्स की समस्या देखने को मिलती है। कई बार ज्यादा दवाईयों के सेवन के कारण भी नियमित मासिक धर्म की समस्या देखी गई है। यही वजह है कि अगर आप अपनी जीवनशैली में सही तरह का बदलाव करते हैं और इसके योग करते हैं और सकारात्मक रहते हैं, तो पीरियड्स नियमित होने की गुजाइंश बढ़ जाती है।